नई दिल्ली। पटियाला हाउस कोर्ट की एनआईए अदालत ने बुधवार को टेरर फंडिंग मामले में जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनायी है। इसके साथ ही उस पर दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यासीन ने 11 मई को अदालत के समक्ष अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को कबूल किया था।
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एनआईए अदालत के फैसला सुनाये जाने के दौरान पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये। वहां पर बम निरोधक दस्ता तैनात किये जाने के साथ ही डॉग स्क्वायड की दो टीमें भी मौजूद रही। यासीन को अदालत में पेश किये जाने से पूर्व डीसीपी के नेतृत्व में वहां चप्पे-चप्पे की तलाशी ली गयीऔर सब कुछ ठीक मिलने पर ही उसे कोर्ट में पेश किया गया। उधर यासीन के जम्मू-कश्मीर के घर के बाहर उसके समर्थकों ने नारे लगाते हुए हंगामा करते हुए पत्थरबाजी की गई, लेकिन सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़कर मामले की नियंत्रण कर लिया गया।
अलगाववादी यासीन मलिक के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए )द्वारा दाखिल की गयी चार्जशीट में टेरिंग फंडिंग मामले से देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, हिंसा फैलाने और अलगाव आंदोलन चलाकर देश विरोधी काम करने के आरोप थे, जिसे उसने अदालत में मान लिया था। यासीन मलिक के अपराध स्वीकारोक्ति पर एनआईए अदालत ने उसे आईपीसी की धारा 120 बी, 121,121ए, और यूपीपीए की धारा 13,16, 17, 18, 29, 38, 39 और 40 के तहत दोषी करार दे दिया है। उसकी सजा पर 19 मई को जिरह हुई थी, जिसमें एनआईए ने यासीन मलिक को फांसी की सजा दिये जाने की मांग की थी। अदालत ने सजा पर फैसला 25 मई तक के लिए सुरक्षित रखा था।
आज एनआईए की पाटियाला हाउस अदालत ने आतंकी यासीन को आईपीसी की धारा 120 बी, 121,121ए, और यूपीपीए की धारा 13,16, 17, 18,29, 38, 39 और 40 के तहत अलग अलग सजा देते हुए देशद्रोह और देश के खिलाफ लडाई करने के आरोप में सजा सुनायी।
लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद, हिजबुल मजाहिदीन चीफ सैयद सलाउदीन,अलगाववादी नेता शब्बीर शाह, मर्सरत आलम, फारुख अहमद डार, मोहम्मद युसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ शाह, अकबर खांड़े, मेहराजुद्दीन कलवाल के खिलाफ अदालत में ट्रायल चलेगा। दो आरोपी हाफिज सईद और सैयद सलाउदीन पाकिस्तान में रहने की वजह से वे अदालत द्वारा पहले ही भगौड़ा घोषित किये जा चुके हैं।