ट्रेंडिंगन्यूज़

आजम से जेल मिलने पहुंचा दूसरा सपा विधायक, अखिलेश विरोधी खेमे की राजनीति गरमायी

नई दिल्ली: सीतापुर की जेल में बंद वरिष्ठ सपा नेता व रामपुर के विधायक आजम खान से अब सीतापुर के विधायक रविदास मल्होत्रा जेल में जाकर मुलाकात कर आये हैं। पिछले सप्ताह सपा विधायक व प्रसपा के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने आजम खान से मिलने सीतापुर जेल गये थे। शिवपाल के बाद अब दूसरे सपा विधायक के आजम खान से जेल मिलने जाने के बाद से सपा में अखिलेश विरोधी राजनीति गरमाने लगी है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराज चल रहे शिवपाल यादव ने कुछ दिन पूर्व बातों ही बातों में अपने भतीजे अखिलेश पर कई निशाने साधते हुए संदेश देने की कोशिश की थी कि बहुत जल्द ही अखिलेश को आजम खान की उपेक्षा करने की बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। चर्चा ये भी है कि आजम खान और शिवपाल यादव दोनों ही अखिलेश के व्यवहार से व्यथित हैं और ये दोनों मिलकर अखिलेश को सबक सिखाने के लिए मुस्लिम और यादव गठजोड़ के आधार पर उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा धमाका कर सकते हैं।
प्रदेश के मुस्लिम अखिलेश के खिलाफ अपने स्वर मुखर करने लगे हैं। वे कहते हैं कि मुस्लिमों ने विधान सभा चुनाव में एकजुटता दिखाते हुए सपा के पक्ष में मतदान किया था और मुस्लिमों के दम पर ही सपा के 111 विधायक चुने जा सके थे। सपा प्रदेश में भले ही सरकार नहीं बना पायी, लेकिन सहयोगी दलों सहित 125 विधायकों वाला मजबूत मुख्य विपक्षी दल है, लेकिन इस सबके बावजूद अखिलेश यादव इन दिनों अपनी ही पार्टी के नेताओं के निशाने पर हैं।

azam khan news: पूर्व कैबिनेट मंत्री के समर्थन में एसपी की साइकल यात्रा, अब  सपा को क्यों याद आए आजम खान - azam khan may join congress that is way  samajwadi party
AZAM KHAN


समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को अब उनकी ही पार्टीं के विधायक और नेता ही आईना दिखाने के काम में लगे हैं। पिछले दिनों वरिष्ठ सपा नेता व रामपुर के विधायक आजम खान के मीड़िया प्रभारी फसाहत अली खान ने अखिलेश यादव आजम खान की उपेक्षा करने और उनकी जेल की रिहाई के लिए कुछ न करने के आरोप लगाने के बाद सपा समर्थक माना जाने वाला एक बड़ा मुस्लिम वर्ग अखिलेश यादव से नाराज और उनकी मुखाफत पर उतर आया है।

और पढ़िये- मातोश्री पर हनुमान चालीसा की ज़िद, सांसद नवनीत राणा के सामने शिवसेना की राजनीति पड़ी फीकी
उधर अखिलेश इस कोशिश में लगे हैं कि किस तरह से समाजवादी पार्टी को केवल मुस्लिम और यादव की पार्टी होने की छवि से बाहर निकाला जाये। इसलिए वे इन दिनों बहुत सोच समझकर बयान दे रहे हैं, लेकिन फिलहाल उन्हें कोई सफलता मिलती नजर नही आ रही है। इसके उल्ट उन्हें सपाईयों का ही विरोध और आलोचनाओं का झेलना पड़ रहा है। अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव ही उन्हें सबसे बड़ी राजनीतिक पटखनी दे सकते हैं।

editorial

editor

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button