प्रयागराज: श्रीकृष्ण जन्म भूमि-शाही ईदगाह मामले में रोज सुनवाई होने के आदेश देने संबंधी याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की एकल पीठ में गुरुवार को सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण आदेश में कहा कि मथुरा की सिविल कोर्ट इस केस से जुड़ी सभी अर्जियों को निपटारा चार महीने में भीतर करे। यदि किसी मामले में दूसरा पक्ष यानी यूपी सुन्नी सेंट्रल वफ्फ बोर्ड गैर हाजिर रहता है, तो उस स्थिति में एक पक्षीय फैसला सुनाया जाए। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद इस प्रकरण के शीघ्र ही निस्तारित होने की उम्मीद जाग गयी है।
बता दें कि मथुरा की अदालत में श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से दायर याचिका में यूपी सुन्नी सेंट्रल वफ्फ बोर्ड को पक्षकार बनाया गया है। इस याचिका में श्रीकृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि को मुक्त कराने, श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर से शाही ईदगाह-मस्जिद हटाने और मथुरा में मामले की प्रतिदिन सुनवाई होने संबंधी आदेश पारित करने और मथुरा में होने वाली सुनवाई हाईकोर्ट अपनी निगरानी में कराये जाने की मांग की गयी थी।
ये भी पढ़े– China में कोरोना ने बजाया खतरे का सायरन! आने वाले महीनों में 15 लाख से ज्यादा मौत की आशंका!
श्रीकृष्ण जन्म भूमि-शाही ईदगाह संबंधी वाद मथुरा की एक अदालत में लंबित है। इस मामले में वादी श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास और पक्षकार शाही ईदगाह है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास की ओर से मथुरा की अदालत में दायर वाद में दावा किया है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में बनी शाही ईदगाह अवैध है। इसलिए इस भूमि को उसके वास्तविक स्वामी श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास को सौंपा जाए। न्यास के अधिवक्ता महेन्द्र प्रताप सिंह का कहना है कि शाही ईदगाह को श्रीकृष्ण मंदिर तोड़कर बनाया गया था। हिन्दू पक्ष चाहता है कि जल्द से जल्द से इस वाद का निपटारा हो।