RAS Mains 2024: भूख हड़ताल पर अड़े छात्र, अब तक 5 की तबीयत बिगड़ी, परीक्षा टालने की मांग पर अड़े
राजस्थान यूनिवर्सिटी में RAS Mains 2024 परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाने की मांग को लेकर छात्रों का प्रदर्शन लगातार सातवें दिन भी जारी है। पिछले पांच दिनों से 10 छात्र भूख हड़ताल पर बैठे हैं, जिनमें से अब तक 5 छात्रों की तबीयत बिगड़ चुकी है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
RAS Mains 2024: राजस्थान यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार पर RAS Mains 2024 परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाने की मांग को लेकर छात्र बीते 7 दिनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इस आंदोलन ने अब गंभीर रूप ले लिया है, क्योंकि पिछले 5 दिनों से छात्र भूख हड़ताल पर बैठे हैं। सोमवार और मंगलवार को कुल मिलाकर 5 छात्रों की तबीयत बिगड़ चुकी है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
‘परीक्षा टली तो ही टूटेगा अनशन’
परेशान छात्र प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि 17-18 जून को प्रस्तावित परीक्षा को कम से कम तीन महीने के लिए स्थगित किया जाए। वे इसे लेकर मुख्यमंत्री से आश्वासन मिलने के बावजूद अपनी भूख हड़ताल समाप्त करने को तैयार नहीं हैं।
लगातार बिगड़ रही भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों की तबीयत
पांच दिन से भूख हड़ताल कर रहे 10 छात्रों में से सोमवार को तीन और मंगलवार को दो छात्रों की तबीयत खराब हो गई, जिन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। अब तक 5 छात्र अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं। डॉक्टरों की निगरानी में इन छात्रों का इलाज जारी है।
CM आवास पहुंचे छात्र प्रतिनिधि, मांगा परीक्षा स्थगन
सोमवार को छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री आवास पहुंचा, जहां उन्होंने परीक्षा टालने की मांग को मजबूती से रखा। CM कार्यालय से उन्हें कार्रवाई का आश्वासन मिला है। छात्रों ने साफ किया है कि अगर शाम तक परीक्षा टालने का निर्णय नहीं आता, तो वे आमरण अनशन जारी रखेंगे।
भूख हड़ताल पर छात्रों की चेतावनी
भूख हड़ताल कर रहे छात्रों ने सरकार को चेताया है कि अगर किसी भी परीक्षार्थी की तबीयत और बिगड़ती है, तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। छात्रों का कहना है कि जब तक परीक्षा स्थगित नहीं होती, आंदोलन खत्म नहीं होगा।
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क्या हैं अभ्यर्थियों की मुख्य मांगें?
परीक्षा की तारीख आगे बढ़े: छात्रों का कहना है कि पिछले RAS का परिणाम अब तक नहीं आया है, इसलिए कई ऐसे अभ्यर्थी हैं जो दो-दो परीक्षाओं में हिस्सा ले सकते हैं। इससे योग्य उम्मीदवारों की सीटें प्रभावित हो सकती हैं। 3 महीने की स्थगन अवधि: परीक्षा को कम से कम 90 दिनों के लिए टालने की मांग की जा रही है।
वार्षिक परीक्षा कैलेंडर: RPSC से यह भी मांग की गई है कि वह एक स्थायी और पारदर्शी वार्षिक कैलेंडर जारी करे, ताकि छात्रों को तैयारी के लिए स्पष्ट दिशा मिल सके।
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‘न परीक्षा का रिजल्ट, न तैयारी का समय’
छात्रों का कहना है कि बिना पुराने परीक्षा परिणाम घोषित किए, नई परीक्षा की तारीख तय करना छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ है। वे चाहते हैं कि सभी को समान अवसर मिले और योग्य उम्मीदवारों की मेहनत बेकार न जाए।
क्या बोले मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी?
CMO की ओर से कहा गया है कि छात्रों की बातों को गंभीरता से लिया गया है और इस मुद्दे पर उच्च स्तरीय विचार-विमर्श जारी है। हालांकि, अंतिम निर्णय का इंतजार छात्रों को अब भी है।
सरकार की परीक्षा प्रणाली पर सवाल
यह आंदोलन न सिर्फ RAS परीक्षा बल्कि पूरे भर्ती तंत्र पर सवाल उठा रहा है। छात्रों की मांगें स्पष्ट हैं लेकिन प्रशासन की चुप्पी आंदोलन को और आक्रामक बना रही है।
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