West Bengal: आगामी लोकसभा चुनाव में जनता किसके पक्ष में वोट करेगी इसके बारे में अभी से कुछ भी अनुमान लगाना कठिन है लेकिन लोकसभा चुनाव को देखते हुए टीएमसी और भाजपा के बीच कोलकाता में घमासान मचा हुआ है। बंगाल की मौजूदा ममता सरकार किसी भी सूरत में बीजेपी को आगे बढ़ते नहीं देखना चाहती। ममता को पता है कि अगर राज्य की राजनीति में एक बार बीजेपी की पहुँच हो गई तो फिर उसकी परेशानी बढ़ेगी और टीएमसी का वजूद ही ख़त्म हो सकता है। ममता बनर्जी वैसे तो पहले से ही बीजेपी के बढ़ते कदम से मर्माहित है। और जब से केंद्र की एजेंसियां लगातार गैर बीजेपी दलों के नेताओं पर नकेल कस रही है उससे ममता कुछ ज्यादा ही नाराज है। बता दें कि टीएमसी के भी चार विधायक इन दिनों जांच एजेंसियों के घेरे में हैं और जेल में बंद है। ममता एक तरह से परेशान है और इसी परेशानी की वजह से अभी दो दिन पहले उन्होंने सार्वजनिक बयान यह दे दिया कि बीजेपी और उसकी जांच एजेंसियां अगर उसके चार विधायकों को जेल में बंद कर सकती है तो उसकी सरकार भी बीजेपी के आठ लोगों पर नकेल कस सकती है।
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उधर बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता के इस बयान पर अदालती कार्रवाई करने को तैयार है और ममता ने उन्हें चुनौती भी दी है कि उसे जो करना है करे और इसके बाद टीएमसी को जो करना होगा वह करेगी। लेकिन इन सब बातों के बीच आज ममता बनर्जी को कोलकता उच्च न्यायलय की तरफ से बड़ा झटका लगा है। दरअसल बीजेपी बंगाल में 29 नवम्बर को महारैली करने की तैयारी कर रही है। लेकिन ममता की सरकार रैली के लिए कोई जगह नहीं दे रही थी। मामला अदालत पहुंचा और आज कोलकता हाई कोर्ट ने बीजेपी को राहत देते हुए न सिर्फ रैली करने का आदेश दिया बल्कि उसी जगह पर रैली स्थल की अनुमति दे दी है जहां टीएमसी हर साल शायद दिवस मनाती रही है। अदालत के इस फैसले के बाद बीजेपी को जहां राहत मिली है वही टीएमसी को झटका माना जा रहा है।
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बता दें कि आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी भी बंगाल में अपना विस्तार छह रही है और अपनी स्थिति मजबूत करने को तैयार है। इसी सिलसिले में बीजेपी ने मनरेगा के तहत सौ दिन की नौकरी योजना के कार्यान्वयन में अनियमितताओं के विरोध में 29 तारीख को मेगा रैली करने जा रही है। खबर के मुताबिक इस रैली में बीजेपी के बड़े -बड़े नेता शिरकत करने वाले हैं। खबर के मुताबिक इस रैली में अमित शाह भी जायेंगे इसके साथ ही गिरिराज सिंह और निरंजन ज्योति भी रैली में हिस्सा लेगी। जाहिर सी बात है कि बंगाल में आयोजित इस रैली में बहुत कुछ होने की सम्भावना है। जिस तरह के नेताओं का जुटान बीजेपी की रैली में होने हैं उससे साफ़ है कि हिन्दू और मुस्लमान को लेकर भी बात हो सकती है।
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सबसे बड़ी बात है कि शहीद पार्क में ही बीजेपी की रैली होगी। यही कोर्ट का आदेश है। लेकिन कोर्ट ने यह भी कहा है कि बीजेपी की रैली कोलकाता पुलिस की देखरेख में ही होगी। पुलिस की जो शर्तें और प्रतिबंध होगा उसे बीजेपी को मानना होगा।
बीजेपी की इस रैली में मूलतः आगामी चुनाव में अपनी हैसियत को मजबूत करने की ही बात होगी। लेकिन जानकार मान रहे हैं कि इस रैली के जरिए बीजेपी न सिर्फ अपने आधार वोट को और मजबूत करेंगी बल्कि ममता की सरकार को चुनौती भी देंगी। और ऐसा होता है तो टकराहट की सम्भावना बढ़ सकती है। हालांकि कोर्ट के आदेश के बाद ममता की पार्टी अभी कुछ कहने को तैयार नहीं है लेकिन बीजेपी के लोग कह रहे हैं कि जिस तरह से ममता की सरकार में भ्रष्टाचार जारी है उसे उजागर किया जायेगा और जनता को बताया जाएगा कि इस भ्रष्ट सरकार को नहीं हटाया गया तो राज्य के साथ अन्याय होगा।