Gold Scheme Scam: कोर्ट ने पुलिस (Police) को गोल्ड स्कीम में एक निवेशक को धोखा देने के मामले में बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी कुंद्रा ( Bollywood Actress Shilpa Shetty Kundra), उनके पति राज कुंद्रा (raj kundra) और अन्य के खिलाफ शिकायत की जांच करने का निर्देश दिया है। आपको बता दें कि शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा ने 2014 में ” Satyug Gold Private Limited ” नाम से एक कंपनी बनाई थी। इस योजना के तहत तहत इन्वेस्टर्स (investors) को शुरुआत में डिस्काउंट रेट पर सोने का पूरा भुगतान करना था और बदले में उन्हें तय समय पर उस स्कीम की मैच्योरिटी डेट पर उन्हें सोना मिलता। इस मामले में उन्हें धोखाधड़ी की जांच का कोर्ट ने दिया आदेश।
मुंबई (Mumbai) की एक अदालत (court) ने पुलिस (police) को फिल्म स्टार शिल्पा शेट्टी, उनके पति राज कुंद्रा और कुछ अन्य व्यवसायों के खिलाफ लगाए गए धोखाधड़ी के आरोप की जांच करने का आदेश दिया है, जो “स्वर्ण निवेश योजना” निवेशक के हिस्से के रूप में उनसे जुड़े हैं। अतिरिक्त बैठकें न्यायाधीश एन पी मेहता के मंगलवार के फैसले के अनुसार, कुंद्रा दंपत्ति, उनके द्वारा स्थापित फर्म सतयुग गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड Satyug Gold Private Limited , दो अन्य निदेशक और कंपनी के एक कर्मचारी सभी प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराधों के आरोपी हैं।
इसके साथ ही अदालत ने बीकेसी पुलिस थाने को ‘ऋद्धि सिद्धि बुलियंस’ के मैनेजिंग डायरेक्टर पृथ्वीराज कोठारी की तरफ से की गई शिकायत में लगाए गए आरोपों की जांच करने का आदेश दिया। जज ने पुलिस (Police) को दिए आदेश में कहा है कि अगर आरोपियों का कोई संज्ञेय अपराध पाया जाता है तो धोखाधड़ी, क्राइम (crime) और भरोसा तोड़ने के लिए भारतीय दंड संहिता ( Indian Penal Code) की संबंधित धाराओं के तहत उनके खिलाफ FIR दर्ज की जाए।
कुंद्रा दंपती ने साल 2014 में की थी एक योजना शुरूआत
अपनी दर्ज की गई शिकायत मे कोठारी ने कहा कि कुंद्रा दंपत्ति ने 2014 में एक योजना शुरू की थी। इसमें निवेश के करने वालों के लिए स्कीम थी कि उन्हें आवेदन करते समय डिस्काउंट रेट (discount rate) पर सोने का एडवांस पेमेंट (advance payments) करने की बात कही गई थी और फिर स्कीम की मैच्योरिटी पर उन्हें तय अमाउंट में सोना दिया जाना था।
वादे के मुताबिक नही दिया गया उतना सोना
आरोपी द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर, कोठारी की शिकायत में कहा गया है कि उन्होंने 5 साल की योजना के तहत 90,38,600 रुपये जमा किए थे, इस शर्त पर कि 2 अप्रैल, 2019 को उन्हें 5,000 ग्राम 24 कैरेट सोना (gold) मिलेगा। हालांकि, उन्हें कभी भी उतनी मात्रा में सोना नहीं मिला, जिसका फर्म ने उन्हें आश्वासन दिया था।
‘पूरी तरह से फर्जी योजना बनाकर रची साजिश
शिकायत में कहा गया है कि इस तरह आरोपियों ने एक पूरी तरह से फर्जी योजना बनाकर साजिश रची और एक साथ मिलकर IPC धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात से जुड़ी धाराओं के तहत दंडनीय अपराध किया है।