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Lawrence interview case: लॉरेंस इंटरव्यू विवाद में नया तूफान, पुलिसकर्मी पॉलीग्राफ टेस्ट से पीछे हटे, दबाव का लगाया आरोप

लॉरेंस बिश्नोई इंटरव्यू विवाद में नया मोड़ आ गया है, जब छह पुलिसकर्मी पॉलीग्राफ टेस्ट से पीछे हट गए। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों पर दबाव डालने का आरोप लगाया है। आज मोहाली अदालत में इस मामले की अहम सुनवाई होगी।

Lawrence interview case: तीन साल पुराने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के चर्चित इंटरव्यू मामले ने अब एक और नाटकीय मोड़ ले लिया है। पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए पहले हामी भरने वाले छह पुलिसकर्मी अब अचानक पीछे हट गए हैं। मोहाली जिला अदालत में दाखिल अर्जी में पुलिसकर्मियों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन पर जबरन सहमति देने का दबाव बनाया गया था। अदालत ने तत्काल प्रभाव से पॉलीग्राफ टेस्ट पर रोक लगा दी है और आज मामले की फिर से सुनवाई तय की है।

वकील बोले: दबाव में ली गई थी सहमति

पुलिसकर्मियों के वकील सुल्तान सिंह संघा ने अदालत में दायर पुनरीक्षण याचिका में बताया कि उनके मुवक्किलों ने वरिष्ठ अधिकारियों के दबाव में आकर टेस्ट की सहमति दी थी। सहमति दर्ज कराते वक्त न तो उनके पास कोई कानूनी सलाहकार मौजूद था और न ही स्वतंत्र माहौल। वकील के अनुसार, जब सहमति ली जा रही थी, उस समय कोर्ट में एडीजीपी रैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी की मौजूदगी ने दबाव की स्थिति साफ कर दी थी।

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कौन हैं वे छह पुलिसकर्मी?

जानकारी के मुताबिक, मुख्तियार सिंह, सिमरनजीत सिंह, हरप्रीत सिंह, बलविंदर सिंह, सतनाम सिंह और अमृतपाल सिंह—ये छह पुलिसकर्मी शुरू में पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए तैयार हुए थे। जांच एजेंसियों को शक है कि लॉरेंस का जेल के भीतर से इंटरव्यू होना जेल प्रशासन या पुलिस कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं था। इस साजिश की परतें खोलने के लिए पॉलीग्राफ टेस्ट अहम माना जा रहा था।

अदालत की सख्ती, एसआईटी की जांच

इस पूरे प्रकरण की जांच पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर गठित एसआईटी कर रही है। अदालत भी इस मामले में किसी तरह की ढिलाई के मूड में नहीं है। आज की सुनवाई में पुलिस अधिकारी अदालत में पेश होकर संबंधित रिकॉर्ड भी पेश करेंगे।

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पहले भी हो चुकी है बड़ी कार्रवाई

लॉरेंस इंटरव्यू कांड के सामने आने के बाद पंजाब सरकार ने डीएसपी गुरशेर सिंह संधू समेत छह पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। इन अफसरों पर ड्यूटी में गंभीर लापरवाही और सुरक्षा चूक के आरोप लगे थे। सस्पेंड किए गए अधिकारियों में डीएसपी समर वनीत, सब-इंस्पेक्टर रीना, एलआर जगतपाल जग्गू, एलआर शगनजीत सिंह, एएसआई मुख्तियार सिंह और हेड कांस्टेबल ओम प्रकाश शामिल हैं।

इंटरव्यू में कबूला था मूसेवाला के कत्ल का जिम्मेदार

लॉरेंस बिश्नोई का पहला इंटरव्यू 14 मार्च को प्रसारित हुआ था, जिसने पूरे देश में सनसनी मचा दी थी। इंटरव्यू में लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली थी और दावा किया था कि मूसेवाला ने उसके दोस्त विक्की मिड्डूखेड़ा की हत्या में भूमिका निभाई थी, जिसके चलते उसने बदला लिया।

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बाद में आए एक अन्य इंटरव्यू में लॉरेंस ने जेल के भीतर से मोबाइल फोन के जरिए कॉल करने के तरीकों का भी खुलासा किया था। उसने बताया था कि रात में जेल गार्ड्स की मौजूदगी कम रहती है, जिससे वह आसानी से कॉल कर पाता था। मोबाइल फोन भी जेल की दीवारों से फेंक कर या जेल कर्मचारियों की मिलीभगत से अंदर पहुंचते थे।

आज फिर सुनवाई पर टिकी निगाहें

अब जब पुलिसकर्मी पॉलीग्राफ टेस्ट से पीछे हट गए हैं और दबाव के आरोप सामने आए हैं, तो अदालत की आज की कार्यवाही बेहद अहम मानी जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि अदालत इस मामले में आगे की जांच को लेकर सख्त कदम उठा सकती है। आने वाले दिनों में इस केस से जुड़े और बड़े राज खुलने की पूरी संभावना है।

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