G7 Summit 2024: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शुक्रवार को इटली (Italy) में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व नेताओं (World Leaders) से मुलाकात के दौरान कहा कि, वैश्विक समुदाय (global community) को यह सुनिश्चित करना होगा कि तकनीकी (technology) का लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंचे, ताकि असमानताएं समाप्त हो सकें और समावेशी समाज की नींव रखी जा सके।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence – AI) और ऊर्जा पर केंद्रित एक आउटरीच सत्र में भाग लेते हुए, मोदी ने तकनीकी को रचनात्मक होने का आह्वान किया, विनाशकारी नहीं, भारत में हाल ही में संपन्न आम चुनावों में इसकी भूमिका के बारे में बात की, विशेष रूप से प्रक्रिया को स्वतंत्र और निष्पक्ष बनाने में, और वैश्विक दक्षिण के मुद्दों को उठाने में भारत की भूमिका को रेखांकित किया। 21वीं सदी को तकनीकी का युग बताते हुए, मोदी ने कहा कि “प्रौद्योगिकी मनुष्य को चाँद पर ले जाने का साहस देती है” लेकिन साथ ही साइबर सुरक्षा जैसी चुनौतियाँ भी पैदा करती है।
उन्होंने हिंदी में कहा, “हमें मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रौद्योगिकी का लाभ समाज के सभी स्तरों तक पहुंचे…सामाजिक असमानताओं को खत्म करने में मदद मिले और मानवीय शक्तियों को सीमित करने के बजाय उनका विस्तार हो।”
उन्होंने आगे कहा, “हमें प्रौद्योगिकी में एकाधिकार को समग्रता में बदलना होगा। हमें प्रौद्योगिकी को रचनात्मक बनाना होगा, विनाशकारी नहीं। तभी हम समावेशी समाज की नींव रख पाएंगे।”
अपने तीसरे कार्यकाल में पहली विदेश यात्रा पर आए मोदी ने दिन में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (French President Emmanuel Macron), यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की (President of Ukraine Volodymyr Zelensky), ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (British Prime Minister Rishi Sunak) और इटली की प्रधानमंत्री और मेजबान (Prime Minister of Italy and Host) जॉर्जिया मेलोनी (Georgia Meloni) के साथ द्विपक्षीय बैठकें (Bilateral meetings) भी कीं।
बाद में उनकी अमेरिकी राष्ट्रपति (US President) जो बिडेन (Joe Biden) से भी संक्षिप्त मुलाकात हुई, जब विश्व नेता एक “पारिवारिक फोटो” के लिए एकत्र हुए थे।
मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “@POTUS @JoeBiden से मिलना हमेशा खुशी की बात होती है। भारत और अमेरिका वैश्विक भलाई के लिए मिलकर काम करते रहेंगे।” इस पोस्ट के साथ उन्होंने बिडेन को गले लगाते और उनसे हाथ मिलाते हुए चार तस्वीरें भी पोस्ट कीं।
भारत उन 12 देशों और पांच अंतरराष्ट्रीय संगठनों में शामिल है जिन्हें जी7 शिखर सम्मेलन के मेजबान इटली ने आउटरीच सत्र में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। एआई और ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करते हुए, मोदी ने चार सिद्धांतों – उपलब्धता, पहुंच, सामर्थ्य और स्वीकार्यता – पर प्रकाश डाला, जो ऊर्जा के प्रति भारत के दृष्टिकोण को निर्देशित करते हैं।
यूरोपीय संसद (European Parliament) के हाल के चुनावों तथा कुछ अन्य देशों में होने वाले आगामी चुनावों का उल्लेख करते हुए मोदी ने भारतीय चुनावों (Indian Elections) की महत्ता पर प्रकाश डाला, जिसमें 2,600 से अधिक राजनीतिक दलों, 10 लाख से अधिक मतदान केन्द्रों, 5 लाख से अधिक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों, 15 मिलियन मतदान कर्मचारियों तथा 640 मिलियन मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
उन्होंने कहा, “प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग से पूरी चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी बनी है…यह दुनिया और मानवता के इतिहास में लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव था…और यह मेरा सौभाग्य है कि भारत के लोगों ने मुझे लगातार तीसरी बार उनकी सेवा कर का अवसर दिया है।”
मोदी ने कहा कि, भारत एआई को पारदर्शी, निष्पक्ष, सुरक्षित, सुलभ और जिम्मेदार बनाने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करेगा। उन्होंने कहा कि, एआई के लिए वैश्विक भागीदारी के संस्थापक सदस्य और प्रमुख अध्यक्ष के रूप में भारत सभी देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने भारत के मानव-केंद्रित दृष्टिकोण की ओर इशारा करते हुए कहा कि, यह एआई के लिए राष्ट्रीय रणनीति तैयार करने वाले पहले कुछ देशों में से एक था, जो “एआई मिशन” के शुभारंभ का आधार था। इस मिशन का मंत्र “सभी के लिए एआई” है और भारत एआई के लिए वैश्विक भागीदारी के प्रमुख अध्यक्ष के रूप में सभी देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा दे रहा है।
मोदी ने कहा कि, भारत ने पिछले वर्ष जी-20 की अध्यक्षता के दौरान एआई में अंतर्राष्ट्रीय शासन के महत्व पर बल दिया था और वह भविष्य में भी एआई को पारदर्शी, निष्पक्ष, सुरक्षित, सुलभ और जिम्मेदार बनाने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करता रहेगा।
उन्होंने कहा कि, भारत COP के तहत अपनी सभी प्रतिबद्धताओं को समय से पहले पूरा करने वाला पहला देश है और 2070 तक “नेट जीरो” हासिल करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। “मिशन लाइफ़” या पर्यावरण के लिए जीवनशैली शुरू करने के अलावा, भारत ने 5 जून को पर्यावरण दिवस पर “एक पेड़ माँ के नाम” (माँ के नाम पर एक पेड़) शुरू किया। उन्होंने कहा, “हर कोई अपनी माँ से प्यार करता है। इस भावना के साथ, हम वृक्षारोपण को व्यक्तिगत स्पर्श और वैश्विक जिम्मेदारी के साथ एक जन आंदोलन बनाना चाहते हैं। मैं आप सभी से इसमें शामिल होने का आग्रह करता हूँ।”
2047 तक विकसित भारत बनाने की अपनी योजनाओं की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग में यह प्रतिबद्धता भी महत्वपूर्ण है कि समाज का कोई भी वर्ग पीछे न छूटे। उन्होंने कहा, “वैश्विक दक्षिण के देश वैश्विक अनिश्चितताओं और तनावों का खामियाजा भुगत रहे हैं। भारत ने वैश्विक दक्षिण के देशों की प्राथमिकताओं और चिंताओं को विश्व मंच पर रखना अपनी जिम्मेदारी समझी है।”
इन प्रयासों में भारत ने अफ्रीका को उच्च प्राथमिकता दी है तथा वह अफ्रीका के सभी देशों के सामाजिक-आर्थिक विकास, स्थिरता और सुरक्षा में योगदान देता रहा है।
मोदी ने शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री मेलोनी को धन्यवाद दिया तथा जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं दीं।