Loksabha Election 2024: इस बार का चुनावी खेल को आसान नहीं है। बीजेपी के समर्थक और गोदी मीडिया चाहे जितना भी नारे लगाते रहे लेकिन सच क्या है ,यह बीजेपी को पता है। हालांकि आज भी बीजेपी सबसे ताकतवर पार्टी है और कोई भी राजनीतिक दल बीजेपी के सामने खड़ी नहीं दिखती लेकिन जनता का मिजाज कब बदल जाए और कब जनता कोई और पार्टी को आगे बढ़ा दे यह कौन जानता है ? लेकिन बीजेपी को यह सब पता है। रात दिन चुनावी खेल में जुटी रहने वाली बीजेपी इस बात को जानती है कि थोड़ी सी चूक भी पार्टी के के खतरा पैदा कर सकता है। यही वजह है कि किसी भी सलाहकार की बातों पर बीजेपी यकीन नहीं करती और और गोदी मीडिया की बातों पर तो और भी नहीं। जिन संस्थानों ,पत्रकारों के औकात को कमतर कर दिया गया है वह भला बीजेपी को क्या सलाह दे सकता है। लेकिन एक सच यह भी है कि गोदी पत्रकारों को अक्सर यह लगता है कि वह बीजेपी को आगे बढ़ा रहा है। सच तो यही ही कि मौजूदा समय की पत्रकारिता को बीजेपी हाँक रही है और मौजूदा मीडिया हांफ रही है। चरण बंदना करती फिर रही है।
लेकिन कुछ और ही है। जानकारी मिल रही है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी अपने तमाम बड़े नेताओं को भी चुनावी मैदान में उतार सकती है। जानकारी मिल सकती है कि इस बार लोकसभा चुनाव में भूपेंद्र यादव ,अश्वनी वैष्णव ,मनसुख मंडविया सुशील मोदी ,वसुंधरा राजे ,धर्मेंद्र प्रधान शिवराज सिंह जैसे सभी नेताओं को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी चल रही है। यही वजह है कि इन बड़े नेताओं को बीजेपी ने कोई बड़ा काम अभी नहीं दिया है। इन्हे किसी राज्य की जिम्मेदारी या प्रभारी नहीं बनाया गया है।
पिछले दिनों बीजेपी ने कई नेताओं को राज्यों का प्रभारी बनाने का काम किया है। लेकिन प्रभारियों की सूची को देखें तो पता चलता है कि इस सूची उन्ही नेताओं के नाम हैं जो दूसरे दर्जे के नेता रहे हैं। पहले दर्जे के अधिकतर नेताओं को कोई भी चुनावी काम में नहीं लगाया गया है। सबसे ज्यादा पार्टी के सचिवों को प्रभारी के रूप में तैनात किया गया है। सौदान सिंह पहले किसी न किसी राज्य के प्रभारी होते थे इस बार उन्हें भी कही का प्रभारी नहीं बनाया गया है। जानकारी मिल रही है कि सूडान सिंह भी इस बार चुनाव लड़ेंगे। सुनील बंसल को भी लोकसभा चुनाव में उतरा जा सकता है। ,बंदी संजय कुमार और अरुण सिंह को भी चुनाव में खड़ा किया जा सकता है। पीयूष गोयल और अनुराग ठाकुर को भी मैदान में उतरने की बात कही जा रही है।
कहा जा रहा है कि इस बार की लड़ाई रोचक है। इंडिया गठबंधन अगर ताकत के साथ लड़ती है तो कई राज्यों में कडा मुकाबला हो सकता है। बीजेपी को लग रहा है कि पिछले चुनाव में जहाँ बीजेपी को काफी बढ़त हासिल हुई थी इस बार चुनौती ज्यादा है। ऐसे में किसी भी ताकतवर नेता को ही मैदान में उतरकर चुनौती का सामना किया जा सकता है।