Kolkata Doctor Murder Case: कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में महिला प्रशिक्षु डॉक्टर की हत्या और यौन उत्पीड़न के आरोपी ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। कोलकाता पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी है। आरोपी संजय रॉय के मोबाइल में एक पोर्न वीडियो भी मिला है। सूत्रों के मुताबिक संजय रॉय सिविक पुलिस के तौर पर जाना जाता है। इसे मुख्य रूप से बंगाल पुलिस के मदद के लिए बनाया गया था। यह पपलिस कल्याण बोर्ड का भी हिस्सा था और यही वजह थी कि वह आसानी से अस्पताल जा सकता था। उसे सुबह करीब 4 बजे अस्पताल में घुसते देखा गया। सीसीटीवी फुटेज में वह पुलिस से सवाल करता नजर आ रहा है।
सूत्रों के हवाले से बताया कि आरोपी के ईयरफोन बहुत अहम सुराग थे, क्योंकि अस्पताल में दाखिल होने के समय वह ईयरफोन पहने हुए था। हालांकि, जब वह बाहर आया तो ईयरफोन गायब था। सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने ईयरफोन जब्त कर लिए हैं। इससे उन्हें केस सुलझाने में मदद मिली।
आपको बता दें कि रॉय को शनिवार को गिरफ्तार कर 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। आरोपी पर बीएनएस की धारा 64 (बलात्कार) और 103 (हत्या) के तहत आरोप लगाए गए और उसे सियालदह कोर्ट में पेश किया गया। वहां उसे 23 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
राजभवन ने एक्स पर एख पोस्ट साझा किया। उस पोस्ट में लिखा था कि राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने राज्य सरकार से कहा है कि वो मामले में तत्काल कार्रवाई करे और एक रिपोर्ट उस आधार पर पेश करे। उस पोस्ट में आगे लिका गया, “राज्यपाल ने राज्य सरकार से इस मामले में तत्काल कार्रवाई कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। राज्यपाल उचित कार्रवाई के लिए इस मामले को भारत सरकार के समक्ष भी उठा रहे हैं। राज्यपाल उचित कार्रवाई के लिए भारत सरकार के समक्ष भी मामला उठा रहे हैं।”
सीएम ममता ने आरोपियों के लिए मौत की सजा की मांग की
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मामले में दोषी के लिए मौत की सजा की मांग करने की कसम खाई है। बनर्जी, जो बंगाल में विभिन्न भ्रष्टाचार के मामलों में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जांच की मांग करने वाली भाजपा का कड़ा विरोध करने के लिए जानी जाती हैं, उन्होंने कहा कि यदि छात्र और उनके परिवार वाले सीबीआई जांच की मांग करेंगे तो उनकी सरकार को इसमें कोई आपत्ति नहीं होगी।
उन्होंने कहा, “उन्हें किसी भी जांच एजेंसी से संपर्क करने का पूरा अधिकार है, अगर उन्हें लगता है कि वह बंगाल सरकार पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। इस बात से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।” उन्होंने अधिकारियों को मामले को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ले जाकर सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया।