Sanatan News: अमेठी के खरौली गांव में गायब हुए बेटे के नाम पर परिवार से ठगी की कोशिश करने वाला गैंग बहुत शातिर है। इसने यूपी ही नहीं, बिहार और झारखंड में भी इस तरह के कारनामों को अंजाम दिया है। ये उन्हीं परिवारों के घर ठगी करते जाते हैं जिनके बच्चे बहुत साल पहले गायब हो चुके होते हैं।
उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में कुछ दिन पहले ठगी करने का ऐसा अनोखा मामला सामने आया कि जिसने सुना अपना सिर पकड़ लिया। 22 साल पहले गायब हुए बेटे के नाम पर दो ठग गोंडा से खरौली गांव में साधु बनकर पहुंचे। ठग नफीस गांव के उस परिवार के घर गया जिसका बेटा पिंकू दिल्ली से गायब हो गया था। साधु वेशधारी नफीस ने खुद को पिंकू बताया और घरवालों को विश्वास में ले लिया। भिक्षा लेकर जब नफीस वापस जाने लगा तो माता-पिता ने रोते हुए उसे रुक जाने के लिए कहा।
इस पर नफीस ने बताया कि झारखंड के जिस मठ में वह रहता है, अगर उन्हें 10 लाख रुपये दे दिए जाएं तो उसे घर रहने की इजाजत मिल जाएगी। भावुक पिता ने जमीन बेचकर पैसे का इंतजाम किया ताकि सालों पहले बिछड़ा बेटा उनके साथ रह सके। पर कुछ दिन बाद जब नफीस पैसे लेने आया तो उसका भांडा फूट गया। साधु बनकर ठगी करने वाले इस गिरोह ने पहले भी कई वारदात को अंजाम दिया है।
आइए आपको गिनाते हैं पुराने मामले
मिर्जापुर
आपको बता दें 29 जुलाई, 2021 को नफीस का भाई राशिद साधु बनकर मिर्जापुर के चुनार में गांव सहसपुरा परसोधा पहुंचा। यहां रहने वाले बुधिराम विश्वकर्मा का बेटा अन्नू 14 साल पहले गायब हो गया था। अन्नू के नाम पर राशिद इस घर में कुछ दिन रुका और लाखों रुपये का सामान लेकर भाग गया था।
वाराणसी
ऐसी ही घटना वाराणसी के चोलापुर इलाके से भी सामने आई थी। 14 जुलाई, 2021 में हाजीपुर गांव निवासी कल्लू राजभर को बेटा सुनील 15 साल पहले घर से लापता हो गया था। गोंडा निवासी नफीस का ससुर यहां साधु के वेश में पहुंचा था। उसने खुद को कल्लू का बेटा सुनील बताया और फिर लूटपाट कर भाग निकला।
दरभंगा
2 महीने पहले बिहार के दरभंगा जिले में एक परिवार के पास साधु के वेश में एक शख्स आता है। वह 20 साल पहले गायब हुए चाचा के रूप में अपना परिचय देता है। भावुक परिवार चाचा को घर में रहने के कहता है। इस पर साधु उन्हें बताता है कि घर लौटने के लिए वह दो लाख रुपये का भंडारा करना पड़ेगा। दो लाख रुपये लेकर साधु घर से निकल जाता है और वापस कभी लौटकर नहीं आता।
हजारीबाग
अक्टूबर, 2020 में झारखंड (jharkhand) के हजारीबाग के झारपो निवासी कौलेश्वर मिश्र के घर शरीफ नामक एक व्यक्ति आता है। उसने खुद को 17 साल पहले गायब हुआ परिवार का बेटा सुबोध बताया। शरीफ भी भंडारा कराने के नाम पर घर से मोटा पैसा लेकर भाग जाता है। घरवाले उसका इंतजार ही करते रह जाते हैं।
पलामू
कुछ ऐसे ही मामला झारखंड (jharkhand) के पलालू जिले में भी सामने आया है। यहां रहने वाले अभिमन्यु सिंह के यहां 2 साल पहले एक साधु आया था। वह खुद का परिचय 20 साल पहले गायब हुए दादा के रूप में देता है। वह भी भंडारा कराने की बात कह रुपये और सोना लेकर निकल लेता है।