Karnataka News: कर्नाटक में ताज किसके सर चढ़ता है इसको लेकर कांग्रेस के दो बड़े नेतों के बीच रार जारी है। चुनाव के दौरान इस रार को छुपाया गया था। दोनों नेताओं सिद्धरमैया और शिवकुमार की प्रेम और मनुहार वली तस्वीरें खूब सामने आई थी लेकिन सच यह नहीं है। अक्सर ऐसा होता ही है जहां दो नदी दिग्गज नेता होते हैं उसमे चयन कारण पार्टी हाई कमान के लिए भारी पड़ता है। कर्णाटक को लेकर जो कुछ भी दिख रहा है उसी की बानगी है। हलाकि इसका निर्णय तो होगा लेकिन आगे चलकर कर्नाटक की राजनीति किस रह पर जाएगी इसे भी देखने की जरूरत होगी। अगले साल लोकसभा चुनाव है और बीजेपी अब पूरी टकट के साथ कर्नाटक को बचाने की तैयारी में जुट गई है।
इधर पटना में कर्नाटक के शपथ ग्रहण समारोह का इन्तजार किया जा रहा है। नीतीश कुमार विपक्षी एकता की बैठक पटना में करना चाह रहे हैं। खबर के मुताबिक कई विपक्षी दलों को निमंत्रण भी भेजा जा चुका है। इन्तजार है केवल कांग्रेस के नेताओं की सहमति का। कहा जा रहा है कि कर्नाटक की ताजपोशी के बाद कांग्रेस के लोग खाली हो जायेंगे और फिर पटना की तैयारी शुरू हो जाएगी।
पटना में विपक्षी एकता की बड़ी कवायद होनी है। लक्ष्य एक ही है कि आगामी चुनाव में बीजेपी को हराया जाये। इस लक्ष्य को पाने के लिए काफी समय से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार विपक्षी नेतों से मिल रहे हिन्। कई नेताओं से मुलाकात के बाद ऐसा लग रहा है कि कुछ शर्तों के बढ़ एकता की संभावना बन सकती है हालांकि अभी भी इसमे की पेंच है। लेकिन कुमार को लग रहा है कि सभी पेंच को ख़त्म किय जा सकता है। यह कोई मामूली खेल नहीं है। इतने बड़े पैमाने पर सभी पार्टियों को एक मंच पर लाना मुश्किल तो है लेकिन नामुमकिन नहीं। अगर यह हो गया तो खेल नया हो सकता है। कुमार को यह भी लगता है कि कर्नाटक चुनाव के बाद कांग्रेस के साथ ही विपक्षी दलों को भी लगा है कि बीजेपी को हराया जा सकता है।
पटना में विपक्षी एकता की बैठक कब होगी इसकी तारीख अभी तय नहीं हुई है। पहले कहा जा रहा था कि कर्नाटक चुनाव के बाद 17 या 18 तारीख को यह बैठक हो सकती है लेकिन अब माना जा रहा है कि यह बैठक 20 के बाद संभव हो सकता है। जदयू के नेता भी कह रहे हैं कि कांग्रेस जैसे ही कर्नाटक से खाली होगी बैठक की तारीख तय कर दी जाएगी।
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कहा जा रहा है कि इस प्रस्तावित बैठक में 15 से ज्यादा दलों के नेता शामिल होंगे। इस बैठक में वे दल भी शामिल हो रहे हैं जो अपने अपने इलाके में क्षत्रप हैं और मजबूत भी। इस बैठक में वे दल भी शामिल होंगे जो अभी तक कांग्रेस के खिलाफ ही चुनाव लड़ते रहे हैं। इस बैठक में एनसीपी ,आम आदमी पार्टी ,टीएमसी ,डीएमके ,आईएनएलडी ,राजद ,वाम दल ,जदयू ,झामुमो ,उद्धव शिवसेना , सपा ,लोकदल ,एआईयूडीएफ जैसी पार्टियां शिरकत कर सकती हैं। इसके साथ ही केसीआर की पार्टी के लोग भी आएंगे।नीतीश कुमार कहते रहे हैं कि पहले सभी पार्टी के नेताओं से हम मिल रहे हैं। जितनी अधिक पार्टियां एकता में शामिल होंगी उतना बढ़ रिजल्ट मिलेगा। नीतीश कुमार को लग रह है कि आने वले समय में बीजेपी को भरी चुनौती दी जा सकती है ।