Prayagraj Coridore: प्रयागराज में बनेगा हनुमान कॉरिडोर, भक्तों को होगी सुविधा!
Prayagraj Coridore: प्रयागराज के संगम तट पर हनुमान जी के इस मंदिर को लेटे हनुमान जी, बड़े हनुमान जी, किले वाले हनुमान जी और बांध वाले हनुमान जी के नाम से भी जानते हैं… यहां हनुमान जी ने अपने बाएं पैर के नीचे कामदा देवी और दाएं पैर के नीचे अहिरावण को दबा रखा है। बजरंगबली के दाएं हाथ में राम-लक्ष्मण और बाएं हाथ में गदा है।
संगट तट पर लेटे हुए हनुमान जी के इस धाम की अपनी अलग महिमा है। मान्यता है कि जब लंका विजय के बाद हनुमान जी यहां से गुजर रहे थे।तब माता सीता के कहने पर हनुमान जी ने यहां विश्राम किया था. इसी को ध्यान रखते हुए यहां लेटे हनुमान जी की पूजा की जाती है। लेटे हुए हनुमान के दर्शन में हर रोज यहां हजारो की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और अब इन श्रद्धालुओं को बहुत बड़ी सौगात मिलने वाली है। महाकुंभ से पहले ही बजरंग बली के इस धाम का जिर्णोद्धार होने वाला है.. हनुमान कॉरिडोर बनने वाला है।
क्या होगी खासियत?
संगम के लेटे हनुमान मंदिर को नया स्वरूप मिलेगा, 2184 स्क्वायर मीटर जमीन पर कॉरिडोर बनेगा.. 535 स्क्वायर मीटर में गर्भगृह, परिक्रमा पथ होगा, कॉरिडोर में पाथवे निर्माण भी किया जाएगा। महाकुंभ 2025 में आने वाली भीड़ नियंत्रित होगी। कॉरिडोर के निर्माण में करीब 39 करोड़ की लागत… हनुमान कॉरिडोर में करीब 40 दुकानें भी होंगी। भक्तों के लिए 6176 स्क्वायर मीटर खुला क्षेत्र होगा। महाकुंभ 2025 से पहले निर्माण पूरा करने का प्लान।
महाकुंभ 2025 से पहले कॉरिडोर निर्माण का पहला चरण पूरा हो जाएगा.. जिसके बाद यहां आने वाले भक्तों को बजरंग बली के दर्शन करने में काफी आसानी होगी.. श्रद्धालुओं के लिए कई इंतजाम किए जाएंगे.. श्रद्धालु भी इस खबर को सुनकर काफी प्रफुल्लित हैं। लेटे हुए हनुमान जी के मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि संगम में स्नान के बाद इस मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करने से ही स्नान का पुण्य मिलता है। लेटे हनुमान जी के दर्शन के लिए हमेशा श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रहती है.. लेकिन हनुमान कॉरिडोर बन जाने के बाद श्रद्धालु आराम से अपने अराध्य के दर्शन कर पाएंगे।