नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को धारा 124 ए कानून की समीक्षा होने तक देशद्रोह के नये केस दर्ज करने पर रोक लगा दी है। अब जब तक देशद्रोह कानून की पुनरीक्षण नहीं हो जाता तब तक केन्द्र सरकार और राज्यों सरकारें किसी भी व्यक्ति के खिलाफ इस धारा के तहत न तो नया मुकदमा लिखवा सकेंगी और न ही किसी पुराने मामले की जांच में इस धारा को बढा सकेंगी।
कोर्ट के इस आदेश के बाद एक तरह से धारा 124 ए की स्थिति अप्रत्यत्क्ष रुप से निलंबित जैसी रहेगी। इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई के तीसरे सप्ताह में होनी तय हुई है।
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चीफ जस्टिस रमना ने कहा कि जो भी लोग इस धारा के तहत जेलों में बंद हैं, वे संबंधित अदालतों में अपनी जमानत के लिए अर्जी लगा सकते हैं। वरिष्ट अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया था कि देश भर में इस धारा के तहत लगभग 13 हजार लोग विभिन्न जेलों में बंद हैं।