Tulsi Gabbard India Visit: राजनाथ सिंह ने तुलसी गबार्ड से की मुलाकात, खालिस्तानी चरमपंथियों के खिलाफ उठाई सख्त कार्रवाई की मांग
भारत ने विदेशी धरती से सक्रिय खालिस्तान समर्थक समूहों समेत भारत विरोधी तत्वों पर चिंता जताई है। कैलिफोर्निया में एक हिंदू मंदिर पर हमले के कुछ दिनों बाद यह कदम उठाया गया है। सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गार्ड के बीच हुई बैठक में खालिस्तानी समर्थकों पर चिंता जताई गई।
Tulsi Gabbard India Visit: खालिस्तानी पूरी दुनिया में भारत के खिलाफ जहर फैलाते रहते हैं। वे कनाडा से लेकर ब्रिटेन तक भारतीयों पर हमला करते हैं और भारतीय संस्थानों पर हमला करते हैं। लेकिन अब भारत ने भी खालिस्तानियों को सबक सिखाने का फैसला किया है। भारत ने अमेरिका में सक्रिय खालिस्तानी समूह ‘सिख फॉर जस्टिस’ (SFJ) की गतिविधियों पर चिंता जताई है। यह चिंता सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड के बीच हुई बैठक के दौरान व्यक्त की गई।
सूत्रों ने एक समाचार एजेंसी को बताया कि, बैठक के दौरान राजनाथ सिंह ने अमेरिकी प्रशासन से इस समूह के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया। रक्षा मंत्री और गबार्ड की बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों को मजबूत करना था। इसमें रक्षा और खुफिया साझेदारी पर जोर दिया गया। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि सामरिक सुरक्षा दोनों देशों के व्यापक वैश्विक रणनीतिक सहयोग का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।
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दोनों के बीच हुई कई मुद्दों पर चर्चा
आधिकारिक बयान में कहा गया, “राजनाथ सिंह और तुलसी गबार्ड ने सैन्य अभ्यास, रणनीतिक सहयोग, रक्षा औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखलाओं के एकीकरण और सूचना-साझाकरण सहयोग, विशेष रूप से समुद्री क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की समीक्षा की। दोनों नेताओं ने अत्याधुनिक रक्षा नवाचार और विशिष्ट प्रौद्योगिकियों में सहयोग के अवसरों की खोज की, जो उनके साझा रणनीतिक हितों को आगे बढ़ाने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके अलावा, उन्होंने अंतर-संचालन को बढ़ाने और रक्षा औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखलाओं के एकीकरण को बढ़ावा देने के प्रमुख क्षेत्रों पर भी चर्चा की।”
Happy to have met the US Director of National Intelligence Ms @TulsiGabbard in New Delhi. We discussed a wide range of issues which include defence and information sharing, aiming to further deepen the India-US partnership. pic.twitter.com/DTUgJIgeCN
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) March 17, 2025
गबार्ड की भारत यात्रा पहली उच्च स्तरीय यात्रा है
गबार्ड की भारत यात्रा ट्रम्प प्रशासन के किसी भी अधिकारी की पहली उच्च स्तरीय यात्रा है। राजनाथ सिंह के साथ उनकी चर्चा रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ बैठक के बाद हुई, जिसमें खुफिया जानकारी साझा करने और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की गई।
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गबार्ड ने भारत द्वारा आयोजित वैश्विक खुफिया प्रमुखों के सम्मेलन में भी भाग लिया। इसमें अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन के प्रतिनिधि शामिल थे। बंद दरवाजों के पीछे हुई चर्चा में खुफिया जानकारी साझा करने, आतंकवाद विरोधी प्रयासों, उभरते प्रौद्योगिकी खतरों और इंडो-पैसिफिक सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया।
भारत ने खालिस्तानियों पर की चिंता व्यक्त
भारतीय पक्ष ने खालिस्तान समर्थक समूहों सहित विदेशी धरती से संचालित भारत विरोधी तत्वों पर चिंता व्यक्त की। सम्मेलन में रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व संघर्ष जैसी वैश्विक चुनौतियों पर भी चर्चा की गई। गबार्ड की बहु-देशीय यात्रा में जापान, थाईलैंड और फ्रांस भी शामिल हैं।
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खालिस्तानी अमेरिका में भी हिंदू मंदिरों पर कर रहे हमला
गौरतलब है कि 9 मार्च को कैलिफोर्निया में एक हिंदू मंदिर पर खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने “भारत विरोधी” भित्तिचित्रों के साथ हमला किया था। भारत ने इसकी कड़ी निंदा की थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस तरह के कृत्यों को “घृणित” करार दिया और कहा कि स्थानीय अधिकारियों को पूजा स्थलों की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। यह घटना न्यूयॉर्क के BAPS मंदिर में हुई इसी तरह की घटना के दस दिन बाद हुई है। पिछले साल भी हिंदू मंदिरों में इसी तरह की घटनाएं हुई थीं।
भारत ने यह भी आरोप लगाया है कि खालिस्तान समर्थक समूह ‘सिख फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) अमेरिका और अन्य देशों में भारतीय गणमान्य व्यक्तियों के खिलाफ “निराधार” मामले दर्ज करके भारत विरोधी प्रचार कर रहा है। भारत ने एसएफजे पर “राष्ट्र-विरोधी और विध्वंसक गतिविधियों” में शामिल होने का आरोप लगाया है। भारत सरकार ने कनाडा और अमेरिका में पन्नून और अन्य खालिस्तान समर्थक नेताओं की गतिविधियों पर लगातार चिंता व्यक्त की है, जिसमें भारतीय राजनयिकों और राजनयिक मिशनों के खिलाफ हिंसा भड़काने में उनकी संलिप्तता भी शामिल है।
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