PM Modi in Parliament: प्रधानमंत्री मोदी ने हंगामे को लेकर राहुल पर हमला बोला
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद परिसर से राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जिन्हें जनता ने 80 बार नकार दिया है, वे संसद के काम में बाधा डालते हैं। दुर्भाग्य से कुछ लोगों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए संसद को नियंत्रित करने की कोशिश की है।
PM Modi in Parliament: संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है और 20 दिसंबर तक चलेगा। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद परिसर से राष्ट्र को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा, ‘जिन लोगों को जनता ने 80 बार नकार दिया है, वे संसद का काम रोक देते हैं। दुर्भाग्य से कुछ लोगों ने अपने राजनीतिक हितों के लिए संसद को नियंत्रित करने की कोशिश की है।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह शीतकालीन सत्र है और माहौल भी ठंडा रहेगा। यह 2014 का आखिरी दौर है। देश पूरे जोश और उत्साह के साथ 2025 का स्वागत करने की तैयारी कर रहा है। संसद का यह सत्र कई मायनों में खास है। सबसे बड़ी बात यह है कि हमारे संविधान की यात्रा अपने 75वें वर्ष में प्रवेश कर रही है। यह अपने आप में लोकतंत्र के लिए बहुत उज्ज्वल अवसर है।’ माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में हार के बाद पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है।
‘चर्चा में अधिक लोग योगदान देते हैं’
संसद में हुई चर्चा के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘संविधान निर्माताओं ने संविधान बनाते समय हर बिंदु पर विस्तार से चर्चा की। तब जाकर हमें यह मिला। संसद इसकी महत्वपूर्ण इकाई है। संसद में स्वस्थ चर्चा होनी चाहिए। चर्चा में अधिक से अधिक लोगों को योगदान देना चाहिए।’
‘देश की जनता सजा भी देती है’
नए सांसदों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘दुर्भाग्य से कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए संसद को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं। जिन मुट्ठीभर लोगों को जनता ने नकार दिया है, वे भी लगातार हंगामा करके संसद को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन जब समय आता है तो देश की जनता उन्हें सजा भी देती है। दुख की बात यह है कि नए सांसदों को, चाहे वे किसी भी पार्टी के हों, बोलने का मौका नहीं मिलता।’
16 विधेयकों पर चर्चा होनी है
आपको बता दें कि आज शीतकालीन सत्र के दौरान पांच नए विधेयक पेश किए जाएंगे। जबकि वक्फ (संशोधन) समेत 11 अन्य विधेयक चर्चा के लिए सूचीबद्ध किए गए हैं। यानी कुल 16 विधेयक होंगे, जिन्हें सरकार इस सत्र में पारित कराने की तैयारी में है। विपक्षी दल जिस तरह से व्यवहार कर रहे हैं, उससे साफ है कि शीतकालीन सत्र हंगामेदार हो सकता है।