Proba-3 Mission: इसरो ने रचा नया इतिहास! सूर्य के रहस्यों से पर्दा उठाने के लिए लॉन्च किया Proba-3 Mission
ISRO ने यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के Proba-3 mission को लॉन्च कर दिया है। यह mission सूर्य के बाहरी वातावरण कोरोना का अध्ययन करेगा। इस मिशन में 2 उपग्रहों को एक साथ छोड़ा गया। बता दें कि यह प्रक्षेपण ISRO के PSLV-C59 रॉकेट से किया गया। यह ISRO का 61वां PSLV मिशन है।
Proba-3 Mission: आज एक ऐतिहासिक दिन है! भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के साथ मिलकर सूर्य के रहस्यों की जांच के लिए एक नया मिशन शुरू किया है।
ISRO ने आज यानि 5 दिसंबर को यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency) के Proba-3 mission को लॉन्च कर दिया है। यह mission सूर्य के बाहरी वातावरण कोरोना का अध्ययन करेगा। इस मिशन में 2 उपग्रहों को एक साथ छोड़ा गया। बता दें कि यह प्रक्षेपण ISRO के PSLV-C59 रॉकेट से किया गया। यह ISRO का 61वां PSLV मिशन है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 15 अक्टूबर को घोषणा की कि PSLV-C59 ने अंतरिक्ष में जाकर नया इतिहास रच दिया है। यह मिशन NSIL के नेतृत्व में और ISRO की अग्रणी तकनीक के सहयोग से ESA के अत्याधुनिक PROBA-3 उपग्रहों को अंतरिक्ष में स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का एक शानदार उदाहरण है, जो भारत की विकासशील अंतरिक्ष क्षमताओं को उजागर करता है।
क्या है PROBO-3 Mission
PROBO-3 Mission सूर्य के corona का अध्ययन करने के लिए डिजाइन किया गया है। कोरोना सूर्य का बाहरी वातावरण है, जो सूर्य की सतह से कहीं ज्यादा गर्म होता है। यह अंतरिक्ष के मौसम का भी स्रोत है, जिससे यह वैज्ञानिकों के लिए खास रुचि का विषय है। probo-3 mission में 2 उपग्रह हैं: Coronagraph (310 किलोग्राम) और Occulter (240 किलोग्राम)। ये दोनों उपग्रह मिलकर एक अनोखा प्रयोग करेंगे। Occulter उपग्रह सूर्य की डिस्क को ढक लेगा, जिससे Coronagraph उपग्रह सूर्य के कोरोना का स्पष्ट रूप से अवलोकन कर पाएगा। यह तकनीक सूर्य के कोरोना के बारे में अध्ययन करने में मदद करेगी।मिशन का एक मुख्य उद्देश्य सटीक फॉर्मेशन फ्लाइंग का प्रदर्शन करना भी है। दोनों उपग्रहों को एक साथ, एक के ऊपर एक, निर्धारित कक्षा में स्थापित किया गया है। इस तकनीक का सफलतापूर्वक प्रदर्शन भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए नए रास्ते खोलेगा।
PSLV-C59 रॉकेट का हुआ इस्तेमाल
इस लॉन्च के लिए PSLV-C59 रॉकेट का इस्तेमाल किया गया, जो 44.5 मीटर ऊंचा है। यह PSLV रॉकेट की 61वीं उड़ान और PSLV-XL संस्करण का 26वां मिशन था। PSLV-XL संस्करण भारी उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए डिजाइन किया गया है। शाम 4:04 बजे लॉन्च होने के बाद Coronagraph और Occulter उपग्रह 18 मिनट की यात्रा के बाद अपनी निर्धारित कक्षा में पहुंच गए। कक्षा में पहुंचने के बाद, दोनों उपग्रह 150 मीटर की दूरी पर एक एकल प्रणाली के रूप में कार्य करेंगे।