Today Pakistan News Headlines: पाकिस्तान में आज हालात बेहाल है, वहां के प्रधानमंत्री भिखारी बन चुके हैं। जनता एक एक रोटी के लिए तरस रही है। वैसे तो कंगाल पाकिस्तान में नई सरकार बनी, नए राष्ट्रपति भी बन गए लेकिन हालात नहीं बदले। कंगाली का आलम क्या है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दूसरी बार पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने आसिफ अली जरदारी को सार्वजनिक तौर पर सैलरी ना लेने का ऐलान करना पड़ा।
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी का सैलरी ना लेने का फैसला। जरदारी ने देश की खराब आर्थिक हालत को देखते हुए ये फैसला किया। सैलरी ना लेने की वजह जरदारी ने पाकिस्तान की कंगाली को बताया है। वैसे तो पाकिस्तान में राष्ट्रपति की हर महीने की सैलरी 8 लाख 96 हजार 550 पाकिस्तानी रुपये है।अगर पूरे साल का हिसाब लगाया जाए तो ये आंकड़ा 1 करोड़ 7 लाथ 58 हजार 600 पाकिस्तानी रूपये होता है। ऐसे में राष्ट्रपति का सैलरी छोड़ने का फैसला पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा सुधार लाएगा इसके आसार कम ही हैं। पाकिस्तान में काफी मुश्किल होता है बिना सैलरी के काम करना क्योंकि हर कोई अरबपति तो नहीं होता। ये आइडिया दिखावा है या इससे अर्थव्यवस्था को फायदा होगा? ये सिंबॉलिक है क्योंकि जब एक तरफ ये होगा और दूसरी तरफ सरकार अपने खर्चे घटाएगी। मगर उससे ज्यादा अहम है कि पूरी सरकार का खर्चा 20-30% भी काट दिया जाए तो उसका कोई असर नहीं होगा। असल में हमें रेवन्यू बढ़ाने की तरफ जाना होगा। पाकिस्तान की सबसे बड़ी चुनौती उसकी खस्ताहाल अर्थव्यवस्था ही है। पाकिस्तान थिंक टैंक की रिपोर्ट के मुताबिक जिन्ना के देश पर 103.38 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान ने चीन से 12.27 लाख करोड़ रुपये कर्ज लिया हुआ है। इसके अलावा सऊदी अरब से 1.49 लाख करोड़ रुपये, जापान से भी 3.48 लाख करोड़ रुपए का कर्ज पाकिस्तान ले चुका है। वहीं जर्मनी से 91 हजार करोड़ रुपए, फ्रांस से 1.24 लाख करोड़ रुपए और अमेरिका से 83 हजार करोड़ रुपए का कर्ज भी पाकिस्तान पर है।
पाकिस्तान फिलहाल कर्ज चुकाने की हैसियत में नहीं है इसीलिए अब शहबाज शरीफ ने मोहम्मद औरंगजेब को नया वित्त मंत्री बना दिया है, मगर वो क्या कर पाएंगे इसे लेकर पहले से ही सवाल उठने लगे हैं। क्योंकि पद संभालते ही औरंगजेब ने भी IMF के सामने बड़ा झोला फैलाने का ऐलान कर दिया है। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा है कि पाकिस्तान IMF से कोटे के हिसाब से बड़ा प्रोग्राम लेने की कोशिश करेगा। अर्थव्यवस्था की बेहतरी IMF से ज्यादा हमारी सरकार की जिम्मेदारी है। मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि IMF से मौजूदा कर्ज की आखिरी किस्त में कोई रुकावट नहीं है। मौजूदा प्रोग्राम कि आखिरी किस्त में 1.1 अरब डॉलर्स देने हैं नए कर्ज प्रोग्राम का खाका तैयार कर रहे हैँ। IMF के साथ नया समझौता होगा या नहीं इसे लेकर पाकिस्तान उलझा हुआ है। सबसे बड़ी चुनौती है कि कैसे नई सरकार नई डील पर मुहर लगाएगी। इसके लिए अगले 4 दिन काफी अहम रहने वाले हैं।पाकिस्तान में महंगाई जोरों पर है रमजान का महीना शुरू हो चुकी है इसके बावजूद लोगों की चीखें निकल गई हैं इस वक्त जो हालात हैं। मगर इस पूरे मामले के दौरान पाकिस्तान की सरकार को आगे बढ़ना है। IMF की टीम भी पहुंच रही है पाकिस्तान और 14-18 मार्च तक IMF के साथ बातचीत है। नये वित्त मंत्री आ चुके हैं वो अर्थव्यवस्था संभाल पाएंगे या नहीं संभाल पाएंगे IMF के साथ कैसी डील होगी ये बहुत ही अहम मामला है।