Latest RSS News Update: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत अब एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (ASL) सुरक्षा घेरे में रहेंगे। उन्हें पहले से ही Z+ सुरक्षा प्राप्त है। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की ओर से खतरे के अलर्ट के बाद गृह मंत्रालय ने मोहन भागवत की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया है।
एएसएल सुरक्षा क्या है?
एएसएल सुरक्षा को भारत में सबसे मजबूत सुरक्षा प्रोटोकॉल माना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह जैसे चुनिंदा लोगों को इस तरह का प्रोटोकॉल दिया गया है। एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (ASL) के तहत अब आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जहां भी जाएंगे, वहां CISF की एक एडवांस टीम पहले से ही पहुंच जाएगी। यह आयोजन स्थल से लेकर सभी व्यवस्थाओं का जायजा लेगी। यह स्थानीय प्रशासन के साथ बैठक करेगी, जिसमें आईबी की टीम भी मौजूद रहेगी। इस बैठक में आयोजन स्थल, मंच, आयोजकों, प्रवेश, निकास जैसे सभी पॉइंट्स पर चर्चा की जाएगी। एडवांस टीम से हरी झंडी मिलने के बाद ही भागवत कार्यक्रम में जाएंगे।
एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (ASL) में कई अन्य प्रोटोकॉल शामिल हैं। जैसे कि अब मोहन भागवत बुलेटप्रूफ कार में ही यात्रा करेंगे। जो कम्युनिकेशन डिवाइसेज और अन्य सुविधाओं से लैस होगी। इसके अलावा अगर उन्हें हेलीकॉप्टर से जाना होगा तो वह विशेष चॉपर से जाएंगे। एएसएल प्रोटोकॉल के तहत उनके कार्यक्रम की रिहर्सल भी होगी। सीआईएसएफ के अलावा जिला प्रशासन, स्थानीय पुलिस, स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी मौजूद रहेंगी। प्रधानमंत्री का भी कुछ ऐसा ही प्रोटोकॉल है। वह जहां भी दौरे पर जाते हैं, एसपीजी की एडवांस टीम पहले वहां जाकर समीक्षा और रिहर्सल करती है। उनकी मंजूरी के बाद ही वह कार्यक्रम में जाते हैं।
सीआईएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि, एएसएल टीम की जिम्मेदारी है कि वह कार्यक्रम से पहले राज्य पुलिस और प्रशासन के साथ बैठक करे और तय करे कि कौन क्या भूमिका निभाएगा, खतरा क्या है और उससे निपटने के लिए क्या इंतजाम हैं और कौन क्या जिम्मेदारी लेगा। इस बैठक में इंटेलिजेंस ब्यूरो भी जुड़ा होता है। वह बताते हैं कि एएसएल बैठक में सीआईएसएफ से केवल असिस्टेंट कमांडेंट या उच्च अधिकारी ही भाग लेते हैं।
इस समय एएसएल सुरक्षा किसके पास है?
अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को एएसएल सुरक्षा मिली हुई है। पीएम नरेंद्र मोदी एसपीजी की एएसएल सुरक्षा में हैं। जबकि, बाकी लोगों को सीआरपीएफ से एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (एएसएल) मिला हुआ है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सीआईएसएफ से एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (एएसएल) पाने वाले पहले व्यक्ति होंगे।
जेड+ सुरक्षा में क्या-क्या होता था?
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को अब तक Z+ सुरक्षा दी गई है। भारत में कुल 6 कैटेगरी की सुरक्षा उपलब्ध है। एसपीजी, जेड+, जेड सिक्योरिटी, वाई सिक्योरिटी, वाई+ सिक्योरिटी और एक्स सिक्योरिटी। जेड+ सुरक्षा श्रेणी एसपीजी कवर के बाद सुरक्षा का दूसरा सबसे ऊंचा स्तर है। इस सुरक्षा व्यवस्था में सीआरपीएफ कमांडो के साथ 55 जवान होते हैं, जो 24 घंटे लगातार सुरक्षा प्रदान करते हैं।
जरूरत पड़ने पर खुफिया सूचनाओं के आधार पर अतिरिक्त सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के कमांडो को भी तैनात किया जा सकता है। इस सुरक्षा कवर में बुलेटप्रूफ वाहन और तीन शिफ्टों में एस्कॉर्ट वाहन भी शामिल हैं। जेड प्लस सुरक्षा में शामिल कमांडो को मार्शल आर्ट और निहत्थे लड़ने का विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है।