Punjab Bullock Carts Race: पंजाब में 11 साल बाद फिर दौड़ेंगी बैलगाड़ियां, मान सरकार ने हटाई पाबंदी
पंजाब में बैलगाड़ी दौड़ की वापसी हो गई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ऐलान किया कि अब राज्य में पारंपरिक बैलगाड़ी दौड़ फिर से आयोजित की जा सकेगी। इसके लिए ‘पंजाब पशु क्रूरता रोकथाम (पंजाब संशोधन) अधिनियम-2025’ को विधानसभा में पारित कर दिया गया है। यह अधिनियम 2014 से लागू उस रोक को खत्म करता है, जिसके तहत पंजाब में बैलगाड़ी दौड़ प्रतिबंधित थी।
Punjab Bullock Carts Race: पंजाब में बैलगाड़ी दौड़ की वापसी हो गई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ऐलान किया कि अब राज्य में पारंपरिक बैलगाड़ी दौड़ फिर से आयोजित की जा सकेगी। इसके लिए ‘पंजाब पशु क्रूरता रोकथाम (पंजाब संशोधन) अधिनियम-2025’ को विधानसभा में पारित कर दिया गया है। यह अधिनियम 2014 से लागू उस रोक को खत्म करता है, जिसके तहत पंजाब में बैलगाड़ी दौड़ प्रतिबंधित थी।
ਅਸੀਂ ਪੰਜਾਬ ਦੀਆਂ ਵਿਰਾਸਤੀ ਖੇਡਾਂ ਨੂੰ ਮੁੜ ਸੁਰਜੀਤ ਕਰ ਰਹੇ ਹਾਂ ਤਾਂ ਜੋ ਸਾਡੇ ਬਜ਼ੁਰਗਾਂ ਤੋਂ ਚੱਲੀਆਂ ਆ ਰਹੀਆਂ ਇਹਨਾਂ ਰਿਵਾਇਤੀ ਖੇਡਾਂ ਤੋਂ ਨੌਜਵਾਨ ਪੀੜ੍ਹੀ ਨੂੰ ਜਾਣੂ ਕਰਵਾਇਆ ਜਾ ਸਕੇ। ਇਹਨਾਂ ਖੇਡਾਂ 'ਚ ਹਿੱਸਾ ਲੈਣ ਵਾਲੇ ਜਾਨਵਰਾਂ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਯਕੀਨੀ ਬਣਾਈ ਜਾਵੇਗੀ। ਖੇਡਾਂ 'ਤੇ ਲੱਗੀ ਰੋਕ ਕਾਰਨ ਬੇਰੁਜ਼ਗਾਰ ਹੋਏ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਮੁੜ… pic.twitter.com/8PgGg3Ybkv
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) July 11, 2025
बैल सिर्फ जानवर नहीं, किसान का परिवार हैं
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में किसान बैलों को अपने बेटे की तरह पालते हैं। जो बैल इन रेसों में भाग लेते हैं, उन्हें खास खुराक दी जाती है, जिसकी कीमत लाखों रुपये तक होती है। उन्होंने कहा कि यह दौड़ें पंजाबी संस्कृति और विरासत से जुड़ी हुई हैं, और इन पर रोक लगाना परंपराओं के विरुद्ध है।
गुरु नानक देव जी का भी हवाला
मुख्यमंत्री ने गुरु नानक देव जी का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने भी खेती के लिए बैलों का उपयोग किया था। इसलिए यह केवल एक खेल नहीं बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का हिस्सा है।
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नए कानून में सुरक्षा मानकों का खास ध्यान
‘पंजाब पशु क्रूरता रोकथाम (संशोधन) अधिनियम-2025’ के तहत ऐसे सभी खेलों में भाग लेने वाले जानवरों के लिए सख्त सुरक्षा उपाय लागू होंगे। इनमें शामिल हैं:
पशु चिकित्सा निगरानी
सुरक्षा मानकों का पालन
जानवरों का पंजीकरण और दस्तावेज
उल्लंघन पर सजा का प्रावधान
इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बैलों के साथ कोई क्रूरता न हो और वे स्वस्थ अवस्था में ही दौड़ में भाग लें।
पूरे पंजाब में दौड़ेगी बैलगाड़ी, सिर्फ एक स्थान तक सीमित नहीं
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में केवल किला रायपुर की बैलगाड़ी दौड़ को ही विशेष छूट दी गई थी, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने अब यह छूट पूरे पंजाब के लिए लागू कर दी है। अब गांव-गांव में पारंपरिक बैलगाड़ी दौड़ें आयोजित हो सकेंगी।
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परंपरागत खेलों को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री मान ने उम्मीद जताई कि पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने से न केवल पंजाब की सांस्कृतिक पहचान मजबूत होगी, बल्कि देसी पशु नस्लों को भी संरक्षित किया जा सकेगा।
विपक्ष ने भी जताई सहमति
अकाली दल के विधायक मनप्रीत अयाली ने कहा कि पंजाब में बैलगाड़ी दौड़, कुत्ता दौड़ और कबूतरबाजी जैसे खेल लंबे समय से लोकप्रिय रहे हैं। अगर इनमें जानवरों पर अत्याचार न हो, तो इन खेलों को जारी रखने में कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि शर्तों और निगरानी के साथ ये पारंपरिक खेल फिर से शुरू होने चाहिए।
बैलगाड़ी दौड़ की वापसी से पंजाब के ग्रामीण इलाकों में एक बार फिर उत्साह और संस्कृति का माहौल लौटेगा। इस पहल से न सिर्फ परंपराएं जीवित रहेंगी, बल्कि पशु सुरक्षा के साथ संतुलन बनाते हुए एक नई मिसाल भी कायम होगी।
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