S Jaishankar News Updates: NDA सरकार में नए मंत्रियों को मंत्रालय सौंपे गए हैं। ऐसे में S. जयशंकर (external affairs minister) को फिर से विदेश मंत्री बनाया गया है। अपने दूसरे कार्यकाल के पहले दिन उन्होंने पाकिस्तान और चीन (Pakistan- china) को लेकर खास बयान दिया हैं। उन्होंने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान चीन और पाकिस्तान की विदेश नीति के लिए अपनी योजनाओं के बारे में बताया।
11 जून की सुबह विदेश मंत्री एस जयशंकर (Foreign minister) ने विदेश मंत्री के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल शुरू किया। इस दौरान साउथ ब्लॉक के बाहर मीडिया से बात करते हुए जयशंकर ने अपने पिछले कार्यकाल की विदेश नीति पर चर्चा की। जयशंकर ने बतया, मोदी 2.0 के तहत विदेश मंत्रालय “जन-केंद्रित मंत्रालय” बन गया क्योंकि इसकी नीतियां औसत नागरिक की जरूरतों पर केंद्रित थीं। उनके अनुसार, पिछले कार्यकाल के दौरान मंत्रालय का प्रदर्शन G20 की अध्यक्षता के अलावा कई अन्य मोर्चों पर भी शानदार रहा। उन्होंने हर कूटनीतिक मुद्दे को बहादुरी से उठाया।
विदेश मंत्री ने कहा कि इस दौरान भारतीय कूटनीति ने अपनी पहले से मान्यता प्राप्त सीमाओं से आगे बढ़कर वंदे भारत मिशन (vande bharat mission) के अलावा कई मिशनों में भारत की भागीदारी पर बात की। चाहे पासपोर्ट सेवाओं को बढ़ाने की बात हो या विदेशों में रहने वाले भारतीयों की जरूरतों को तुरंत पूरा करने की। जयशंकर ने वसुधैव कुटुंबकम और भारत फर्स्ट को भविष्य की कूटनीतिक व्यवस्था की आधारशिला बताया। उनके अनुसार, भारत विश्व बंधु के रूप में अपने कर्तव्य को गंभीरता से लेता है, जो अन्य देशों को वैश्विक अशांति के सामने हमारी स्थिरता और निर्भरता पर भरोसा करने की अनुमति देता है। हमे पूरी उम्मीद हैं संघर्ष और तनाव का सामना करते हुए, हम अपनी अपनी जगह बनाए रखने में कामयाब रहेंगे।
हमारी विदेश नीति काफी सफल होगी’
भारत UNITED nation की सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सीट मिलने की संभावना के बारे में जयशंकर ने कहा कि दुनिया ने देखा है कि भारत ही एक ऐसा देश है जिसने संकट के समय ग्लोबल साउथ (globle south) का साथ दिया है। और वे भारत को अपना मित्र मानते हैं। जी-20 की अध्यक्षता के दौरान जिस तरह से हमने अफ्रीकी संघ में शामिल होने का प्रयास किया, उससे दुनिया का हम पर अब और अधिक भरोसा है। यह अनुमान है कि UNCC के संबंध में हमारी विदेश नीति अत्यधिक प्रभावी होगी। दक्षिण एशियाई क्षेत्र की प्राथमिकता के संदर्भ में जयशंकर ने कहा कि शपथ के दिन ही पड़ोसी पहले के प्रति हमारा समर्पण स्पष्ट हो गया था। उन्होंने कहा पीएम मोदी और उनकी खुद इन सभी पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात और सकारात्मक बातचीत हुई। जयशंकर ने साफ किया कि पड़ोसी देशों के साथ संबंध विदेश नीति की बड़ी प्राथमिकताओं में से एक होगी।
पाकिस्तान और चीन को लेकर क्या बोले विदेश मंत्री
पाकिस्तान और चीन के साथ संबंधों पर बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि दुनिया को लगता है कि आज भारत में राजनीतिक स्थिरता है। जहां तक पाकिस्तान और चीन का सवाल है, ये दो अलग-अलग देश हैं और इनके रिश्ते भी कुछ हद तक अलग हैं। वहां की समस्याएं अलग हैं। उन्होंने यें भी कहा कि चीन के साथ सीमा पर स्थिति में अभी भी कुछ मुद्दे हैं, उन्हें सुलझाने पर ध्यान दिया जाएगा। पाकिस्तान के साथ वर्षों से सीमा पार आतंकवाद की चुनौती रही है, हम उसका भी समाधान निकालने की दिशा में काम करेंगे।