लखनऊ: भारतीय अंगदान दिवस के अवसर पर स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (एसओटीटीओ) और एसजीपीजीआईएमएस के डिपार्टमेंट ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन के संयुक्त तत्वावधान में एचजी खुराना ऑडिटोरियम में ‘ब्रेन स्टेम डेथ डिक्लेरेशन : वे टू आर्गुमेंट डिसीज्ड डोनेशन’ सेमिनार का आयोजन किया गया। इस आयोजन में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह ने प्रतिभाग किया और अंगदान के महत्व पर जोर दिया।
अंगदान से मिल सकता है जीवन का दूसरा मौका: मुख्य सचिव
अपने संबोधन में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि अंगदान से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को जीवन का दूसरा मौका मिल सकता है। उन्होंने कहा कि अंग प्रत्यारोपण की दर को और बेहतर बनाने के लिए आवश्यक पहल को प्राथमिकता देना होगा और जन जागरूकता को बढ़ाना बेहद जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि वे जल्द ही इस कार्यक्रम को गति देने के लिए सभी सरकारी विभागों के साथ बैठक करेंगे, ताकि अंगदान को लेकर जागरूकता और समन्वय को और बेहतर बनाया जा सके।
रील और नारा प्रतियोगिता के विजेताओं को किया गया सम्मानित
मुख्य सचिव ने अंगदान को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए आयोजित रील और नारा प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। इस दौरान उन्होंने अंगदान से जुड़े अपने अनुभव साझा किए और लोगों को इस दिशा में और अधिक जागरूक करने का आह्वान किया।
एसओटीटीओ और एसजीपीजीआईएमएस की पहल को सराहा गया
सेमिनार में मुख्य सचिव ने डॉ. राजेश हर्षवर्द्धन के नेतृत्व में स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (एसओटीटीओ) द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। साथ ही, एसजीपीजीआईएमएस में डॉ. आर.के. धीमान के नेतृत्व में डॉ. नारायण प्रसाद और डॉ. एमएस अनाड़ी के तहत चलाए जा रहे ट्रांसप्लांट कार्यक्रम की भी प्रशंसा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अंगदान को “जीवन का उपहार” के रूप में देखा जाना चाहिए और अधिक से अधिक लोगों को अंगदाता बनने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव ने राज्य में अंगदान के परिदृश्य पर की चर्चा
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा ने राज्य में अंगदान की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि अंगदान को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहलें चल रही हैं और भविष्य में इसे और बेहतर बनाने के लिए रणनीतियां तैयार की जा रही हैं। उन्होंने अंग प्रत्यारोपण की