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Ropeway project in Yamunotri Dham: उत्तराखंड: यमुनोत्री धाम की यात्रा होगी सुगम, रोपवे परियोजना पर जल्द शुरू होगा काम

उत्तराखंड: यमुनोत्री धाम की यात्रा होगी सुगम, रोपवे परियोजना पर जल्द शुरू होगा काम

Ropeway project in Yamunotri Dham: उत्तराखंड के चार धामों में से एक, यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम बनाने की दिशा में लंबे समय से अटकी रोपवे परियोजना अब जल्द ही धरातल पर उतरने की ओर अग्रसर है। जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम तक लगने वाले इस रोपवे के निर्माण से न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि श्रद्धालुओं को अत्यंत कठिन चढ़ाई से भी राहत मिलेगी। प्रशासन ने रोपवे निर्माण के लिए जिम्मेदार एजेंसी को एक महीने के भीतर काम शुरू करने का अल्टीमेटम दे दिया है।

यमुनोत्री धाम यात्रा: कठिनाई और जोखिम

यमुनोत्री धाम की यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को लगभग 5.5 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई का सामना करना पड़ता है। इस मार्ग में ऊंचाई और अत्यधिक शारीरिक श्रम के कारण कई श्रद्धालुओं, विशेषकर बुजुर्ग और हृदय रोग से पीड़ित लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पिछले कुछ वर्षों में, यात्रा के दौरान हार्ट अटैक के कई मामले सामने आए हैं। इसी वर्ष भी 40 श्रद्धालुओं की इसी मार्ग पर स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण मृत्यु हो गई थी।

रोपवे परियोजना का इतिहास: कई वर्षों से अटकी योजना

यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं की कठिनाई को देखते हुए रोपवे परियोजना की योजना लगभग 10 वर्ष पहले बनाई गई थी। इस परियोजना का शिलान्यास पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और बाद में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा किया गया था। लेकिन विभिन्न तकनीकी, प्रशासनिक और आर्थिक कारणों से यह परियोजना अब तक अधूरी ही रही है। पिछले एक दशक में दो बार परियोजना का शिलान्यास और तीन बार इसे तैयार करने वाली कंपनी को बदला जा चुका है, फिर भी काम शुरू नहीं हो पाया।

रोपवे परियोजना पर खर्च और तैयारियों की योजना

परियोजना के निर्माण पर अनुमानित 1200 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यमुनोत्री धाम तक रोपवे का निर्माण करने वाली नई एजेंसी को अब शासन से एक महीने के भीतर काम शुरू करने का निर्देश दिया गया है। इस परियोजना को लेकर पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने यमुनोत्री के विधायक संजय डोभाल को आश्वासन दिया है कि कार्य में अब कोई और विलंब नहीं होगा। निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं, जिससे श्रद्धालु जल्द ही इस सुविधा का लाभ उठा सकें।

रोपवे के लाभ और श्रद्धालुओं की सुरक्षा

परियोजना के पूरा होने के बाद यमुनोत्री धाम की यात्रा सुगम और सुरक्षित हो जाएगी। यह रोपवे खासकर बुजुर्गों और बीमार श्रद्धालुओं के लिए लाभकारी सिद्ध होगा, जो अब तक पैदल चढ़ाई से कठिनाई महसूस करते थे। इस सुविधा से हृदय संबंधी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त, यमुनोत्री धाम तक की यात्रा को आसान बनाने से धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी वृद्धि की संभावना है।

यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं की संख्या और उनका उत्साह

यमुनोत्री धाम उत्तराखंड के चार पवित्र धामों में से एक है, जो हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। इस यात्रा सीजन में भी लगभग 7,14,755 श्रद्धालुओं ने यमुनोत्री धाम में दर्शन किए। रोपवे के निर्माण से इस संख्या में और वृद्धि की संभावना जताई जा रही है, क्योंकि यह परियोजना श्रद्धालुओं को सुविधा और सुरक्षा प्रदान करेगी, जिससे यात्रा का अनुभव भी अधिक सुखद और प्रेरणादायक होगा।

भविष्य में धार्मिक पर्यटन का विस्तार

यमुनोत्री धाम में रोपवे परियोजना के सफलतापूर्वक पूरा होने से राज्य में धार्मिक पर्यटन को भी एक नया आयाम मिलेगा। यह न केवल उत्तराखंड के स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए भी धार्मिक स्थलों तक पहुंच को सरल बनाएगा। राज्य सरकार की इस परियोजना से पर्यटन क्षेत्र में भी सुधार होने की उम्मीद है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे और राज्य की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।

अल्टीमेटम के बाद उम्मीद की नई किरण

रोपवे परियोजना का बार-बार विलंबित होना न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि श्रद्धालुओं के लिए भी निराशाजनक रहा है। हालांकि, इस बार सरकार और निर्माण एजेंसी द्वारा निर्धारित अल्टीमेटम और तेज गति से काम करने के निर्देश के बाद, यह उम्मीद की जा रही है कि परियोजना निर्धारित समय के भीतर पूरी हो सकेगी।

अगर सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो अगले कुछ वर्षों में यमुनोत्री धाम की कठिन चढ़ाई श्रद्धालुओं के लिए अतीत का एक हिस्सा बन जाएगी।

Mansi Negi

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