नई दिल्ली: राजधानी की रोहिणी जेल में बंद कैदी सुकेश चंद शेखर के जेल में रहने के दौरान जेल के अधिकारियों और कर्मचारियों को हर माह डेढ करोड़ की रिश्वत देता था, जिसके बदले रोहिणी जेल के अधिकारियों ने उसे अलग से बैरक दे रखी थी और उसे मोबाइल फोन चलाने जैसी तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध करा रखीं थीं। इस मामले में पहले ही जेल के सात कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
दिल्ली पुलिस की अपराधा शाखा ने इस प्रकरण की जांच करने के बाद अब रोहिणी जेल के दस जेल सहायक अधीक्षकों सहित 82 जेल अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी है। यहां यह भी बता दें कि रोहिणी की जेल नं.10 के वार्ड नं.3 में बंद महाठग सुकेश चंद शेखर पर आरोप है कि उसने जेल में रहकर भी दो सौ करोड़ की ठगी की है। वह जेल में रहते हुए मोबाइल फोन से आवाज बदलकर खुद को गृह मंत्रालय को बड़ा अधिकारी बताकर अमीर लोगों से ठगी करता था। उसने फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रवर्तक शिवेन्द्र मोहन सिंह की पत्नी अदिति सिंह की पत्नी से भी करोडों की ठगी की थी, जिस पर उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया गया।
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अमीर लोगों को करोड़ो का चूना लगाने वाला सुकेश चंद शेखर द्वारा जेल में की जा रही कारगुजारियों का उस समय पर्दाफाश हुआ कि जेल में लगे सीसीटीवी कैमरे में सुकेश चंद शेखर के जेल के अस्पताल में तैनात एक अनुबंधीय नर्सिंग स्टाफ के बातचीत करते और इसे एक पत्र थमाते हुए कैद हो गया। जेल के आला अफसरों ने जब उस अनुबंधीय नर्सिंग स्टाफ से बातचीत की तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका और गहनता के मामले की जांच की तो सारी बातों का पता चला। इस पर प्रथम दृष्टया सुकेश चंद शेखर को जेल में सहायता करने वाले सात कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन इसके बाद मामले की आगे जांच करने के पश्चात जून के दूसरे सप्ताह दस जेल सहायक अधीक्षकों सहित 82 जेल अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी है। माना जा रहा है कि जल्द ही रिश्वतत लेने के आरोपियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।