Kanwar Yatra 2024: इस साल सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू हो रहा है। सावन का महीना 22 जुलाई से 19 अगस्त तक चलता है। सावन का महीना कांवड़ यात्रा की शुरुआत का महीना है। कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से शुरू होगी। कई राज्यों ने कांवड़ यात्रा की तैयारियां शुरू कर दी हैं। कांवड़ यात्री जिन्हें कांवड़िये के नाम से जाना जाता है, वे सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर गंगा नदी से पवित्र जल लाते हैं। यह जल निकाला जाता है और उसके बाद भगवान शिव को अर्पित किया जाता है। हिंदू धर्म में कांवड़ यात्रा भगवान शिव के प्रति समर्पण और प्रेम का प्रतीक है।
कांवड़ यात्रा की कहां से होती हैं शुरुआत?
कांवड़ यात्रा की शुरुआत हरिद्वार या गंगा जल भरने के बाद शुरू होती है। कांवड़िए गंगा नदी से जल भरते हैं। वे फिर सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करके भगवान शिव के मंदिर पहुंचते हैं। इनमें कई कांवड़िए पैदल सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करते हैं। कांवड़ यात्रा के कई रूट हैं, लेकिन सबसे लोकप्रिय मार्ग हरिद्वार से देवघर तक जाता है।
क्यों कठिन होती है ये यात्रा
कांवड़ यात्रा को एक बेहद चुनौतीपूर्ण अभियान माना जाता है। कांवड़िये को एक बड़ी कांवड़ अपने सिर या कंधे पर उठानी होती है – जिसमें गंगा जल भरा होता है – ताकि वह लंबी दूरी तय कर सके। यात्रा की कठिनाई के कारण, शुरू करने से पहले शारीरिक फिटनेस बहुत ज़रूरी है। कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कांवड़ यात्रा शिविर का आयोजन किया जाता है। ये शिविर सरकार, धार्मिक संगठनों और सामाजिक संगठनों द्वारा लगाए जाते हैं। यूपी में कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर के जरिए पुष्पवर्षा की जाती है।
इन रास्तो से गुजरेगी यात्रा
कांवड़ यात्रा मार्गों पर हरिद्वार, देहरादून, ऋषिकेश, हाथरस, बुलंदशहर, दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, प्रयागराज, वाराणसी आदि स्थानों पर कांवड़ यात्रा शिविर लगाए जाते हैं। पूरे सावन के महीने में कांवड़ यात्री बम-बम भोले, जय शिव के जयकारे लगाते हैं। कांवड़ यात्रा सिर्फ एक तीर्थयात्रा नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक एकता, सद्भाव और भाईचारे का प्रतीक भी है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
इस महीने शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा पर उत्तर प्रदेश के हेलीकॉप्टरों की नजर रहेगी और वे कांवड़ियों पर आसमान से फूल भी बरसाएंगे। इस दौरान राज्य के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा के अधिकारियों और मेरठ, सहारनपुर, अलीगढ़ और मुरादाबाद मंडलों के शीर्ष पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की। कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए खास निर्देश दिए गए हैं।
दिल्ली में भी तैयारी तेज
इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने कांवड़ यात्रा की तैयारियां तेज कर दी हैं। कांवड़ यात्रा के लिए पूरे शहर में 200 शिविर लगाए जाएंगे। पूर्वी दिल्ली में इनकी संख्या और भी ज्यादा होगी। राजस्व विभाग के एक प्रतिनिधि के अनुसार, 200 शिविरों में से 40 पूर्वी दिल्ली में 30, शाहदरा में 17 और उत्तर पूर्वी दिल्ली में 40 होंगे। बाकी शिविर दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर लगाए जाएंगे। इन शिविरों में कांवड़ यात्रियों को बिजली, पानी और शौचालय जैसी सुविधाएं मिलेंगी। इसके अलावा, कांवड़ यात्रियों के लिए पंखे भी लगाए जाएंगे। 25 और 26 जुलाई के बीच श्रद्धालुओं की संख्या सबसे ज्यादा होने के मद्देनजर विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।