Sukhbir Badal: बिक्रम मजीठिया पर विदेशी फंडिंग के आरोप निराधार, सुखबीर बादल का मुख्यमंत्री भगवंत मान को जवाब
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ लगाए गए विदेशी फंडिंग और आय से अधिक संपत्ति के आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
Sukhbir Badal: शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ लगाए गए विदेशी फंडिंग और आय से अधिक संपत्ति के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान को खुली चुनौती देते हुए कहा कि यदि सरकार यह साबित कर दे कि 2007 से अब तक सराया इंडस्ट्रीज लिमिटेड को एक रुपये की भी विदेशी फंडिंग मिली है, तो वे राजनीति से सन्यास ले लेंगे।
दिसंबर 2005 में हुई थी एकमात्र विदेशी फंडिंग
सुखबीर सिंह बादल ने स्पष्ट किया कि सराया इंडस्ट्रीज को केवल दिसंबर 2005 में विदेशी फंडिंग प्राप्त हुई थी, जब अमेरिका स्थित क्लियरवाटर कॉर्पोरेशन ने कंपनी में 25 फीसदी हिस्सेदारी के बदले 35 करोड़ रुपये का निवेश किया था। यह लेन-देन पूरी तरह से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी से हुआ था।
उन्होंने यह भी बताया कि बिक्रम मजीठिया ने 2007 में राजनीति में प्रवेश किया था और उन्हें सराया इंडस्ट्रीज में केवल 11 फीसदी का हिस्सा विरासत में मिला, जिसका कंपनी के रोजमर्रा के कामकाज से कोई संबंध नहीं रहा।
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टैक्स विभाग की जांच में सब कुछ पारदर्शी
बादल ने कहा कि सराया इंडस्ट्रीज के सभी वित्तीय लेन-देन की जांच आयकर विभाग द्वारा की जा चुकी है, और सभी लेन-देन को वैध माना गया है। गन्ना खरीद और डिस्टिलरी से जुड़े नकद लेनदेन की भी जांच की गई थी, जिसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं पाई गई।
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा सराया इंडस्ट्रीज में 540 करोड़ रुपये के विदेशी निवेश का जो दावा किया जा रहा है, वह पूरी तरह से गलत, भ्रामक और दुर्भावना से प्रेरित है। इसका उद्देश्य सिर्फ मजीठिया को बदनाम करना है।
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मजीठिया को फंसाने के लिए डीजीपी पर डाला गया दबाव
सुखबीर बादल ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने 24 जून की रात राज्य के डीजीपी को फोन कर दबाव डाला था कि वे मजीठिया के खिलाफ मामला दर्ज करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने डीजीपी को धमकी दी थी कि अगर सुबह तक मामला दर्ज नहीं हुआ तो उन्हें हटा दिया जाएगा। इसके तुरंत बाद, रात 10:40 बजे सतर्कता विभाग को पत्र भेजा गया और 25 जून की सुबह 4:40 बजे मजीठिया के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कर दिया गया।
सुखबीर बादल का यह बयान साफ संकेत देता है कि अकाली दल मजीठिया के बचाव में पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। उन्होंने यह भी संकेत दिए कि यह मामला राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है और मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है। अब देखना यह है कि सरकार इस चुनौती का क्या जवाब देती है और कानूनी प्रक्रिया किस दिशा में आगे बढ़ती है।
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