नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड से संबंधित मनी लांड्रिंग मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के समक्ष पेश हुए, जहां उनसे असिस्टेंट डायरेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर स्तर के अधिकारियों की तीन सदस्यीय टीम ने उनसे पूछताछ की। ईडी के सूत्रों का कहना है कि घंटों हुई पूछताछ में कई बार राहुल असहज दिखायी दिये। कई सवाल ऐसे थे, जिन्हें सुनकर वे पसीने-पसीने भी हुए।
राहुल को कई दौर की पूछताछ की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। सवालों के जवाबों देने से पहले राहुल गांधी को सच बोलने संबंधी शपथ भी लेनी पडी। राहुल गांधी से पीएमएलए (प्रिवेंशन आफ मनी- लॉड्रिंग एक्ट) की धारा 50 के तहत बयान दर्ज किये गये। उनसे आज दौ दौर की पूछताछ हुई। लंच के बाद वे अस्पताल में भर्ती अपनी मां सोनिया गांधी से भी मिलने गये। उसके बाद वे फिर से ईडी पहुंचे, जहां उनसे फिर से सवाल जवाब किये गये।
उधर राहुल गांधी सोमवार को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के समक्ष पेशी को लेकर न केवल दिल्ली, बल्कि उत्तर प्रदेश के लखनऊ सहित कई राज्यों में बडे शहरों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। जिस पर उन्हें हिरासत में लिया गया। दिल्ली में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को हिरासत में लिया गया, जिन्हें थाना तुगलक रोड रेलवे स्टेशन में रखा गया। वहां उनसे मिलने प्रियंका गांधी वाड्रा पहुंची थी।
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आखिर क्या है मामला
नेशनल हेराल्ड से संबंधित मनी लांड्रिंग से जुडा यह मामला 2012 में सामने आया था और इसकी जांच 2015 में की गयी थी। इस मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी आरोपी हैं। सोनिया गांधी को भी ईडी के सामने पेश होना था, लेकिन कोरोना के लक्ष्यों के कारण वे अस्पताल में भर्ती हैं। सोनिया गांधी को अब 23 जून को ईडी के सामने पेश होना है।
राहुल गांधी पर आरोप है कि उन्होने दो हजार करोड़ की कंपनी को मात्र पचास लाख रुपये में ले लिया। नेशनल हेराल्ड का मालिकाना हक एसोसिएट जर्नल लिमिटेड के पास था, जिसे 2010 में यंग इंडिया लिमिटेड को मालिकाना अधिकार सौंप दे दिया गया था। राहुल गांधी के यंग इंडिया लिमिटेड में 76 फीसदी शेयर है और वे ही इस कंपनी के डायरेक्टर हैं।