Saurabh Murder Case Update: अंधविश्वासी प्रेमी… अपनी ‘मुर्दा’ मां से बातें करता था सौरभ हत्याकांड का आरोपी , मुस्कान-साहिल की दरिंदगी सुन दहल उठेगा आपका दिल
जिसने भी मेरठ के सौरभ हत्याकांड के बारे में सुना या पड़ा या चैनल्स पर देखा, वो हर शख्स ये सोचने पर मजबूर हो गया कि किसी प्रेम विवाह का इस तरह खौफनाक अंत हो सकता है। इस खौफनाक वारदात में अब नए-नए खुलासे हो रहे हैं।
Saurabh Murder Case Update: जिसने भी मेरठ के सौरभ हत्याकांड के बारे में सुना या पड़ा या चैनल्स पर देखा, वो हर शख्स ये सोचने पर मजबूर हो गया कि किसी प्रेम विवाह का इस तरह खौफनाक अंत हो सकता है। इस खौफनाक वारदात में अब नए-नए खुलासे हो रहे हैं। जांच में सामने आया है कि मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल शुक्ला ने पूरी प्लानिंग के साथ सौरभ की हत्या की। आरोपियों से पुलिस पूछताछ में दिल दहला देने वाले खुलासे हुए हैं। हत्या करने के बाद साहिल ने 24 घंटे तक कटा सिर और कलाइयों से कटे हाथ अपने घर पर अपने कमरे में रखे, वहीं सोया। वहीं, सौरभ का धड़ मुस्कान के कमरे में बेड के बॉक्स में रहा और मुस्कान उसी बेड पर सोई।
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पुलिस (police) अब यह पता लगाने की कोशिश में है कि क्या यह केवल एक प्रेमी की सनक थी, या फिर इसके पीछे कुछ और गहरे, डरावने रहस्य छिपे है. मेरठ (meerut) के सौरभ (saurabh) का मर्डर (murder) कोई आम वारदात नहीं थी, बल्कि एक ऐसी निर्मम हत्या थी, जिसमें प्यार, धोखा, तंत्र-मंत्र व वहशीपन का खौफनाक मिश्रण था सौरभ , एक सीधा-सादा युवक, जिसने कभी नहीं सोचा था कि उसकी शादीशुदा जिंदगी उसे मौत के मुंह तक ले जाएगी. इस केस का सबसे भयानक पहलू है साहिल का घर. जिसकी दीवारें साधारण नहीं है. जो एक सनकी, तंत्र-मंत्र में डूबे खतरनाक इंसान के मनोविज्ञान को दर्शा रही है. पुलिस जब इस मकान में दाखिल हुई, तो उन्हें वहां ऐसी दीवारें दिखीं जो किसी अंधेरे रहस्य को समेटे हुए थीं.
लग रहा था जैसे यह कमरा किसी साधारण व्यक्ति का नहीं, बल्कि किसी खतरनाक सिद्धि साधक या मनोविक्षिप्त हत्यारे का हो. पुलिस को लग रहा है कि साहिल सिर्फ हत्या तक सीमित नहीं था, बल्कि वह अंधविश्वास और काले जादू का भी अंध भक्त है. पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश में है कि क्या यह सिर्फ एक प्रेमी की सनक थी, या फिर इसके पीछे कुछ और गहरे, डरावने रहस्य छिपे है.
जानवरों को दफनाने वाली जगह पर दबाने की थी प्लानिंग
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने नवंबर 2024 में सौरभ को मारने की प्लानिंग बनाई थी। उसे रास्ते से हटाकर दोनों साथ रहना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने नवंबर में ही गांव-गांव जाकर यह पता किया था कि जानवर के मरने पर उसे कहां दबाया जाता है, ताकि हत्या करने के बाद वह सौरभ का शव वहां दबा सकें और किसी को इसका पता भी न चले।
खाने में मिलाई थीं नींद की गोलियां
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि वारदात से कई दिन पहले सौरभ की शराब की बोतल में मुस्कान ने नींद की गोलियां भी मिलाईं थीं, ताकि नशे में होने पर उसकी हत्या की जा सके, लेकिन सौरभ ने इस दौरान शराब नहीं पी। इसके बाद कोफ्तों में नींद की गोलियां मिलाई गईं।
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मुस्कान ने साहिल को कॉल करके घर बुलाया
सौरभ के सोने के बाद मुस्कान ने अपने प्रेमी साहिल को कॉल करके घर बुला लिया। साहिल घर पहुंचा और दोनों ने मिलकर चाकू से ताबड़तोड़ वार कर सौरभ की हत्या कर दी। शव को बाथरूम में ले जाकर उस्तरे से पहले उसकी गर्दन काटी। इसके बाद हाथ और कलाइयों से हाथ काटे। दोनों की योजना शव के टुकड़े-टुकड़े कर पॉली बैग में भरकर अलग-अलग स्थान पर फेंकने की थी। दोनों ने सौरभ के धड़ को पॉली बैग में भरकर वहीं डबल बेड के बॉक्स में रख दिया।
पहले सीने में घोंपा चाकू फिर कर दिए शरीर के टुकड़े
पुलिस की मानें तो, मुस्कान और साहिल (Muskaan and Sahil) ने सौरभ के सीने में चाकू घोंपा और फिर शव को बाथरूम में ले जाकर छुरे से उसके 15 टुकड़े किए। शव सीमेंट में इस कदर धंसा हुआ था कि पोस्टमार्टम के लिए पूरे ड्रम को ही मोर्चरी भेजना पड़ा। पुलिस ने ड्रम तोड़कर शव निकाला, जिसमें सिर, दोनों हाथ, पैर के पंजे अलग-अलग मिले।
1100 रुपये में खरीदे उस्तरा और चाकू
22 फरवरी 2025 को मुस्कान ने शारदा रोड स्थित एक डॉक्टर के यहां अपने को डिप्रेशन का मरीज बताते हुए नींद की गोलियां लिखवाईं, क्योंकि बिना डॉक्टर के पर्चे के नींद की दवाइयां नहीं मिलती हैं। इसके बाद उसने गूगल पर सर्च कर नींद और नशे की गोलियों के कुछ साल्ट और देखे। इन्हें उसने डॉक्टर के पर्चे पर खुद लिखा। वह प्रेमी के साथ खैरनगर पहुंच गई और नींद व नशे की गोलियां लीं। दोनों ने शारदा रोड से मीट काटने वाले 800 रुपये के दो चाकू, 300 रुपये में उस्तरा और पॉली बैग खरीदे। तीन मार्च को सौरभ अपनी मां रेणु के घर से लौकी के काेफ्ते की सब्जी लाया था। उसने कोफ्ते गर्म करने के लिए मुस्कान को दिए। मुस्कान ने सब्जी में नींद की व अन्य नशीली दवाइयां मिला दीं। इसके बाद सौरभ सो गया।
कटा सिर और कलाइयों को बैग में रखकर ले गया था साहिल
कटा हुआ सिर और कलाइयों से कटे हाथ साहिल दूसरे बैग में रखकर अपने घर ले गया। चार मार्च को उन्हें अपने घर कमरे में रखा, मगर उन्हें ठिकाने नहीं लगा सका। 24 घंटे तक सौरभ का सिर और हाथ साहिल के घर रखे रहे। पांच मार्च को उन्होंने घंटाघर से ड्रम खरीदा और पॉली बैग के रखे धड़ को उसमें डाल दिया। कुछ देर बाद साहिल सिर और हाथ ले आया और उन्हें भी ड्रम में डाल दिए। ऊपर से सीमेंट और डस्ट का घोल कर उसमें भरकर उसे सील कर दिया।
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