Rishikesh Despite the horrific road accident : ऋषिकेश भीषण सड़क हादसे के बावजूद नहीं सुधरे हालात, नो पार्किंग जोन में खड़े वाहन बने खतरा
24 नवंबर की रात ऋषिकेश में हुए भीषण सड़क हादसे में तीन लोगों की जान चली गई थी, लेकिन इसके बावजूद शहर में अव्यवस्थित पार्किंग का आलम जस का तस है। जगह-जगह नो पार्किंग जोन में खड़ी गाड़ियां हादसों को दावत दे रही हैं। प्रशासन अब इस लापरवाही पर लगाम लगाने के लिए बड़ा अभियान चलाने की तैयारी में है।
Rishikesh Despite the horrific road accident : शहर में 24 नवंबर की रात हुए भीषण सड़क हादसे के बाद भी यातायात नियमों की अनदेखी जारी है। हादसे में यूकेडी के पूर्व अध्यक्ष त्रिवेंद्र पंवार सहित तीन लोगों की दर्दनाक मौत के बावजूद स्थानीय प्रशासन और वाहन चालकों ने कोई सबक नहीं लिया है। स्थिति यह है कि शहर में आज भी मुख्य सड़कों और नो पार्किंग जोन में अवैध रूप से वाहन खड़े किए जा रहे हैं, जिससे सड़कें संकरी हो रही हैं और दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बना हुआ है।
24 नवंबर का भीषण हादसा:
गौरतलब है कि 24 नवंबर की रात एक बेकाबू ट्रक ने कई वाहनों को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में त्रिवेंद्र पंवार सहित तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। यह हादसा न केवल शहर के ट्रैफिक प्रबंधन की पोल खोलता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस तरह यातायात नियमों की अनदेखी से लोगों की जान जोखिम में पड़ी हुई है।
बेतरतीब पार्किंग से बढ़ता खतरा:
शहर की संकरी सड़कों पर बेतरतीब पार्किंग एक गंभीर समस्या बन चुकी है। खासकर हरिद्वार रोड पर दिनभर नीलकंठ जाने वाले वाहनों की कतारें लगी रहती हैं। इसके अलावा, बिना किसी परमिशन के कई टेंपो स्टैंड भी अवैध रूप से बनाए जा चुके हैं। इन टेंपो और ट्रकों की अनियमित पार्किंग के कारण सड़कें और संकरी हो जाती हैं, जिससे यातायात बाधित होता है और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।
शहर के नटराज चौक और श्यामपुर बाईपास मार्ग पर भी यही स्थिति है। यहां हाईवे पर दर्जनों ट्रक अवैध रूप से खड़े रहते हैं। सड़क किनारे वाहनों की पार्किंग से सड़क की चौड़ाई कम हो जाती है और दुर्घटनाएं होने की आशंका बढ़ जाती है।
प्रशासनिक कार्रवाई नाकाफी:
समय-समय पर पुलिस और प्रशासन की बैठकों में नो पार्किंग जोन और अतिक्रमण मुक्त सड़कों का मुद्दा उठाया जाता रहा है। कई बार संयुक्त अभियान भी चलाए गए हैं, लेकिन ये अभियान एक-दो दिन से ज्यादा नहीं चलते। इसके कारण स्थिति में कोई स्थायी सुधार नहीं हो पाया है। अधिकारियों द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन कागजों तक ही सीमित रह जाता है और शहर की सड़कें अव्यवस्थित बनी रहती हैं।
बीते रविवार को इंद्रमणि बडोनी चौक के निकट हुए हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते अवैध पार्किंग और अतिक्रमण को हटाने की व्यवस्था की होती, तो ऐसे हादसे रोके जा सकते थे।
ट्रैफिक पुलिस की तैयारी:
ट्रैफिक इंचार्ज अनवर खान ने जानकारी दी कि शहर में अव्यवस्थित पार्किंग को रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस द्वारा समय-समय पर अभियान चलाए जाते हैं। राउंड ऑफ के दौरान सड़क किनारे खड़े वाहनों को हटाने के लिए मुनादी कराई जाती है और जरूरत पड़ने पर क्रेन का इस्तेमाल कर वाहनों को उठाया भी जाता है। नो पार्किंग में खड़े वाहनों के चालान काटे जा रहे हैं और क्लैंपिंग की कार्रवाई भी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि जल्द ही नो पार्किंग जोन में खड़े वाहनों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया जाएगा। इस अभियान के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
नागरिकों की उम्मीदें:
ऋषिकेश के नागरिकों को उम्मीद है कि इस बार प्रशासन की ओर से ठोस कदम उठाए जाएंगे। लोगों का कहना है कि शहर की सड़कों को अतिक्रमण और अवैध पार्किंग से मुक्त करना जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को टाला जा सके।
अब देखना यह होगा कि ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन की ओर से किए जाने वाले आगामी अभियान से शहर में कोई वास्तविक बदलाव आता है या नहीं। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को सख्ती से नियमों को लागू करना होगा, ताकि हादसों को रोका जा सके और शहर की यातायात व्यवस्था सुचारू हो सके।