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Panchkula Suicide Case :पंचकूला में दिल दहला देने वाला हादसा! बाबा बागेश्वर कथा से लौटते ही क्यों खत्म हुआ पूरा परिवार? पुलिस ने बताई हकीकत

हरियाणा के पंचकूला में सोमवार देर रात दिल्ली के बुराड़ी सामूहिक आत्महत्या जैसा मामला सामने आया है। यहां एक ही परिवार के सात सदस्यों की संदिग्ध मौत से सनसनी फैल गई। मूलरूप से उत्तराखंड के रहने वाले परिवार में दंपत्ति, उनके तीन बच्चे और दो बुजुर्ग ने संदिग्ध हालत में जहर खा लिया। सातों को सेक्टर-26 के एक प्राइवेट अस्पताल में ले जाया गया, जहां पर एक को छोड़कर बाकी सभी को मृत घोषित कर दिया गया।

Panchkula Suicide Case : बाबा बागेश्वर धाम की कथा सुनकर लौटे एक परिवार के सात सदस्यों की सामूहिक आत्महत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस भयानक घटना ने न सिर्फ पंचकूला, बल्कि उत्तराखंड की शांत वादियों को भी हिलाकर रख दिया था, खासकर देहरादून में जहाँ मृतकों का संबंध होने की खबरें फैल रही थीं। लेकिन अब पुलिस की गहन जांच ने इस पूरे मामले की परतें खोल दी हैं, और जो सच्चाई सामने आई है, वो कई अटकलों पर विराम लगाती है।

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शुरुआत में ऐसा लगा था कि यह परिवार देहरादून का ही है, लेकिन पुलिस की छानबीन में यह बात साफ हो गई है कि मृतक परिवार करीब 8-9 महीने पहले देहरादून के कौलागढ़ क्षेत्र में किराए पर रहता था, लेकिन अब वे चंडीगढ़ में ही रह रहे थे। जी हाँ, मृतक प्रवीण मित्तल और उनका परिवार मूल रूप से चंडीगढ़ क्षेत्र के निवासी ही हैं। तो देहरादून से उनका रिश्ता सिर्फ कुछ महीनों का ‘अतीत’ था, वर्तमान नहीं।

जिस कार में हुआ दर्दनाक अंत, वो किसकी थी?

इस दिल दहला देने वाली घटना में जिस देहरादून नंबर की कार का इस्तेमाल किया गया था, उसने भी लोगों को भ्रमित किया। लेकिन अब इस रहस्य पर से भी पर्दा उठ गया है। पुलिस ने खुलासा किया है कि यह कार मालदेवता, देहरादून के गंभीर सिंह नेगी के नाम पर पंजीकृत है। गंभीर सिंह नेगी ने बताया कि उनकी मुलाकात मृतक प्रवीण मित्तल से एनजीओ के काम के सिलसिले में हुई थी। प्रवीण मित्तल ‘चाइल्ड लाइफ केयर मिशन’ नाम से एक एनजीओ चलाते थे। दोस्ती के चलते ही गंभीर नेगी ने यह कार अपने नाम पर फाइनेंस करवाई थी, जिसे वर्तमान में प्रवीण मित्तल ही चला रहे थे।

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आत्महत्या के पीछे कर्ज या कुछ और?

हर कोई यही जानना चाह रहा है कि आखिर ये सात लोग कौन थे और किस मजबूरी ने उन्हें इतना भयानक कदम उठाने पर मजबूर कर दिया? शुरुआती चर्चाओं में यह बात सामने आई थी कि परिवार देहरादून में टूर एंड ट्रैवल का काम करता था और भारी घाटे व कर्ज के कारण उन्होंने यह सामूहिक आत्महत्या की। हालांकि, पुलिस अभी भी इस मामले की गहनता से जांच कर रही है और आत्महत्या के असली कारणों का पता लगाने में जुटी है।

यह खबर वाकई बेहद दुखद है और कई सवाल खड़े करती है। इस घटना से जुड़ी और कोई जानकारी मिलने पर हम आपको अपडेट करते रहेंगे।

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Written by । Prachi chaudhary । National Desk

2020.. पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद प्राची चौधरी पिछले 3 साल से एंटरटेनमेंट पत्रकार हैं। फिल्मी कीड़ा होना न केवल उनके पेशे का हिस्सा है, बल्कि उनका जुनून भी है। साथ ही, बॉलीवुड और टीवी की शौकीन, उनके पास दिलचस्प गपशप और सेलेब्स के बारे में जानकारियों का पिटारा है। वह इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि वेबसाइट पर आने वाले रीडर्स क्या देख रहे हैं। बाकी 'जर्नलिस्ट बनी ही इसलिए ताकि दुनिया के दिल के करीब रहूं।'

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2020.. पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद प्राची चौधरी पिछले 3 साल से एंटरटेनमेंट पत्रकार हैं। फिल्मी कीड़ा होना न केवल उनके पेशे का हिस्सा है, बल्कि उनका जुनून भी है। साथ ही, बॉलीवुड और टीवी की शौकीन, उनके पास दिलचस्प गपशप और सेलेब्स के बारे में जानकारियों का पिटारा है। वह इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि वेबसाइट पर आने वाले रीडर्स क्या देख रहे हैं। बाकी 'जर्नलिस्ट बनी ही इसलिए ताकि दुनिया के दिल के करीब रहूं।'

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