Sachin Pilot On Caste Census: जातिगत जनगणना पर सचिन पायलट का केंद्र पर हमला, बोले- 2027 तक इंतजार बेमानी
जातिगत जनगणना को लेकर केंद्र सरकार द्वारा 2026 और 2027 की तिथियों की अधिसूचना जारी होने पर राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कड़ा ऐतराज जताया है। जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पायलट ने कहा कि अगर सरकार वाकई पिछड़े वर्गों की स्थिति जानना चाहती है, तो जनगणना को टालने का कोई औचित्य नहीं है।
Sachin Pilot On Caste Census: केंद्र सरकार की ओर से जातिगत जनगणना को लेकर अधिसूचना जारी होने के बाद अब सियासी बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने इस अधिसूचना पर सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार की मंशा पर संदेह जताया है। उन्होंने साफ कहा कि अगर सरकार पिछड़े वर्गों की वास्तविक स्थिति जानने को लेकर गंभीर है, तो फिर जनगणना की प्रक्रिया 2027 तक टालने का कोई औचित्य नहीं बनता।
मंगलवार दोपहर जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पायलट ने कहा कि जातिगत जनगणना सिर्फ सामाजिक ढांचे को समझने का जरिया नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा औजार है जिससे यह जाना जा सकता है कि देश के वंचित तबके किस हाल में रह रहे हैं, और सरकार की योजनाएं उन तक किस हद तक पहुंच रही हैं।
2027 में जनगणना क्यों?
सचिन पायलट ने केंद्र द्वारा जारी अधिसूचना पर सवाल उठाते हुए कहा, “जनगणना का जिक्र 2027 से शुरू करने का किया गया है, जो कि पूरी तरह से समझ से परे है। क्या सरकार को पिछड़े वर्गों की सच्चाई जानने में कोई दिलचस्पी नहीं है?” उन्होंने यह भी कहा कि अगर केंद्र ईमानदार है तो उसे तत्काल प्रभाव से जातिगत जनगणना शुरू करनी चाहिए।
जनगणना का मकसद
पायलट ने आगे कहा, ‘जनगणना का मकसद सिर्फ यह पता लगाना नहीं होना चाहिए कि कौन किस जाति से आता है, बल्कि यह भी जानना जरूरी है कि वे लोग किन हालातों में रह रहे हैं। उनकी शिक्षा, आय, सरकारी योजनाओं का लाभ और रोजगार की स्थिति क्या है – इन सभी बातों की जानकारी ही नीतिगत फैसलों की नींव होनी चाहिए।’
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तेलंगाना से लें सीख- सचिन पायलट
सचिन पायलट ने तेलंगाना सरकार की जातिगत जनगणना की प्रक्रिया को आदर्श बताते हुए कहा, “तेलंगाना में यह काम बेहद समझदारी से किया गया है। सरकार ने विशेषज्ञों, तकनीकी लोगों और NGOs को शामिल कर एक समावेशी और विस्तृत जनगणना कराई। यही तरीका पूरे देश में अपनाया जाना चाहिए।”
कांग्रेस का रुख साफ
पायलट ने कांग्रेस पार्टी की ओर से स्पष्ट किया कि पार्टी जातिगत जनगणना को सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं मानती, बल्कि इसे सामाजिक न्याय और नीतिगत फैसलों की दिशा में एक ठोस आधार मानती है। उन्होंने दोहराया कि कांग्रेस की मांग है कि जल्द से जल्द और व्यापक तरीके से जातिगत जनगणना कराई जाए।
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दो चरणों में होगी जातिगत जनगणना
बता दें कि केंद्र सरकार ने सोमवार को अधिसूचना जारी कर जानकारी दी कि देश में जातिगत जनगणना दो चरणों में होगी। पहला चरण 1 अक्टूबर 2026 से जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में शुरू होगा। दूसरा चरण 1 मार्च 2027 से बाकी देश में आरंभ होगा। संदर्भ तिथि सभी राज्यों के लिए 1 मार्च 2027 की रात 12 बजे रखी गई है, जबकि बर्फीले इलाकों में यह तिथि 1 अक्टूबर 2026 होगी।
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