PM Modi to visit Bihar: 4 महीने में पीएम मोदी का बिहार का चौथा दौरा, 3 दर्जन सीटों पर नजर, किसकी वहां मजबूत पकड़
पीएम मोदी छह महीने में पांचवी बार बिहार के दौरे पर हैं। अप्रैल से वे हर महीने बिहार आ रहे हैं। उन्होंने 24 अप्रैल को मधुबनी, फिर 29 मई को पटना और उसके बाद 20 जून को सीवान का दौरा किया। अब वे लगातार चौथे महीने पूर्वी चंपारण के दौरे पर हैं। यह वही इलाका है जहां भाजपा की स्थिति काफी मजबूत मानी जाती है।
PM Modi to visit Bihar: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर बिहार दौरे पर आ रहे हैं। वह 18 जुलाई को बिहार दौरे पर रहेंगे, इस दौरान वह राज्य को हजारों करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं की सौगात देंगे। प्रधानमंत्री चुनावी राज्य बिहार का लगातार दौरा कर रहे हैं, पिछले 4 महीनों में यह उनका चौथा दौरा है। इस दौरे के दौरान उनकी नजर 24 विधानसभा सीटों पर भी रहेगी।
प्रस्तावित बिहार यात्रा के इस चरण में पीएम मोदी शुक्रवार 18 जुलाई को राज्य के पूर्वी चंपारण जिले का दौरा करेंगे। इस दौरान वह एक चुनावी रैली को भी संबोधित करेंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने सोमवार को इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि पीएम मोदी मोतिहारी आएंगे और यहां एक जनसभा को संबोधित करेंगे, इस दौरान आसपास के 24 विधानसभा क्षेत्रों के लोग इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
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53वें दौरे के लिए मोतिहारी को ही क्यों चुना गया?
इस साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए यहां चुनावी रैलियों का दौर शुरू हो गया है। पीएम मोदी समेत देश के कई बड़े नेताओं का बिहार आना जारी है। पूर्वी चंपारण जिले का मुख्यालय मोतिहारी इलाका, जिसे पीएम मोदी ने अपने 53वें बिहार दौरे के लिए चुना है, राजनीतिक लिहाज से काफी अहम है। नेपाल से सटे पूर्वी चंपारण जिले में कुल 12 विधानसभा सीटें हैं, जबकि सीतामढ़ी और शिवहर इससे सटे हुए जिले हैं। इसके अलावा, मुजफ्फरपुर जिला पूर्वी चंपारण के दक्षिण में और गोपालगंज व पश्चिमी चंपारण जिले पश्चिम में हैं।
इस यात्रा के ज़रिए पूर्वी चंपारण ज़िले की 12 विधानसभा सीटें, सीतामढ़ी ज़िले की 8 सीटें, शिवहर जिले की एक सीट और मुजफ्फरनगर व गोपालगंज की एक दर्जन सीटें जीतने की कोशिश की जा रही है। इन इलाकों में एनडीए का दबदबा रहा है और उसकी कोशिश 2025 के चुनाव में इसे बरकरार रखने या पिछले नतीजों में सुधार करने की है।
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पूर्वी चंपारण में एनडीए का दबदबा
अकेले पूर्वी चंपारण की बात करें तो यहां 12 सीटें हैं और 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 9 सीटें जीती थीं जबकि राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाले महागठबंधन को 3 सीटें मिली थीं। सीतामढ़ी में 8 विधानसभा सीटें हैं और इसमें एनडीए ने 6 सीटें झटक लीं, जबकि महागठबंधन को 2 सीटों से संतोष करना पड़ा। शिवहर की एकमात्र विधानसभा सीट भी एनडीए के खाते में आई।
मुजफ्फरपुर में एनडीए ने 11 में से 6 सीटें जीतीं, आरजेडी यहां से 5 सीटें जीतने में कामयाब रही। इसी तरह, पूर्वी चंपारण से सटे गोपालगंज जिले में 6 सीटें हैं और इनमें से 4 सीटों पर एनडीए ने जीत हासिल की। तो कुल मिलाकर, पीएम मोदी मोतिहारी में रैली के ज़रिए राज्य की लगभग 3 दर्जन सीटों पर अपनी पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश करेंगे।
भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी की प्रस्तावित रैली को लेकर इलाके में माहौल बनाने के लिए अपना अभियान शुरू कर दिया है और लोगों को इसके बारे में बताने के लिए कई प्रचार वाहन तैयार किए हैं और उन्हें अलग-अलग इलाकों में भी भेजा है। पूर्वी चंपारण ज़िले की 12 विधानसभा सीटों में से 8 सीटें भाजपा के खाते में गई और जदयू ने एक सीट जीती, राजद ने 3 सीटें जीतीं। सीतामढ़ी की 8 सीटों में से भाजपा ने 4 और जदयू ने 2 सीटें जीतीं। राजद ने 2 सीटों पर कब्ज़ा किया।
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मुजफ्फरनगर ज़िले में कड़ी चुनौती
शिवहर विधानसभा सीट जेडीयू के पास थी, लेकिन 2020 के चुनाव में आरजेडी ने यहां जीत हासिल की। यही हाल मुजफ्फरपुर का भी रहा, जहां 11 में से 5 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की, जबकि जेडीयू और वीआईपी ने एक-एक सीट जीती। आरजेडी ने 5 और कांग्रेस ने एक सीट जीती। इस तरह यह एक ऐसा ज़िला है जहां हर पार्टी की मज़बूत पकड़ है। यहां से 6 पार्टियों ने जीत हासिल की।
मुजफ्फरपुर की 11 सीटों में से एनडीए ने 6 सीटें जीती थीं, हालांकि 2020 में एनडीए की सहयोगी वीआईपी के मुसाफिर पासवान ने बोचहां सीट जीती थी, लेकिन उनके निधन के बाद 2022 में उनके बेटे ने आरजेडी के टिकट पर चुनाव जीता। इसी तरह, कुरहानी सीट पर भी आरजेडी ने जीत हासिल की थी, लेकिन विधायक अनिल कुमार सहनी के आपराधिक मामलों में अयोग्य घोषित होने के बाद उपचुनाव में यह सीट बीजेपी के खाते में आ गई।
चंपारण को बीजेपी का गढ़ माना जाता है
पीएम मोदी लगातार बिहार का दौरा कर रहे हैं। उनकी कोशिश बिहार में एक बार फिर एनडीए की जीत सुनिश्चित करना है। प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी का यह 53वां दौरा है। जबकि पिछले साल जून में तीसरी बार सत्ता में आने के बाद से यह उनका आठवां दौरा है। वह पिछले 4 महीनों से लगातार बिहार का दौरा कर रहे हैं। पीएम मोदी 24 अप्रैल को मधुबनी, फिर 29 मई को पटना और उसके बाद 20 जून को सीवान गए थे। पीएम मोदी फरवरी में भी बिहार आए थे।
अब लगातार चौथे महीने वह पूर्वी चंपारण के दौरे पर हैं। पूरे बिहार में यही वो इलाका है जहां भाजपा की स्थिति बेहद मज़बूत है। पूर्वी चंपारण (12 सीटें) और पश्चिमी चंपारण (9 सीटें) दोनों ज़िलों में 21 सीटें ऐसी हैं जहां एनडीए ने 17 सीटें जीती थीं, जिनमें अकेले भाजपा ने 15 सीटें जीती थीं।
पिछले चुनाव में एनडीए को बहुमत ज़रूर मिला था, लेकिन उसे महागठबंधन से कड़ी चुनौती भी मिली थी। एनडीए को मामूली अंतर से बहुमत मिला था। ऐसे में भाजपा के रणनीतिकार राज्य में सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर को कम करने और पीएम मोदी की ज़्यादा से ज़्यादा रैलियां आयोजित करके प्रधानमंत्री की लोकप्रियता को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं।
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