Sliderट्रेंडिंगदिल्लीन्यूज़बड़ी खबरराज्य-शहर

SC on Delhi Water Crisis: SC ने पानी की बर्बादी रोकने के उपायों पर AAP सरकार से मांगा जवाब

SC seeks response from AAP government on measures to prevent wastage of water

SC on Delhi Water Crisis: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 12 जून को दिल्ली सरकार (Delhi Government) को निर्देश दिया कि वह भीषण गर्मी (Extreme Heat) के दौरान जल संकट (Water Crisis) के बीच पानी की बर्बादी (Wastage of Water) को रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर हलफनामा (Affidavit) दाखिल करे।

कोर्ट ने निर्देश दिया कि हलफनामा आज यानी 12 जून तक दाखिल किया जाए, अब इस मामले की सुनवाई 13 जून को होने की संभावना है।

जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा (Justice Prashant Kumar Mishra) और प्रसन्ना बी वराले (Prasanna B Varale) की अवकाश पीठ (Recessed Bench) ने दिल्ली सरकार से पूछा कि उसने टैंकर माफिया (Tanker Mafia) के कारण पानी की बर्बादी को रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं। दिल्ली सरकार के वकील (Advocate) ने आश्वासन दिया कि पानी की आपूर्ति करने वाले सभी टैंकर दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Water Board) द्वारा संचालित किए जाते हैं।

कोर्ट ने यह भी कहा कि, हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) ने यह भ्रामक बयान (Misleading statements) दिया है कि उनके पास दिल्ली को आपूर्ति करने के लिए 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी है, जबकि वास्तव में उनके पास इतना पानी नहीं हो सकता। कोर्ट ने हिमाचल के पास उपलब्ध अतिरिक्त पानी पर रिपोर्ट तैयार करने वाले अधिकारी को कल यानी 13 जून कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया। हालांकि, हिमाचल के रुख पर अधिक स्पष्टता के अभाव में इन टिप्पणियों को आदेश में दर्ज नहीं किया गया।

अदालत ने कहा, “मुख्य सचिव (हिमाचल प्रदेश के) ने हलफनामा क्यों नहीं दाखिल किया है? हिमाचल प्रदेश कहां है…आपने कहा है कि उनके पास अतिरिक्त पानी है और अब वे कह रहे हैं कि उन्होंने पहले ही पानी दे दिया है, जिसका मतलब है कि अतिरिक्त कुछ नहीं। याचिका का पूरा आधार यह है कि हिमाचल प्रदेश के पास 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी है।”

6 जून को, हिमाचल प्रदेश को राष्ट्रीय राजधानी (National Capital) में जल संकट को कम करने के लिए दिल्ली को 137 क्यूसेक अधिशेष जल छोड़ने का निर्देश दिया, इसे “अस्तित्वगत समस्या” बताया।

न्यायालय की अवकाश पीठ ने कहा, “हम हिमाचल प्रदेश को उपलब्ध 137 क्यूसेक अधिशेष जल की आपूर्ति करने का निर्देश देते हैं।” इसने हरियाणा (Haryana) को हथिनीकुंड बैराज (Hathinikund Barrage) और दिल्ली में वजीराबाद (Wazirabad) में अधिशेष जल (Surplus Water) के प्रवाह को सुगम बनाने का भी निर्देश दिया।

हिमाचल प्रदेश को निर्देश दिया गया था कि वह 7 जून को पानी छोड़े और हरियाणा को पहले से सूचित करे। ऊपरी यमुना नदी बोर्ड (Upper Yamuna River Board) को हथिनीकुंड से आने वाले जल को मापने का निर्देश दिया गया है, जो हरियाणा के यमुना नगर में है और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सहारनपुर (Saharanpur) की सीमा से भी जुड़ा है।

सुनवाई के दौरान, हिमाचल सरकार (Himachal Government) ने न्यायालय को बताया कि उसके पास अधिशेष जल है और वह इसे साझा करने के लिए तैयार है।

हरियाणा ने तर्क दिया कि, यह सत्यापित करने का कोई साधन नहीं है कि हिमाचल द्वारा वास्तव में जल छोड़ा गया था या नहीं, क्योंकि इसे राज्य से होकर गुजरना होगा। राज्य ने जल की उपलब्धता पर हिमाचल द्वारा प्रदान किए गए डेटा का विश्लेषण करने के लिए समय मांगा।

हालांकि, न्यायालय ने कहा कि दिल्ली का जल संकट एक अस्तित्वगत समस्या (Existential problem) है। अदालत ने 3 जून को ऊपरी यमुना नदी बोर्ड को राजधानी के जल संकट पर चर्चा के लिए तत्काल बैठक (Urgent meeting) बुलाने का आदेश दिया था।

दिल्ली का जल संकट:

दिल्ली सरकार ने अदालत को बताया कि, भीषण गर्मी के बीच पानी की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री (Chief Minister) अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) से हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अपनी सरकारों से राष्ट्रीय राजधानी को एक महीने के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए कहने का भी आग्रह किया।

यमुना नदी पर बना हथिनीकुंड बैराज, जो दिल्ली से लगभग 200 किलोमीटर दूर है, हरियाणा सरकार द्वारा नियंत्रित है। बैराज से पानी तीन दिशाओं में छोड़ा जाता है। पूर्वी यमुना नहर (Eastern Yamuna Canal) सिंचाई के लिए उत्तर प्रदेश में पानी ले जाती है, जबकि पश्चिमी यमुना नहर (Western Yamuna Canal) सिंचाई के लिए हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में पानी ले जाती है। शहर की पेयजल मांग को पूरा करने के लिए कुछ पानी को दिल्ली में उपचार संयंत्रों (Treatment Plants) में भी भेजा जाता है। पानी को दिल्ली पहुंचने में दो से तीन दिन लगते हैं। बचा हुआ पानी यमुना में छोड़ दिया जाता है।

Chanchal Gole

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button