ट्रेंडिंगन्यूज़बड़ी खबरराजनीति

India-China Border: चीन ने अरुणाचल प्रदेश से लेकर अक्साई चीन पर किया दावा, विपक्ष का मोदी सरकार पर हमला

India-China Border: जिस बात की सालों से आशंका थी आखिर चीन ने वाकई कर दिखाया। दो साल पहले नेपाल ने कई भारतीय सीमाई क्षेत्र (India-China Border) को अपने नक़्शे में दिखाया था जिससे नेपाल और भारत के बीच भी विवाद खड़ा हुआ था और कई व्यापारिक सरोकार भी बन रुक गए थे। हालांकि बाद में नेपाल सरकार ने बहुत कुछ साफ़ किया लेकिन वह नक्शा का विवाद आज भी चल रहा है। नेपाल ने अभी तक अपना नक्शा नहीं बदला है।

india china border

Read: India Latest News in Hindi | Aaj Ki taza Khabar | News Watch India

इधर चीन ने सोमवार को अपना नया नक्शा जारी किया है। चीन हर साल नया नक्शा जारी करता है और अपने भूगोल को दर्शाता है। अपने नए नक़्शे में चीन ने इस बार अरुणाचल प्रदेश, लदाख के कई इलाके समेत अक्साई चीन को भी अपना भूगोल मान बैठा है। लदाख को तो वह काफी पहले से ही तिब्बत का अंग मानता रहा है। इसके साथ ही चीन ने ताइवान को भी अपना क्षेत्र माना है। चीन के इस खेल के बाद देश की राजनीति भी गर्म हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी अब तक कहते रहे हैं कि देश की सीमा (India-China Border) में कोई नहीं आया है और किसी की हिम्मत भी नहीं है आने की। लेकिन अब जो खबरें साफ़ होती जा रही है उससे लगने लगा है कि लद्दाख के इलाके में चीन ढाई हजार से 4 हजार वर्ग किमी की दूरी तक भारत के भीतर पहुंच गया है और अपनी सेना तैनात कर रखा है। पहले भारत लद्दाख में सेना की निगरानी के लिए बनाये गए 56 पॉइंट तक पेट्रोलिंग होती थी अब भारतीय सेना मात्र 26 पॉइंट तक ही पेट्रोलिंग कर पा रही है। जब भी भारतीय सेना आगे बढ़ना चाहती है। चीनी सेना आगे बढ़ने से रोकती है। खबर तो ये भी है कि बहुत से इलाके में चीनी सेना ने बंकर तैयार कर रखे हैं और स्थाई कैम्प बनाये हुए है।

india china border

अब देश के भीतर चीनी खेल को लेकर राजनीतिक उफान मच गया है। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने प्रधानमंत्री मोदी पर हमला करते हुए कहा है कि अभी जी-20 की बैठक में चीन भी दिल्ली आ रहा है। उससे या तो साफ़-साफ़ बात की जानी चाहिए। और सबसे बड़ी बात तो यह है कि जो देश हमारे साथ ऐसा व्यवहार कर रहा है उसे स्वागत करने की भी जरूरत नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी को बात साफ़ करनी चाहिए और चीन को दो टूक जवाब देने की जरूरत है।

बता दें कि पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में चीन ने हाल के वर्षों में कई इलाकों को अपने कब्जे में लेने का काम किया है। जबकि अक्साई चीन का मामला 1962 की लड़ाई का है जब चीन ने हमसे वह जगह छीन ली थी। हालांकि अक्साई चीन पर अभी भी भारत का कब्जा मानता है लेकिन सच तो यही है कि हजारों एकड़ जमीन पर चीन का कब्जा (India-China Border) है। लेकिन जिस तरह से अरुणाचल को लेकर चीन ज्यादा सक्रिय हुआ है वह चिंता करने की बात है। बता दें कि अरुणाचल को चीन कई सालों से अपना हिस्सा मानता है और बराबर सीमाई इलाकों में झड़पे भी होती है। लेकिन अब चीन ने जब इस भारतीय इलाके को अपने नक़्शे में दर्ज किया है, तो जाहिर है कि आने वाले समय में अरुणाचल प्रदेश को वह विवादित इलाका घोषित करना चाहता है। ऐसे में अब इस बात की जरूरत है कि चीन के साथ दो टूक बात करने की जरूरत है।

उद्धव शिवसेना सांसद संजय राउत ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा है कि अभी प्रधानमंत्री ब्रिक्स की बैठक में जोहान्सबर्ग गए थे। वहां चीनी राष्ट्रपति से भी मिले। जिनपिंग को गले लगाया। उसके बाद चीन का मैप आता है और हमारे कई क्षेत्रों को अपने इलाके में दिखाता है। अब तो पीएम मोदी को जिनपिंग से पूछना चाहिए। ऐसे राहुल गाँधी ने तो सच ही कहा है कि चीन ने हमारी बहुत जमीन ले ली है। ऐसे में सरकार में हिम्मत है तो चीन पर सर्जिकल स्ट्राइक करके दिखाएं।

Akhilesh Akhil

Political Editor

Show More

Akhilesh Akhil

Political Editor

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button