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Taliban India Relations: भारत के साथ मिकर पाकिस्तान की छुट्टी करना चाहता हैं अफगानिस्तान!

अफगानिस्तान हरहाल में भारत से संबंध सुधारने को आतुर है और उधर से पहल हो रही है कि भारत से राजनयिकरिश्ते बहाल हो. भारत जिस तरह से पहले अफगानिस्तान में इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने व अस्पताल , पुल ,सड़क जैसी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए काम कर रहा था.

Taliban India Relations: तालिबान और पाकिस्तान के बीच चल रहा विवाद किसी से छुपा नही हैं पाकिस्तान और अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के बीच सीमा विवाद बीते काफी समय से चल रही है. इसी के चलते दोनों देशों के सैनिकों में कई बार झड़प भी हुई वहीं भारत और तालिबान के रिश्तों की बात करें तो अफगानिस्तान में खाने के संकट के समय भरपूर मदद भेजी गई. कई बार गेंहू की बड़ी खेप भी अफगानिस्तान भेजी गई जिसके बाद तालिबान भी भारत का शुक्रिया करता हुआ दिखाई दिया अब एक बार फिर से भारत और तालिबान के बीच दोस्ती नई ऊंचाई पर पहुंचने जा रही हैं. भारत और तालिबान सरकार के बीच रणनीतिक सहयोग बढ़ने जा रहे है .

भारत से राजनयिक रिश्ते चाहता है अफगानिस्तान

अफगानिस्तान हरहाल में भारत से संबंध सुधारने को आतुर है और उधर से पहल हो रही है कि भारत से राजनयिकरिश्ते बहाल हो. भारत जिस तरह से पहले अफगानिस्तान में इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने व अस्पताल , पुल ,सड़क जैसी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए काम कर रहा था. तालिबान हुकूमत पाकिस्तान के हस्तक्षेप से परेशान है लिहाजा वह भारत से रिश्ते सुधारने के लिए तैयार है. इसी कड़ी में अफगान तालिबान ने नई दिल्ली में उस नजीब शाहीन को राजदूत बनाना चाहता हैं जो मुहम्मद सुहैल शाहीन के बेटे हैं. सुहैल शाहीन वही शख्श है जो कतर में तालिबान के अफगानिस्तान से निकलने के लिए डील की थी.

पाकिस्तानी डीप स्टेट से परेशान

अन्तराष्ट्रीय राजनीतिक में गिव एंड़ टेक चलता है इसलिए अफगानिस्तान की तरफ से यह भी संदेश आया है कि यदि भारत अफगानिस्तान के साथ राजनयिक रिश्ते मजबूत करता है तो बदले में वह अन्तराष्ट्रीय मंचों पर भारत का समर्थन करेगा.

एक अफगान अधिकारी के मुताबिक अफगानिस्तान अपने यहां पाकिस्तान की भूमिका को खत्म करना चाहता हैं. अभी वह जरूरी चीजों के लिए उस पर निर्भर करता है और पाकिस्तान का डीप स्टेट उसके यहां बुरी तरह संलिप्त है. डीप स्टेट पाकिस्तान की सेना, पुलिस न्यापालिका, खुफिया, मीडिया और अभिजात्य वर्ग का ऐसा अनौपचारिक समूह है जो काफी प्रभावी हैं. यह समूह नही चाहता कि तालिबान के भारत से अच्छे संबंध बने इसलिए विदेशी मामलों में भी निर्देशित करता है.

तालिबान को भारत पर भरोसा

यह बात किसी से नही छिपी है कि पाकिस्तान की इस नीति से तालिबान नाराज है और वह इससे मुक्ति चाहता है दोनो देश की सेनाओं में लड़ाई भी हो चुकी है जिसकी वजह से आपस में तनाव बढ़ा है तालिबानी भारत की भीमिका अपने देश में बढाना चाहता हैं इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में वह बुरी तरह पिछड़ा हुआ हैं.

अफगानिस्तान में अस्पताल नही


अफगानिस्तान में 1000 लोगों पर केवल 0.33 डॉक्टर्स है जबकि अन्तराष्ट्रीय मानक 2.5 का है वहा पर केवल 134 अस्पताल है लिहाजा अफगानिस्तान स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत की मदद चाहता है भारत तालिबान से रिश्ते बढाने को लेकर जल्दबाजी में नही है और ठोक बजाकर परखने के बाद ही आगे बढना चाहता है. तालिबान यह कहकर भारत को आश्र्वस्त करना चाह रहा है कि 2021 के बाद अफगानिस्तान ने पाकिस्तानि आतंकी संगठन लश्कर की भूमिका को काफी हद तक कम कर दिया है.

Written By । Prachi Chaudhary । Nationa Desk । Delhi

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