नई दिल्ली: भारतीय सेना में भर्ती के लिए 14 जून को केन्द्र सरकार द्वारा लायी गयी अग्निपथ योजना के विरोध में हो रहे हिंसात्मक विरोध प्रदर्शन के बीच सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर दाखिल की गयी, जिसमें अग्निपथ योजना की समीक्षा के लिए एक्सपर्ट कमेटी बनाये जाने और हिंसात्मक विरोध प्रदर्शन की जांच एसआईटी (विशेष जांच टीम) से कराने के निर्देश दिये जाने की मांग है।
इसी बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को सेना के तीनों प्रमुखों, थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और वायुसेना प्रमुख मार्शल विवेक रामचौधरी के साथ बैठक की, जिसमें कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार किया गया। निर्णय लिया गया है कि युवाओं के इस योजना के बारे में सही जानकारी न होने से और कुछ स्वार्थी लोगों द्वारा उन्हें भ्रामक जानकारी देकर गुमराह करने से वे इस लाभकारी योजना के विरोध में उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं।
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अग्निपथ योजना के अंतर्गत भर्ती होने वाले अग्निवीरों को केन्द्रीय सशस्त्र सुरक्षा बल और असम रायफल्स में 10 फीसदी का आरक्षण मिलेगा है। इसके साथ ही रक्षा मंत्रालय में 16 डिफेंस पीएसयू (सार्जनिक क्षेत्र के उपक्रम) में भी आरक्षण होगा। यह आरक्षण भूतपूर्व सैनिकों से अलग होगा। इसके साथ ही उडड्यन मंत्रालय ने भी अग्निवीरों को आरक्षण देने की घोषणा की है।
वायु सेना प्रमुख वीआर चौधरी का कहना है कि केन्द्र सरकार द्वारा लायी गयी इस योजना के तहत अगले सप्ताह 24 जून से चयन की प्रक्रिया शुरु कर दी जाएगी। इसके लिए एक-दो दिन में विधिवत अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। उधर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गयी याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस की अध्यक्षता में एसआईटी विरोध प्रदर्शन हिंसा, उपद्रव आगजनी में हुई सार्वजनिक सम्पत्ति के नुकसान का पता लगाया जा सके। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अभी कोई आदेश पास नहीं किया है।