RSS Leader Indresh Kumar: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Chunav) के परिणामों के साथ ही देश को प्रधानमंत्री(Prime minister) मिल गया और एक बार फिर से मोदी सरकार (Modi sarkar) का दौर फिर से चलेगा। सरकार(Government) के नए साल (New year) के साथ ही बयान बाजी और रोध – प्रतिरोध का सिलसिला भी शुरू हो गया है। हाल ही में वरिष्ठ आरएसएस(RSS) प्रचारक इंद्रेश कुमार(Indresh Kumar)ने एक इंटरव्यू में कहा है कि नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में देश तेजी से तरक्की करे। गुरुवार को इंद्रेश कुमार ने जयपुर में एक कार्यक्रम में कहा था कि कांग्रेस पार्टी अपने अहंकार के कारण 240 तक ही पहुंच पाई थी। उन्होंने कहा कि 2024 में राम राज्य का विधान देखिए, जिसमें राम की भक्ति थी, लेकिन धीरे-धीरे अहंकार आया और उन्हें 240 चुनावों पर रोक दिया गया। इस बयान के बाद विपक्ष ने भी भाजपा पर हमला करना सही समझा। शुक्रवार शाम को जारी एक बयान में इंद्रेश कुमार ने कहा कि देश का माहौल इस समय बहुत स्पष्ट है। जिन्होंने राम का विरोध किया, उनकी स्थिति अब ठीक नहीं है।
शुक्रवार शाम को जारी बयान में इंद्रेश कुमार ने कहा, “आज देश का माहौल बहुत साफ है। जिन्होंने राम का विरोध किया, वे सत्ता से बाहर हैं, और जिन्होंने राम की भक्ति का संकल्प लिया, वे आज सत्ता में हैं। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार सरकार बन गई है। देश उनके नेतृत्व में तेजी से तरक्की करेगा, यह विश्वास लोगों में जाग गया है और हम चाहते हैं कि यह विश्वास और बढ़े।”
मोहन भागवत और इंद्रेश कुमार का रिपोर्ट
गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्य इंद्रेश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को अहंकारी बताया। उन्होंने कहा, “2024 में राम राज्य का विधान देखिए, जिसमें राम की भक्ति थी, लेकिन धीरे-धीरे अहंकार आया और उन्हें 240 मंजिलों पर रोक दिया गया।” विपक्ष पर टिप्पणी करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा, “जिन्होंने राम का विरोध किया, राम ने उन्हंए शक्ति नहीं दी। कहा – तुम्हारे अनास्था का यही दंड है कि तुम सफल नहीं हो सकते।” उन्होंने आगे कहा, “लल्लू सिंह (फैजाबाद भाजपा के हारे हुए नेता) ने जनता पर जुल्म किए थे, इसलिए राम ने कहा कि पांच साल का विश्राम कर ले, अगली बार देखूंगा।”
इंद्रेश कुमार ने पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत की चुनावी समय पर की गई टिप्पणी का जिक्र किया। मोहन भागवत ने कहा था कि जो मर्यादा का पालन करते हुए काम करता है, गर्व करता है लेकिन अहंकार नहीं करता, वही सही मायने में सेवक कहलाने का हकदार है। ऐसा माना जाता है कि वह यह बात अहंकार के संदर्भ में कह रहे थे।
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं मिली, लेकिन मोदी के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन ने फिर से सरकार बनाई है। मोहन भागवत ने मणिपुर पर भी अपनी राय दी थी। हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा गया कि मणिपुर एक साल से शांति की राह देख रहा है। पिछले साल मई से मणिपुर जातीय हिंसा की चपेट में है। विपक्ष भी इस मुद्दे पर सरकार को घेर रहा है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Narendra Modi) के मणिपुर न जाने का मुद्दा भी उठाया है। इसके बावजूद राहुल गांधी की इस टिप्पणी के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं।