PM Modi on RSS: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार 12 अक्टूबर को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश की सेवा के लिए समर्पित है। उन्होंने संगठन की सतत यात्रा के सौवें वर्ष में प्रवेश करने के ऐतिहासिक अवसर पर इसके स्वयंसेवकों को शुभकामनाएं दीं।
मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि, “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के वार्षिक विजयादशमी संबोधन का लिंक साझा किया और कहा कि इसे अवश्य सुनना चाहिए।”
भाजपा में शामिल होने से पहले आरएसएस के प्रचारक रहे मोदी ने हिंदुत्व संगठन की सराहना करते हुए कहा कि ‘मां भारती’ के प्रति इसका संकल्प और समर्पण हर पीढ़ी को प्रेरित करता है और ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को साकार करने में नई ऊर्जा का संचार करेगा।
1925 में गठित आरएसएस को भाजपा का वैचारिक मार्गदर्शक माना जाता है और इसके स्वयंसेवकों ने दशकों से इसके संगठनात्मक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आरएसएस के पदाधिकारी अनिवार्य रूप से भाजपा की राष्ट्रीय और राज्य इकाइयों में महासचिव (संगठन) के पद पर होते हैं, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि पार्टी संगठन वैचारिक सामंजस्य और अनुशासन के साथ काम करे।
अमित शाह ने आरएसएस के स्थापना दिवस पर स्वयंसेवकों को बधाई दी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को आरएसएस के स्थापना दिवस पर इसके सदस्यों को बधाई दी और कहा कि अपनी स्थापना के बाद से यह संगठन भारतीय संस्कृति की रक्षा और युवाओं में देशभक्ति के मूल्यों को विकसित करने का उल्लेखनीय कार्य कर रहा है।
केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में विजयादशमी के दिन नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना की थी।
शाह ने ‘X’ पर लिखा, “सभी स्वयंसेवकों को आरएसएस के स्थापना दिवस पर हार्दिक बधाई। यह संगठन अनुशासन और देशभक्ति का अनूठा प्रतीक है। अपनी स्थापना के बाद से ही @RSSorg भारतीय संस्कृति की रक्षा और युवाओं को संगठित कर उनमें देशभक्ति के विचार भरने का उल्लेखनीय कार्य कर रहा है।”
उन्होंने कहा कि, “आरएसएस समाज सेवा के कार्यों को गति देकर हर वर्ग को सशक्त बना रहा है और अपने शैक्षिक प्रयासों के माध्यम से देश के कल्याण के लिए समर्पित देशभक्तों का निर्माण कर रहा है।”
गृह मंत्री ने देशवासियों को विजयादशमी के अवसर पर शुभकामनाएं भी दीं।
उन्होंने अपने संदेश में कहा कि विजयादशमी अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है।
उन्होंने हिंदी में संदेश में कहा, “विजयादशमी का यह पर्व सभी को अपने अंदर की बुराइयों को खत्म कर धर्म और मानवता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। प्रभु श्री राम सबका कल्याण करें। जय श्री राम।”
विजयादशमी दुर्गा पूजा के समापन का प्रतीक है और राक्षस राजा रावण पर भगवान राम की विजय का प्रतीक है।
एक अलग संदेश में शाह ने भाजपा नेता राजमाता विजयाराजे सिंधिया को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि भी दी। उन्होंने कहा कि, वह सादगी की प्रतिमूर्ति थीं और आपातकाल के दौरान उनके साहस और संघर्ष ने लोकतंत्र की बहाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, “देश, राजमाता सिंधिया जी के देश के प्रति समर्पण और लोक कल्याण के लिए उनके कार्यों को सदैव याद रखेगा।”
ग्वालियर राजघराने से ताल्लुक रखने वाले सिंधिया भाजपा उपाध्यक्ष और सांसद थे। उनका जन्म 12 अक्टूबर 1919 को हुआ था।