Karnataka Election: कांग्रेस और बीजेपी के बीच अब होगा महासंग्राम, आप और जेडीएस की राजनीति पर सबकी निगाहें
Karnataka Election News! संभावनाओं पर टिकी राजनीति के अंतिम परिणाम क्या होते हैं इसे कोई नही जानता। जान भी नही सकता। जनता तो हमेशा मौन ही रहती है। कर्नाटक (Karnataka) की जनता उत्तर भारतीय जनता से कुछ ज्यादा ही विकसित हैं और उनकी मांग भी कुछ अलग तरीके की ही होती है। इस बार के चुनाव में कांग्रेस (Congress) पूरी ताकत के साथ मैदान में है। किसी भी सूरत में उसे कर्नाटक की सत्ता चाहिए। ऐसा हुआ तो बीजेपी (BJP) को झटका लगेगा और फिर 2024 के लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) के लिए नया माहौल भी बनेगा। लेकिन क्या यह सब इतना आसान है ? उधर बीजेपी किसी भी सूरत में सत्ता पर काबिज करने की लड़ाई लड़ रही है। उसे पता है कि कर्नाटक हाथ से निकल गया तो उसके हाथ से दक्षिण की राजनीति निकल जायेगी। फिर अगले लोकसभा चुनाव में खेल खराब हो सकता है। दोनो बड़ी पार्टियों की अपनी कहानी है और अपनी चुनौती भी।
इसी बीच एक तीसरा धरा भी मैदान में है। जेडीएस (JDS) की राजनीति को कमतर नहीं माना जा सकता। जेडीएस को सोनी खास राजनीति है और खास वोट बैंक भी। जीतने भी चुनाव हुए है उसमे जेडीएस एक वोट बैंक के साथ ही खास सीट पर खड़ी रही है। कहा जा रहा है कि इस बार जेडीएस को कुछ ज्यादा ही लाभ हो सकता है। कितना लाभ होगा यह तो परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा। लेकिन खबर और माहौल को देखते हुए कहा जा सकता है कि जेडीएस इस बार बहुत उलट फेर कर सकती है। इस बार आप पार्टी भी मजबूती से मैदान में उतरी है। हालांकि उसके लिए यह पहला चुनाव है लेकिन जिस तरह से आप कुछ इलाकों में मजबूत दिख रही है उससे लगता है कि अगर कुछ सीटें पाने भी वह सफल हो गई तो कांग्रेस और बीजेपी का खेल खराब हो सकता है। आप को कमतर नहीं नही माना जा सकता। बीजेपी की भी आप पर खास नजर है। इसी बीच की खबर यह है कि चुनाव से जुड़े नामांकन की प्रक्रिया कल खत्म हो गई। अब प्रचार और वादा करने की राजनीति है। लिंगायत और बोकलिंगा समाज को साधने की राजनीति है। कौन किस पर कितना भारी पड़ता है इसे देखने की बात है।
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कल एक नई घटना और भी हुई। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार के भाई ने सुरेश ने भी नामांकन भरा है ।अपने भाई को सीट से ही। जब सुरेश नामांकन भर रहे थे तब सब चकित हो गए ।अपने भाई के खिलाफ सुरेश का नामांकन चर्चा का विषय बन गया। डीके शिवकुमार कनकपुरा सीट से उम्मीदवार हैं ।वे यही से चुनाव जीतते रहे हैं ।उनके भाई डीके सुरेश ने भी से नामांकन भरा है। सुरेश कांग्रेस के सांसद भी हैं और काफी चर्चित भी।
क्या सुरेश अपने भाई के खिलाफ मैदान में उतरे हैं ? यह बड़ा सवाल है। बाद में कांग्रेसियों ने कहा कि सुरेश ने अपने भाई का नामांकन रद्द होने की स्थिति में बैक अप प्लान के तहत नामांकन किया है। यह सब खेल इसलिए किया गया कि शिवकुमार के खिलाफ कई मामले हैं और सरकार की नजर भी उन पर है। बीजेपी चाहती है कि शिवकुमार को किसी भी तरह से ।मैदान से बाहर किया जाए। डीके सुरेश ने कहा कि मैं कनकपुरा से मतदाता हूं। मुझे यहां से चुनाव लडना चाहिए। हमारी पार्टी के लोगों ने भी कहा है। हम कुछ साजिश के बारे में सुन रहे हैं। इसलिए रणनीति के तौर पर हमने नामांकन किया है। बीजेपी ने कनकपुरा से अपने मंत्री और बोकालिंगा समाज के नेता आर अशोक को मैदान में उतारा है ।सुरेश ने कहा कि इस आदमी का इस निर्वाचन क्षेत्र से कोई लेना देना भी नही है। कांस्कपुरा के लोग सब जानते हैं और बीजेपी को सब पता हो जायेगा। है भी नही झुकेंगे।