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छत्तीसगढ़ में सर्वे रिपोर्ट ने बढ़ाई बीजेपी की टेंशन, संघ हुआ सक्रिय!

Chhattisgarh Election News: पांच राज्यों में चुनाव है और बीजेपी (BJP) की परेशानी कुछ ज्यादा ही बढ़ी हुई है। बीजेपी की सबसे ज्यादा परेशानी तो मध्य प्रदेश में है जहां उसे सरकार बचाने की चुनौती है। बीजेपी मानकर चल रही है कि मध्य प्रदेश में उसकी सत्ता बची रही और और राजस्थान और छत्तीसगढ़ भी उसके हाथ आ जाए। बीजेपी (BJP) की चाहत तो तेलंगाना में भी सरकार बनाने की है और मिजोरम में भी। उसकी चाहत तो अनंत है। अंतिम चाहत यही है कि जहां भी चुनाव हों वहां बीजेपी की ही सरकार बने। अब तक बीजेपी को सरकार बनाने की आदत लगी थी। लेकिन कुछ समय से ऐसा नहीं हो रहा है। कुछ ऑपरेशन भी चलाये गए लेकिन सफलता नहीं मिली। बीजेपी की मुश्किल यही सब है।

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लेकिन चुनावी राज्यों में बीजेपी की सबसे ज्यादा परेशानी छत्तीसगढ़ में बढ़ी हुई है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है और मुख्यमंत्री हैं भूपेश बघेल। बघेल काफी संघर्ष से यहां तक पहुंचे हैं और उनकी पकड़ राज्य में काफी गहरी है। इसलिए बीजेपी का कोई भी दाव चल नहीं रहा है। अब जब सामने चुनाव है तो बीजेपी (BJP) को फिर से कड़ी चुनौती भी मिल रही है। बीजेपी भूपेश सरकार को हर संभव घेरना तो चाह रही है लेकिन दाव उलटा ही पड़ रहा है। हताश बीजेपी बार-बार सर्वे भी करा रही है लेकिन परिणाम यही आते हैं कि कांग्रेस की फिर से जीत होने वाली है। हालांकि यह सब एक सर्वे के परिणाम भर हैं। प्रदेश के सभी मतदाताओं के रुझान नहीं। लेकिन जो कहानी सामने आती दिख रही है वह बीजेपी को हैरान करने वाली है।

बीजेपी इस बार पूरी ताकत के साथ बघेल सरकार को चुनौती देने में तो लगी है लेकिन बीजेपी (BJP) को कोई बड़ा लाभ मिलता नहीं दिख रहा है। बीजेपी प्रदेश की सभी 90 विधान सभा सीटों पर बड़े स्तर पर अपने लोगों को तैनात कर रखी है लेकिन जनता का रुझान बदलता नहीं दिख रहा है। कई सर्वे कराये गए लेकिन कांग्रेस के पक्ष में ही रुझान मिलते दिख रहे हैं। बीजेपी के लोग कोई कमाल नहीं दिखा पा रहे हैं। ऐसे में अब संघ ने छत्तीसगढ़ की कमान अपने हाथ में ले ली है। अब खबर है कि संघ के नेताओं को छत्तीसगढ़ के हर जिले और हर विधान सभा सीटों पर उतारा गया है। ये सभी नेता लोगों से हर रोज मिल रहे हैं। लोगों को बीजेपी और हिंदुत्व की बात को रख रहे हैं लेकिन बघेल सरकार के काम के सामने देश की जनता बदलने को तैयार नहीं। अब संघ के लोग भी परेशान होते दिख रहे हैं।

छत्तीसगढ़ को किसी भी सूरत में बीजेपी को जीतना है। लेकिन कैसे? पार्टी के पास कहने को तो कई असरदार कोई भी नहीं। कहने को तो पूर्व सीएम रमन सिंह भी सक्रिय है लेकिन अब उनका इकबाल भी ख़त्म हो गया है। कई आदिवासी नेता भी बीजेपी के पास हैं लेकिन कांग्रेस के सामने उनके खेल चल नहीं पा रहे हैं। ऐसे में बीजेपी अब संघ के बड़े नेताओं के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ में चुनावी समीकरण बनाती दिख रही है लेकिन कोई लाभ मिलता नहीं दिख रहा है।

बीजेपी (BJP) ने अभी संघ के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ के हर संभाग में नए-नए नेताओं को उतारा है। ये सभी नेता हर रोज करीब सौ लोगों से मुलाकात करते हैं और पार्टी को मजबूत करने के लिए लोगों का समर्थन मानते हैं। संघ का अपना रुतबा आदिवासी क्षेत्रों में काफी है लेकिन जो हालत है उससे साफ लगता है कि इन सभी संभागों में कांग्रेस के लोग भी काफी सक्रिय है और प्रदेश के लोग भी कांग्रेस के प्रति ज्यादा लॉयल भी है। ऐसे में बीजेपी और संघ के लोग चाहकर भी कांग्रेस को तोड़ नहीं पा रहे हैं।

बीजेपी का सबसे ज्यादा जोड़ बस्तर संभाग में है। यहां झारखंड के संगठन महासचिव कर्मवीर को तैनात किया गया है। इस संभाग में सात जिले हैं और कुल 12 विधान सभा और दो लोकसभा की सीटें हैं। इन इलाकों में बीजेपी ने संघ से जुड़े कुछ और नेताओं को भी मैदान में उतार दिया है। ये सभी बंगाल में काम कर रहे थे। बंगाल से जुड़े संघ के लोगों को विलासपुर में भी तैनात किया गया है। इस संभाग में आठ जिले आते हैं और यहां विधान सभा की 25 सीटें है और लोकसभा की चार सीटें हैं। लेकिन अभी तक ये सभी बाहरी लोग भी कांग्रेस के गणित को चुनौती नहीं दे पा रहे हैं। यही वजह है कि बीजेपी की चिंता काफी बढ़ी हुई है।

कहा जा रहा है कि इस बार बीजेपी (BJP) को कुछ लाभ तो हो सकता है लेकिन बघेल की सरकार को हटा पाने में अभी असमर्थ है। बीजेपी को लाभ तभी मिल सकता है जब प्रदेश की जनता बघेल सरकार के खिलाफ खड़ी होगी। जो अभी दिख नहीं रहा है और यही बीजेपी की सबसे बड़ी परेशानी है।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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