(Monetary Policy Committee) मौद्रिक नीति समिति की 2 दिवस बैठक के बाद RBI गवर्नर की प्रेस कान्फ्रेंस शुरू हो गई है. RBI गवर्नर के मुताबिक इस बार MPC की बैठक में रेपो रेट को अपरिवर्तित रखने का तय किया गया है। यह 6.5 % पर बना रहेगा और MPC के सभी सदस्यों ने ब्याज दरों को स्थिर रखने का समर्थन किया है. (Monetary Policy Committee) मौद्रिक नीति समिति ने महंगाई और आर्थिक वृद्धि (GDP Growth Rate) को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया है मई 2022 से पहले कोरोना महामारी के चलते पैदा हुई विषम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए पहले RBI ने रेपो रेट को निचले स्तर पर लाया था, ताकि देश की आर्थिक वृद्धि को मदद मिल सके.
आपको बता दें साल 2022 मई के महीने में जब RBI ने रेपो रेट को बढ़ाने की शुरुआत की थी, तब देश में खुदरा महंगाई 7.8 % पर पहुंच गई थी. साल 2022 अप्रैल के महीने में खुदरा महंगाई(retail inflation) ने यह लेवेल छुआ था, जिसके बाद repo rate बढ़ाने की शुरुआत साल 2022 मई के महीने से हुई थी. जैसे ही (interest rate)ब्याज दरें बढ़ने लगीं, महंगाई रेट नियंत्रित(control) होने लग गई. खुदरा महंगाई अगस्त 2022 तक 7 % के आस-पास बनी रही, फिर दिसंबर 2022 में कम होकर 5.7% पर आ गई.
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि (Central bank)केंद्रीय बैंक महंगाई पर अर्जुन के आंख की तरह नजर टिकाए हुए है। RBI गवर्नर ने MPC की बैठक के बाद कहा है कि बीते महीनों में आयात घटने से व्यापार घाटे में भी कमी आई है। उन्होंने ये भी कहा है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Monetary Policy Committee) भी मजबूत हुआ है।
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है FDI में भी सुधार हुआ है। कैपेक्स में सुधार का अच्छा माहौल है.और e-form का दायरा बढ़ाने का भी प्रस्ताव दिया गया है। इससे देश में डिजिटल भुगतानों का भी दायरा बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि अब Bank Rupay Prepaid Forex Card जारी कर सकेंगे।