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Prayagraj Maha Kumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ 2025: रुद्राक्ष से सजे द्वादश ज्योतिर्लिंग बनेंगे आस्था का नए आयाम

Prayagraj Maha Kumbh 2025:प्रयागराज के महाकुंभ, जो भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परंपरा का अद्वितीय आयोजन है, में इस बार एक विशेष धार्मिक पहल देखने को मिलेगी। अमेठी जिले के बाबूगंज स्थित सगरा आश्रम के पीठाधीश्वर मौनी महाराज ने 5 करोड़ 51 लाख रुद्राक्ष मणियों का उपयोग करके द्वादश ज्योतिर्लिंग स्थापित करने का संकल्प लिया है।

Prayagraj Maha Kumbh 2025: भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत में महाकुंभ मेले का विशेष स्थान है। 2025 में प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ को इस बार एक नई भव्यता मिलने जा रही है। अमेठी जिले के बाबूगंज स्थित सगरा आश्रम के पीठाधीश्वर मौनी महाराज ने महाकुंभ के दौरान 5 करोड़ 51 लाख रुद्राक्ष मणियों से द्वादश ज्योतिर्लिंग स्थापित करने का संकल्प लिया है।

द्वादश ज्योतिर्लिंग, भगवान शिव के बारह पवित्र स्वरूपों का प्रतीक हैं, जिन्हें हिंदू धर्म में सर्वोच्च श्रद्धा के साथ पूजा जाता है। मौनी महाराज द्वारा रुद्राक्ष मणियों से इन ज्योतिर्लिंगों का निर्माण आध्यात्मिकता और भारतीय परंपरा का एक अभूतपूर्व उदाहरण होगा।

11 हजार त्रिशूलों की स्थापना और शिव परिवार की दिव्य छवि

इस महाआयोजन के अंतर्गत, 11 हजार त्रिशूल भी स्थापित किए जाएंगे, जो भगवान शिव के मुख्य अस्त्र का प्रतीक हैं। प्रत्येक ज्योतिर्लिंग को विशेष रुद्राक्ष मणियों से सजाया जाएगा। इन ज्योतिर्लिंगों के साथ शिव परिवार की दिव्य प्रतिमाएं भी स्थापित की जाएंगी, जिनमें माता पार्वती, गणेश, कार्तिकेय और नंदी शामिल होंगे। इन सभी को ध्यानपूर्वक सजाया और श्रृंगारित किया जाएगा, जिससे यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए अद्वितीय और अद्भुत बन जाएगा।

Prayagraj Maha Kumbh 2025: Twelve Jyotirlingas decorated with Rudraksha will become a new dimension of faith.

मौनी महाराज ने बताया कि प्रत्येक ज्योतिर्लिंग को तैयार करने में लाखों रुद्राक्ष मणियों का उपयोग होगा। साथ ही, शिवलिंग का श्रृंगार और उनके अंगवस्त्र विशेष रूप से तैयार किए जाएंगे, जो शिवभक्तों को आध्यात्मिकता की नई ऊर्जा प्रदान करेंगे।

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शिवभक्तों के समर्पण का अभिनंदन

द्वादश ज्योतिर्लिंग निर्माण के लिए देशभर के शिवभक्तों ने लगभग सवा दो करोड़ रुद्राक्ष मणियों का योगदान दिया है। मौनी महाराज ने इन सभी भक्तों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सहयोग भारतीय संस्कृति और धर्म के प्रति गहरी आस्था का प्रतीक है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को इस ऐतिहासिक पहल का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया है।

देंखे वीडियो: प्रयागराज में महाकुम्भ की क्या है तैयारी ?

महाकुंभ: आस्था, एकता और आध्यात्मिकता का संगम

महाकुंभ, विश्व का सबसे विशाल धार्मिक आयोजन है, जो करोड़ों श्रद्धालुओं को आस्था और शांति की खोज में एकत्र करता है। इस बार, मौनी महाराज द्वारा रुद्राक्ष मणियों से बने द्वादश ज्योतिर्लिंग और त्रिशूलों की स्थापना न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक अनोखा आकर्षण होगी, बल्कि शिवभक्ति और भारतीय परंपरा का वैश्विक संदेश भी देगी।

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13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक चलने वाले इस महाकुंभ में यह आयोजन ध्यान, प्रार्थना और आध्यात्मिक अनुभवों का केंद्र बनेगा।

मौनी महाराज ने कहा कि यह पहल भारतीय संस्कृति और शिवभक्ति को नई दिशा देने का प्रयास है। यह आयोजन न केवल धर्म और आस्था का प्रतीक होगा, बल्कि श्रद्धालुओं को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रेरणा भी प्रदान करेगा।

Mahakumbh Mela 2025 Date: पौष पूर्णिमा से शुरू होगा महाकुंभ

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Written By। Mansi Negi । National Desk। Delhi

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