18 सितंबर की तारीख गणेश चतुर्थी का पावन पर्व और दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रित देश हिंदुस्तान का ‘मंदिर’ । वो मंदिर जहां से गरीबों की आवाज को उठाया जाएगा, मजदूरों की आवाज को बुलंद किया जाएगा। युवाओं के भविष्य की पटकथा लिखी जाएगी और हिंदुस्तान की तरक्की पर जहां मंथन, चिंतन बहस सब कुछ होगा। 18 सितंबर की तारीख इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुकी है।आज से 500 साल बाद भी इस तारीख को याद किया जाएगा। और दुनिया कहेगी की आज ही के दिन लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर में पहली कार्यवाही हुई थी।
गणेश चतुर्थी के दिन संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही नई संसद में हुई। नई संसद अपने आप में अद्भुत दिख रही थी। जहां पर पक्ष और विपक्ष के नेता मौजूद थे।इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के इतिहास के बखान किया। साथ ही पीएम मोदी ने भारत की बहुदलीय व्यवस्था में एकजुट होने का आह्वानभी किया। इस दौरान नरेंद्र मोदी ने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को भी याद किया। औऱ उन्होंने नई संसद में रखे गए सेंगोल का जिक्र करते हुए कहा कि यह पहले देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के हाथों में शोभा देता था। पीएम ने अपने संबोधन के दौरान कई बातों का जिक्र किया, उन्होंने विशेष सत्र को संबोधित करते हुए सपा सांसद बर्क का भी जिक्र किया। पीएम ने कहा कि शफीकुर्रहमान बर्क 93 की आयु में भी सदन में अपना योगदान देते रहे है।
सपा सांसद शफीकुर्रहमान के बयान पर बवाल
नई संसद में कार्यवाही के दौरान कई अद्भुत तस्वीरें देखने को मिलीं, हिंदुस्तान ने आज सभी नेताओं को पुरानी संसद में देखा। लेकिन नई संसद पर भी सियासत नहीं थमी। विपक्ष ने सरकार के सामने नई नई फर्माइशें रख दीं। वैसे तो समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क अक्सर अपने बयानों की वजह से चर्चाओं में रहते हैं। सांसद बर्क हर बार कोई ना कोई ऐसा बयान दे देते हैं, जिससे की उनकी फजीहत हो जाती है। फिर चाहे जनसंख्या नियंत्रण कानून (Population Control Law) को लेकर दिया गया बयान हो या फिर हिजाब विवाद पर दिया गया बयान हो। हर बार वो अपने तर्कों की वजह से सुर्खियों में आ ही जाते हैं। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता शफीकुर्रहमान बर्क ने एक बयान दे दिया, जिस पर जमकर बवाल हो गया। दरअसल नए संसद भवन में जाने से पहले सपा सांसद बर्क ने मांग की है कि नई संसद में नमाज पढ़ने की भी जगह होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला भी बोला। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया और लोगों ने इस पर जमकर कमेंट भी किए।
दरअसल, पत्रकारों की ओर से जब सवाल पूछा गया कि क्या नई संसद में मुस्लिम कर्मचारियों के लिए नमाज पढ़ने की जगह होनी चाहिए। तो शफीकुर्रहमान बर्क ने बिना नाम लिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर हमला बोल दिया और कहा कि ‘पुरानी संसद में भी नमाज पढ़ने की कोई जगह नहीं थी। ये उन्हें सोचना चाहिए कि नमाज पढ़ने की इजाजत या कोई जगह कैसे बनाएंगे? जबकि उन्होंने नफरत फैला रखी है, हिंदू-मुसलमानों से नफरत फैला रखी है। वो नमाज पढ़ने के लिए जगह क्यों बनाएंगे? मुसलमानों का नमाज का वक्त हो जाता है तो उनके लिए भी कोई जगह होनी चाहिए। वो अल्लाह-अल्लाह कर लेते। नई संसद में नमाज पढ़ने की जगह होनी चाहिए थी’।