PM Modi in Kanyakumari: पीएम मोदी का 45 घंटे का ध्यान, विपक्ष ने पीएम पर किया बड़ा दावालोकसभा चुनाव के आखिरी चरण से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर एक बार फिर खींचा है। चुनाव के नतीजे आने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कन्याकुमारी में 45 घंटे का ध्यान शुरू किया है। एक तरफ तो पीएम के इस कदम को अध्यात्म से जोड़ा जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष पीएम पर लगातार हमलावर हो रहे हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, राजद नेता तेजस्वी यादव और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने पीएम के इस कदम को प्रचार का एक तरीका बताते हुए झूठा बताया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ध्यान साधना कर रहे हैं। पीएम मोदी ने 30 मई गुरुवार को शाम करीब 6 बजकर 45 मिनट ध्यान शुरू किया। बता दें कि पीएम मोदी का यह ध्यान 1 जून की शाम तक जारी रहेगा। पीएम मोदी उसी शिला पर बैठकर ध्यान कर रहे हैं जिस शिला पर बैठकर स्वामी विवेकानंद ने तप किया था। जानकारी के अनुसार अपने इस 45 घंटे के ध्यान के दौरान पीएम मोदी मात्र तरल पदार्थ का सेवन करेंगे। वह नारियल पानी और अंगूर के जूस के अलावा कुछ नहीं खा रहे हैं। सूत्र ये भी बताते हैं कि पीएम इन 45 घंटों के दौरान मौन व्रत का भी पालन कर रहे हैं।
सुरक्षा की बात करें तो देश के इस दक्षिणी छोर पर स्थित इस जिले में सुरक्षा के सारे इंतजामात किए गए हैं। पूरे जिले में लगभग 2000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। शनिवार तक समुद्र तट पर्यटकों के लिए बंद रहेगा और निजी नौकाओं को भी चलाने की अनुमति नहीं दी गई है। इसके अलावा प्रधानमंत्री की सुरक्षा में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों तैनात हैं।
ऐसा कहा जाता है कि पीएम मोदी स्वामी विवेकानंद से काफी प्रभावित हैं इसलिए उन्होंने कन्याकुमारी स्थित विवेकानंद शिला चुना। यह वही स्थान है जहां स्वामी विवेकानंद को अपने जिंदगी का मकसद मिला था। बता दें कि कन्याकुमारी भारत का सबसे दक्षिणी छोर है। ये वह स्थान है जहां भारत की पूर्वी और पश्चिमी तट रेखाएं मिलती हैं। कन्याकुमारी हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर का मिलन बिंदु है।
बता दें कि पीएम मोदी ने अपने दो कार्यकाल के चुनाव से पहले भी इस तरह के कदम उठाये थे जो चर्चा का विषय बन गए थे। 2014 के चुनावी नतीजों से पहले पीएम मोदी ने छत्रपति शिवाजी को नमन किया था। 2019 के चुनावी रिजल्ट से पहले प्रधानमंत्री बाबा केदार के दरबार में पहुंचे थे और गुफा में जाकर ध्यान लगाया था। अब 2024 में नतीजे आने से पहले पीएम विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ध्यान लगा रहे हैं।
पीएम पर विपक्ष हमलावर
प्रधानमंत्री के इस ध्यान साधना पर विपक्ष के नेता हमलावर हो रहे हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से लेकर सीएम ममता बनर्जी पीएम पर तंज कस रही हैं। उन्होंने इसे पीएम का एक प्रचार स्टंट करार दिया है।
अखिलेश यादव ने कहा है कि BJP छह चरणों के चुनाव देखकर लड़खड़ा गई है। BJP को I.N.D.I. A. का मतलब समझ में नहीं आ रहा। उन्होंने आगे कहा कि BJP इतना घबरा गई है कि इसे I.N.D.I. गठबंधन कह रही है। अखिलेश ने पीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि सातवें चरण में पीएम मोदी काशी की सीट हारने वाले हैं और यही कारण है कि पीएम तपस्या और ध्यान करने चले गए। अखिलेश ने कहा कि पीएम कितनी भी तपस्या कर लें जनता उन्हें नहीं छोड़ेगी।
वहीं राजद नेता तेजस्वी ने बी पीएम पर तंज कसते हुए कहा कि वह ध्यान करने नहीं बल्कि तस्वीर खिंचवाने और फिल्म बनवाने गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि पीएम से आग्रह है कि अगर ध्यान लगाने गए हैं तो बस ध्यान लगाएं, तप में बाधा उत्पन्न करने वाली चीजें न ले जाएं। कैमरे पर प्रतिबंध लगाएं।
वहीं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने पीएम के इस कदम को राजनीतिक स्वार्थ बताया । उन्होंने पीएम के कन्याकुमारी में ध्यान करने पर सवाल किया। ममता ने कहा कि पीएम की कुर्सी बहुत मूल्यवान है और इस कुर्सी की कुछ संवैधानिक ज़िम्मेदारियां है जिसकी पीएम मोदी को कोई परवाह नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि हर चुनाव के प्रचार के बाद वह कहीं ध्यान में बैठ जाते हैं। ऐसा ही कुछ उन्होंने साल 2019 में चुनाव प्रचार के बाद किया था। ममता ने आगे पीएम के इस कदम पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह ध्यान कर सकते हैं लेकिन कैमरे की मौजूदगी में क्यों कर रहे हैं? इतना ही नहीं सीएम ममता ने मीडिया पर भी तंज कसे । ममता ने मीडिया को BJP से प्रभावित बताया और कहा कि राजनीतिक स्वार्थों के लिए मीडिया पूरे दिन अब पीएम मोदी के ध्यान की फुटेज दिखाता रहेगा।
वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने पीएम के ध्यान पर कोई हबी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि यह उनका निजी मामला है। इसमें किसी को क्यों हस्तक्षेप करना चाहिए। एक सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि भगवान और भक्ति उनका निजी मामला है।