नई दिल्ली: मुद्रा स्फीति में कमी के कोई संकेत नहीं दिखाई दे रहे है. आज बुधवार को फिर से भारतीय रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों (RBI Repo Rate) में बढ़ोत्तरी की है. जब हर किसी को महंगाई की चिंता खाए जा रही है. बेकाबू महंगाई के कारण रिजर्व बैंक को पिछले महीने आपात बैठक कर रेपो रेट बढ़ाने का फैसला लेना पड़ा था.
कई सालों के उच्च स्तर पर पहुंची महंगाई (Inflation) के कारण रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को एक बार फिर से रेपो रेट बढ़ाने (Repo Rate Hike) का ऐलान कर दिया. गवर्नर शक्तिकांत दास पहले ही इसके संकेत दे चुके थे. पिछले ही महीने रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की थी और अब इस महीने फिर से 0.50 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है. अब रेपो रेट की नई दर 4.90 फीसदी हो गई है. इस बढ़ोतरी के चलते फिर से आपकी ईएमआई महंगी हो जाएगी.
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिनों की यह बैठक सोमवार से चल रही थी और आज संपन्न हुई. यह इस फाइनेंशियल ईयर में आरबीआई एमपीसी की तीसरी बैठक थी. बैठक में समिति के पांचों सदस्यों ने गवर्नर दास की अगुवाई में महंगाई और इकोनॉमिक ग्रोथ की स्थिति पर सोच-विचार किया. बेकाबू महंगाई को देखते हुए समिति के सदस्य इस बात पर सहमत हुए कि फिलहाल रेपो रेट बढ़ाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है.
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अप्रैल 2022 में खुदरा महंगाई (Retail Inflation) की दर 7.8 फीसदी रही थी, जो मई 2014 के बाद सबसे ज्यादा है. इसी तरह अप्रैल 2022 में थोक महंगाई (Whole sale Inflation) की दर बढ़कर 15.08 फीसदी पर पहुंच गई थी, जो दिसंबर 1998 के बाद सबसे ज्यादा है.
रिजर्व बैंक की तरफ से इस बार रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट यानी 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. रेपो रेट बढ़ने का सीधा सा मतलब है कि रिजर्व बैंक की तरफ से बैंकों को लोन महंगी दर पर मिलेगा. ऐसे में बैंक इस बढ़ोतरी को ग्राहकों तक ट्रांसफर करेंगे और उनके लिए भी कर्ज लेने की दरें महंगी हो जाएंगी. वहीं अगर आपको होम लोन चल रहा है तो उसकी ईएमआई में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. हालांकि, इससे उन लोगों को फायदा होगा जो बैंक एफडी कराते हैं, क्योंकि इससे एफडी की दरें भी बढ़ जाएंगी.