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Rajasthan School Accident: शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने ली झालावाड़ स्कूल हादसे की जिम्मेदारी, सख्त कार्रवाई का किया वादा

राजस्थान के झालावाड़ जिले में हुए स्कूल हादसे के बाद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस हादसे की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने कहा कि इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Rajasthan School Accident: राजस्थान के झालावाड़ में हाल ही में हुए दर्दनाक स्कूल हादसे के बाद सरकार हरकत में आई है। इस हादसे में मासूम बच्चों की जान जाने के बाद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अपनी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि “भगवान न करे ऐसी घटना दोबारा हो। हम बच्चों की जान की कीमत पर जर्जर भवनों में पढ़ाई का आदेश नहीं दे सकते।”

हादसे के बाद भरतपुर पहुंचे शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट कहा कि यह घटना दुखद है और इसकी जिम्मेदारी वे स्वयं लेते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने पहले भी जर्जर स्कूलों की सूची मांगी थी, लेकिन जिस स्कूल में हादसा हुआ उसका नाम उस सूची में नहीं था।

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हादसे की जांच और सख्त कार्रवाई का वादा

मदन दिलावर ने कहा, “इस घटना की विस्तृत जांच करवाई जा रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर सख्त कार्रवाई होगी। मैं नैतिक आधार पर इस घटना की जिम्मेदारी लेता हूं, क्योंकि जब अच्छे काम की जिम्मेदारी लेते हैं तो बुरे की भी लेनी चाहिए।”

हादसे की वजह बनी जर्जर छत

घटनास्थल के निरीक्षण में सामने आया कि स्कूल की छत आरसीसी नहीं थी, बल्कि पट्टियों से बनी थी। दीवार गिरने के बाद यह पट्टियां भी टूटकर नीचे आ गिरीं जिससे यह हादसा हुआ। शिक्षा मंत्री ने जानकारी दी कि 1.5 साल पहले मरम्मत के लिए एक लाख रुपये डांग विकास फंड से मिले थे, पर इससे पूरी मरम्मत संभव नहीं हो सकी।

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2,000 स्कूलों के लिए जारी हुआ फंड

शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्य के 2,000 स्कूलों को चिन्हित कर फंड जारी कर दिया है। “यह सरकारी प्रक्रिया है जिसमें टेंडर आदि लगते हैं, यह कोई निजी काम नहीं है कि रातों-रात पूरा हो जाए,” उन्होंने कहा।

जर्जर कमरों को तत्काल बंद करने के निर्देश

मदन दिलावर ने साफ कहा, “जब तक भवनों की मरम्मत नहीं हो जाती, तब तक जर्जर कमरों में ताले लगाए जाएं और बच्चों को पास के सुरक्षित स्कूलों में शिफ्ट किया जाए। हमारी प्राथमिकता बच्चों की जान है, न कि ढांचे में पढ़ाई।”

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विधायक निधि से होगी अब मरम्मत संभव

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी हादसे के बाद बड़ा फैसला लेते हुए जर्जर स्कूलों और सरकारी संस्थानों की मरम्मत को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने डांग, मगरा और मेवात योजना क्षेत्रों में मरम्मत के लिए बजट सीमा को 15% से बढ़ाकर 20% कर दिया है।

अब विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MLA LAD) के तहत सालाना आवंटन का 20% तक राजकीय भवनों की मरम्मत पर खर्च किया जा सकेगा। इस बदलाव से अब स्कूल, आंगनबाड़ी, पंचायत भवन जैसे संस्थानों की मरम्मत तेजी से संभव हो सकेगी।

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Diksha Parmar

मैं पिछले तीन वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय हूं. एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल और वायरल खबरें लिखने में मेरी खास रुचि है। साथ ही, मुझे रिसर्च-आधारित कहानियां तैयार करना भी बेहद पसंद है।

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