UP Ghaziabad News: रामलीला मंच से गर्जना: “खून सबका लाल, पर डीएनए एक नहीं”, संतानों में हिंदुत्व की लौ जगाने का मंत्र
Roar from Ramlila stage: "Everyone's blood is red, but their DNA is not the same", a mantra to kindle the flame of Hindutva in children
UP Ghaziabad News: गाजियाबाद के साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक एवं उत्तर प्रदेश सरकार में सूचना एवं इलेक्ट्रॉनिक मंत्री सुनील शर्मा ने विजयदशमी के पावन अवसर पर रामलीला मंच से ऐसा ओजस्वी और प्रखर वक्तव्य दिया, जिसने श्रोताओं के हृदय को झकझोर दिया। उनके शब्दों ने धर्म और संस्कृति की रक्षार्थ एक नई ऊर्जा का संचार किया।
अपने उद्बोधन में मंत्री सुनील शर्मा ने कहा, “हमें सिखाया गया कि खून सबका लाल होता है, किंतु सत्य यह है कि डीएनए एक नहीं होता। यदि डीएनए एक होता, तो अयोध्या में श्रीराम का मंदिर न टूटता, न ही काशी और मथुरा के पवित्र धामों पर आघात होता। असुरों ने तब हमारे देवालयों को ध्वस्त किया, और आज भी वे हमारी सनातनी संस्कृति पर प्रहार करने का षड्यंत्र रच रहे हैं।”
सुनील शर्मा ने जनता को चेताते हुए कहा, “यदि हमने अपनी संतानों में हिंदुत्व की प्रबल भावना का सिंचन नहीं किया, तो आज जिस रामलीला का मंचन हो रहा है, वह भी इतिहास बन जाएगी। हमें अपने बच्चों को यह सिखाना होगा कि खून सबका लाल हो सकता है, परंतु उनके भीतर हिंदुत्व का डीएनए जागृत करना हमारा परम कर्तव्य है। जो रामलीला के इस मंच से आज प्रतिध्वनित हो रहा है, वह हमारी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर की पुकार है।” उनके इस गरजते हुए भाषण ने वहां उपस्थित जनसमूह के हृदयों में एक नवचेतना का संचार किया। सोशल मीडिया पर भी यह वक्तव्य आग की तरह फैल रहा है, जिसमें कुछ इसे हिंदुत्व की पुनर्जागरण यात्रा मान रहे हैं, तो कुछ इसे सामाजिक सौहार्द्र के विरुद्ध बता रहे हैं।
मंत्री सुनील शर्मा ने स्पष्ट किया कि यह वक्तव्य किसी समुदाय विशेष के प्रति नहीं, बल्कि उन शक्तियों के विरुद्ध है, जो हमारी सांस्कृतिक जड़ों को कमजोर करने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा, “हमें अपने धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा के लिए एकजुट होकर खड़ा होना होगा, नहीं तो आने वाली पीढ़ियां हमारी परंपराओं को भुला देंगी।” रामलीला के मंच से गूंजते इस अलख ने गाजियाबाद ही नहीं, पूरे प्रदेश में एक गहरा संदेश दिया है, जो न केवल धार्मिक, बल्कि राष्ट्रीय चेतना का भी प्रतीक बन गया है।