Sliderन्यूज़राजस्थानराज्य-शहर

Ranthambore Tiger Attack: रणथंभौर में बाघ का हमला: मंदिर में काम कर रहे बुजुर्ग की दर्दनाक मौत, स्थानीयों में आक्रोश

रणथंभौर नेशनल पार्क में एक बार फिर मानव-वन्यजीव संघर्ष देखने को मिला, जहां एक बाघ के हमले में 60 वर्षीय राधेश्याम माली की मौत हो गई। राधेश्याम किले के परिसर में स्थित जैन मंदिर में कार्यरत थे। उनका शव झाड़ियों में मिला, जिस पर बाघ के हमले के स्पष्ट निशान थे।

Ranthambore Tiger Attack: रणथंभौर नेशनल पार्क एक बार फिर इंसान और वन्यजीव के टकराव का गवाह बना, जहां एक बाघ के हमले में 60 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई। मृतक राधेश्याम माली जैन मंदिर में कार्यरत थे और किले के पास ही उनका शव झाड़ियों में मिला। इस दर्दनाक घटना ने पूरे क्षेत्र में दहशत और गुस्से का माहौल पैदा कर दिया है।

घटना के बाद स्थानीय लोगों ने वन विभाग और प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए गणेश धाम के पास जाम लगा दिया। वहीं प्रशासन से कई सवाल उठने लगे हैं कि जब बाघ की मौजूदगी की आशंका पहले से थी, तो एहतियात क्यों न बरती गई?

Read More: Rajasthan News: बकरीद पर खाना बनाते वक्त फटा गैस सिलेंडर, जोरदार धमाके से मकान की छत उड़ी, इलाके में मचा हड़कंप

जैन मंदिर से महज 40 मीटर दूर मिली लाश

सोमवार सुबह रणथंभौर किले के परिसर में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब मंदिर क्षेत्र से लगभग 30 से 40 मीटर दूर झाड़ियों में एक शव बरामद हुआ। मृतक की पहचान शेरपुर निवासी राधेश्याम माली (60 वर्ष) के रूप में हुई, जो किले में स्थित जैन मंदिर में काम कर रहे थे। शव की स्थिति भयावह थी—गर्दन पर बाघ के केनाइन दांतों के निशान थे और जांघ का हिस्सा खाया हुआ था।

बाघ की गतिविधि पहले ही दर्ज की गई थी

वन विभाग की आधिकारिक जानकारी के अनुसार, घटना से एक दिन पहले यानी 8 जून को ही त्रिनेत्र गणेश मार्ग पर बाघ की हलचल देखी गई थी। इसके बाद श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए मंदिर जाने वाले मार्ग को बंद कर दिया गया था और प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था। इसके बावजूद, यह सवाल उठ रहा है कि राधेश्याम माली जैसे ही व्यक्ति वहां तक कैसे पहुंचे?

पढ़े ताजा अपडेटNewswatchindia.comHindi NewsToday Hindi News, Breaking

मंदिर में सेवा कर रहे थे मृतक

प्रशासन ने इस दर्दनाक घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि शेरपुर निवासी 60 वर्षीय राधेश्याम माली, जो किले के परिसर में स्थित जैन मंदिर में काम कर रहे थे, एक दुखद बाघ के हमले में अपनी जान गंवा बैठे। उनके शव को कब्जे में लेकर हॉस्पिटल भेजा गया है और पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखा गया है।

बाघों की बढ़ती मौजूदगी

रणथंभौर किले के आसपास, खासकर गणेश धाम और मंदिर मार्ग के बीच बाघों की सक्रियता बढ़ती जा रही है। इसके बावजूद वन विभाग द्वारा कोई स्थायी या प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था लागू नहीं की गई, जिससे ऐसे हादसे टाले जा सकें।

Latest ALSO New Update Uttar Pradesh Newsउत्तराखंड की ताज़ा ख़बर

लोगों का गुस्सा फूटा, लगाया जाम

राधेश्याम माली की मौत से गुस्साए स्थानीय लोगों ने गणेश धाम के पास जाम लगा दिया और वन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि “बाघों की हलचल पहले से थी, इसके बावजूद सुरक्षा नहीं की गई। अगर व्यवस्था होती तो राधेश्याम की जान बच सकती थी।” पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन आक्रोश थम नहीं रहा।

प्रशासन के सामने गंभीर सवाल

अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जब बाघ की मौजूदगी पहले से दर्ज थी, तो राधेश्याम जैसे व्यक्ति वहां कैसे पहुंचे? क्या उन्होंने प्रतिबंध का उल्लंघन किया, या फिर सुरक्षा व्यवस्था में चूक हुई? प्रशासन और वन विभाग की ओर से अभी तक इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया है।

मानव और वन्यजीव संघर्ष का बढ़ता खतरा

रणथंभौर जैसी संरक्षित जगहों पर लगातार हो रही ऐसी घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि मानव और वन्यजीव के बीच की दूरी दिन-ब-दिन कम होती जा रही है, और यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसी घटनाएं और अधिक भयावह रूप ले सकती हैं।

Political News: Find Today’s Latest News on PoliticsPolitical Breaking News, राजनीति समाचार, राजनीति की खबरे from India and around the World on News watch india.

Follow Us: हिंदी समाचारBreaking Hindi News Live  में सबसे पहले पढ़ें News watch indiaपर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट न्यूज वॉच इंडिया न्यूज़ लाइवपर पढ़ें बॉलीवुडलाइफस्टाइल, न्यूज़ और Latest soprt Hindi News, से जुड़ी तमाम ख़बरें  हमारा App डाउनलोड करें। YOUTUBE National। WhatsApp Channels FACEBOOK । INSTAGRAM। WhatsApp Channel। TwitterNEWSWATCHINDIA 24×7 Live TV

Diksha Parmar

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button