New Delhi: रूस यूक्रेन (Russia Ukraine War) के बीच लगातार जंग जारी है. ये युद्ध (Russia Ukraine War) को होते-होते 7 महीने होने वाले है. इस जंग के कारण ज्यादातर शहर खंडहर में तब्दील हो चुके है.लेकिन इसके बाद भी यूक्रेन की सेना ने अपने हथियार नहीं डाले हैं. अब इस जंग के बीच रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन बड़ा कदम उठाने वाले हैं. पुतिन अब यूक्रेन के एक बड़े हिस्से को रूस में मिलाने की तैयारी कर रहे हैं. पुतिन इसके लिए 3 लाख रिजर्व सैनिकों को तैनात करने का आदेश दिया है.
यूक्रेन के कई बड़े हिस्से पर कब्जे की तैयारी
पुतिन ने यूक्रेन के पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्रों ने मंगलवार को रूस का अभिन्न हिस्सा बनने के लिए जनमत संग्रह कराने की घोषणा की है. पुतिन ने यूक्रेन के दोनेत्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और ज़ापोरिज्ज्यिया इलाके में जनमत संग्रह कराने की घोषणा की. यह कोशिश रूस को यूक्रेन के साथ युद्ध (Russia Ukraine War) तेज करने का आधार देगी. वह भी तब जब यूक्रेन की सेना को अपने इलाकों पर कब्जा करने में सफलता मिल रही है.
यूक्रेन ने जनमत संग्रह को बताया शर्मनाक
यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा ने जनमत संग्रह को शर्मनाक बताते हुए ट्वीट किया, कि यूक्रेन को अपने क्षेत्रों से आजाद कराने का पूरा अधिकार है, भले ही इसके लिए रूस कुछ भी कहे. बता दें कि लुहांस्क और दोनेत्स्क संयुक्त रूप से डोनबास इलाके का बड़ा हिस्सा है जहां पर वर्ष 2014 से ही अलगावादियों का कब्जा है और पुतिन ने रूसी हमले के लिए इसे प्राथमिक आधार बनाया था.
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पुतिन ने कहा है कि अगर पश्चिमी देश परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर ब्लैकमेल करेंगे तो रूस भी अपनी पूरी ताकत से जवाब देगा. हम अपने देश की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. इसलिए पुतिन ने मोबिलाइजेशन को लेकर एक डिक्री पर साइन भी किया है. पुतिन ने रूस की मिलिट्री पावर को बढ़ाने के साथ यूक्रेन के डोनबास पर अपना कब्जा जमाने की तैयारी कर दी है.
दोनेत्स्क के नेता ने की पुतिन की तारीफ
दोनेत्स्क के अलगावादी नेता डेनिस पुशीलिन ने कहा कि लंबे समय से पीड़ा सह रही डोनबास की जनता ने उस महान देश का हिस्सा बनने का अधिकार प्राप्त किया है जिसे वह हमेशा से अपनी मातृभूमि मानती हैं. उन्होंने कहा कि जनमत संग्रह से लाखों रूसी लोगों को ऐतिहासिक न्याय मिलेगा, जिसका इंतजार वे कर रहे थे.
रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवदेव ने भी कहा, कि पूर्वी यूक्रेन क्षेत्रों का रूस में विलय और उनकी सीमा को पुन: परिभाषित करना अटल है और इससे रूस उनकी रक्षा करने के लिए ‘कोई भी कदम’ उठाने में सक्षम होगा. यह लगभग तय माना जा रहा है कि इस तरह का जनमत संग्रह मॉस्को के पक्ष में जाएगा, लेकिन यूक्रेन की सेना का समर्थन कर रही पश्चिमी सरकारें इसे मान्यता नहीं देंगी.