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Kautilya Economic Conclave: प्रधानमंत्री 4 अक्टूबर को कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन में लेंगे भाग

Prime Minister will participate in Kautilya Economic Conference on 4 October

Kautilya Economic Conclave: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को तीसरे कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन को संबोधित करेंगे, जिसमें रोजगार सृजन, हरित अर्थव्यवस्था, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और सार्वजनिक नीति डिजाइन सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी।

इस वर्ष का सम्मेलन कई विषयों पर केंद्रित होगा, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय ढांचे में सुधार, हरित परिवर्तन के लिए वित्तपोषण, भू-आर्थिक विखंडन और विकास के निहितार्थ शामिल हैं। इसमें ‘भारत और मध्यम आय जाल’, नौकरियों और कौशल, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और सार्वजनिक नीति डिजाइन, और अर्थव्यवस्था के लचीलेपन को बनाए रखने के लिए नीति कार्रवाई के सिद्धांतों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।

वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि ‘भारतीय युग’ विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में लगभग 150 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शिक्षाविद तथा नीति निर्माता भारतीय अर्थव्यवस्था और वैश्विक दक्षिण की अर्थव्यवस्थाओं के समक्ष उपस्थित सर्वाधिक महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच पर आएंगे।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उद्घाटन भाषण देंगी, जबकि विदेश मंत्री एस जयशंकर 4-6 अक्टूबर तक चलने वाले तीन दिवसीय कार्यक्रम का समापन भाषण देंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन आर्थिक मामलों के विभाग और आर्थिक विकास संस्थान द्वारा किया जा रहा है।

इन सत्रों में होने वाली चर्चाओं में से कुछ इस प्रकार होंगी कि भारतीय अर्थव्यवस्था किस प्रकार अधिक नियमित नौकरियाँ पैदा कर सकती है; किस प्रकार नियम-आधारित बहुपक्षीय प्रणाली को भू-आर्थिक विखंडन को रोकने के लिए अनुकूलित किया जाना चाहिए, तथा किस प्रकार बहुपक्षीय सहमति के माध्यम से प्रगति संभव बनाई जा सकती है। कॉन्क्लेव के तीसरे संस्करण में रोजगार सृजन के लिए एआई, एमएल और फिनटेक में भारत के तुलनात्मक लाभ का दोहन करने; भारत की वर्तमान विकास गति का आकलन करने तथा उन तरीकों पर विचार करने पर भी चर्चा की जाएगी जिनसे भारत उत्पादकता वृद्धि को बनाए रख सकता है।

इसमें वित्तीय प्रणाली को अधिक लचीला और कुशल बनाने के लिए आवश्यक सुधारों पर भी चर्चा की जाएगी; सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दीर्घकालिक पहलों की पहचान की जाएगी; और जलवायु परिवर्तन और नवीकरणीय ऊर्जा पर चर्चा की जाएगी। वित्त मंत्रालय ने कहा, “सम्मेलन में वैश्विक दक्षिण के देशों के बीच सेतु-निर्माता के रूप में भारत की बढ़ती भूमिका को प्रदर्शित किया जाएगा।”

सम्मेलन के वक्ताओं में भूटान के वित्त मंत्री ल्योनपो लेके दोरजी, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा, एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) के मुख्य अर्थशास्त्री एरिक बर्गलोफ, नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी, 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया और हार्वर्ड केनेडी स्कूल के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं निवेश के प्रोफेसर रॉबर्ट लॉरेंस शामिल हैं।

Written By। Chanchal Gole। National Desk। Delhi

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